
Sun Stroke prevention : देश में इन दिनों लोग भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत के कई शहरों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है। कई राज्यों में भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया है। IMD की ओर से जारी किए गए अलर्ट में कहा गया है कि आने वाले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में लू का कहर जारी रहेगा। गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने से शरीर का बॉडी टेंपरेचर भी बढ़ता है। यही वजह है कि गर्मियों में लोगों को लंबे समय तक बाहर न रहने की सलाह दी जाती है। गर्मी में ज्यादा देर तक धूप के संपर्क में रहने से लू लगने और सन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। सन स्ट्रोक को हीट स्ट्रोक के रूप में भी जाना जाता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसकी वजह से आपको कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। गर्मी के मौसम में अगर आपको भी सन स्ट्रोक जैसी समस्या होती है, तो आज हम आपको कुछ आयुर्वेद उपाय बताने जा रहे हैं। इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर गर्मी में न सिर्फ स्ट्रोक से बचा जा सकता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है।
इसे भी पढ़ेंः गर्मियों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खाएं ये फ्रूट्स
सन स्ट्रोक से बचने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने हालही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में डॉ दीक्षा भावसार ने सन स्ट्रोक से बचने के आयुर्वेदिक उपाय शेयर किए हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
1. दोपहर में सोना (दिवा-स्वपा)
आयुर्वेद में दोपहर की नींद को दिवा-स्वपा कहा जाता है। डॉ दीक्षा भावसार का कहना है कि गर्मियों के मौसम में सूरज और गर्म तापमान शरीर की ज्यादा ऊर्जा सोख लेता है। ऐसे में दोपहर में थोड़ी देर सोने से शरीर की एनर्जी को रीस्टोर करने में मदद करती है। इतना ही नहीं, दोपहर में थोड़ी देर सोने से मानसिक और शारीरिक थकान से भी राहत मिलती है। एक्सपर्ट का कहना है कि दोपहर में खाना खाने के 1 घंटे बाद सोना अच्छा होता है।
View this post on Instagram
2. खुली हवा में सोना
एक्सपर्ट का कहना है कि आयुर्वेद में रात को खुली हवा में (चंद्रमा की रोशनी) सोना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। गर्मियों के दौरान रात में खुली हवा में सोने से (विशेष रूप से चंद्रमा के नीचे/चंद्रमा की ओर मुंह करके सोना) दिन के दौरान होने वाली थकावट से राहत मिलती है। चांदनी मन और शरीर को ठंडा करती है और आपको अच्छी नींद लेने में मदद करती है। डॉ दीक्षा भावसार का कहना है कि गर्मियों में जहां तक संभव हो रात को एसी, कूलर और पंखे की बजाय बाहर खुली हवा में सोना चाहिए।
इसे भी पढ़ेंः लू (हीट वेव) लगने का संकेत हैं ये लक्षण, शरीर पर ऐसे पड़ता है असर
3. प्राकृतिक रूप से ठंडा पानी
आज कल लोग तन और मन को ठंडा करने के लिए फ्रिज का पानी पीते हैं। फ्रिज का पानी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट गर्मी के मौसम में मिट्टी के बर्तन में पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा करके पीने की सलाह देते हैं। मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने से पानी के विटामिन और मिनरल्स शरीर के ग्लूकोज लेवल को बनाए रखते हैं। इससे शरीर को प्राकृतिक ठंडक मिलती है। साथ ही, लू और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं भी नहीं होती है।
गर्मी के मौसम में ज्यादातर लोग पैकेट वाले जूस, कोला और अन्य हेल्थ ड्रिंक पीते हैं। इस तरह के ड्रिंक थोड़ी देर तो शरीर को ठंडक देते हैं, लेकिन लंबे समय में सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं। डॉ दीक्षा भावसार का कहना है कि गर्मी में शरीर को सन स्ट्रोक से बचाने के लिए आयुर्वेदिक ड्रिंक्स जैसे बिल्व (बेल), सौंफ, पुदीना, नारियल पानी, गन्ने का रस, सत्तू, गुलकंद के शरबत का सेवन करना चाहिए।
Pic Credit: Freepik.com