नेचुरोपैथी का नाम आपने सुना ही होगा। बता दें कि जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है। नैचुरल तरीके से व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जाती है। जड़ी बूटियां (Ayurvedic Herbal) नेचुरलपैथी में अहम भूमिका निभाती है। इनके पानी के सेवन से कई समस्याओं को दूर किया जाता है। बता दें कि जड़ी बूटियों से बना मसाला जब पानी में घुलता है तो अनेक पोषक तत्वों को जन्म देता है। कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हमारे आस-पास मौजूद हैं, जिनके बारे में आज हम अपने लेख में बताने वाले इन जड़ी-बूटियों को पानी (Benefits Ayurvedic Herbal Waters) में मिलाने से आप समस्या को दूर कर सकते हैं। जानते हैं इनके बारे में...
1 - तुलसी का पानी
तुलसी का पौधा हर घर में पाया जाता है। लोग ना केवल इसकी पूजा करते हैं बल्कि इसकी पत्तियों से कई समस्याओं को दूर करने के लिए पेस्ट या काढ़ा भी बनाते हैं। ऐसे में बता दें कि तुलसी के पानी से भी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। सबसे पहले जानते हैं कि तुलसी का पानी कैसे तैयार करें तो आप तुलसी के पत्तों को तोड़कर पानी में डालकर कुछ देर के लिए उबालें और इसका सेवन करें। तुलसी के पानी से आप कई समस्या को दूर कर सकते हैं। वहीं अगर तुलसी के भीगे हुए पत्तों का लेप चेहरे पर लगाया जाए तो त्वचा की समस्या भी दूर होती है। यह मूत्रवर्धक के रूप में भी काम करता है। गुर्दे की समस्या को दूर करने के साथ-साथ रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने का भी काम इसी के माध्यम से किया जा सकता है। तुलसी के पत्ते से बना पानी पेट को साफ कर सकता है।
इसे भी पढ़ें- बुखार से लेकर आंखों के रोगों तक कई समस्याओं में फायदेमंद होता है नागरमोथा, जानें इसके फायदे
टॉप स्टोरीज़
2 -धनिया का पानी
थायराइड की समस्या को दूर करने में धनिया का पानी बेहद उपयोगी है। सबसे पहले जानते हैं कि पीने का पानी कैसे तैयार करें। तो बता दें कि रात भर धनिये को भिगोकर अगले दिन उस पानी का सेवन करें। इससे अलग यदि आपने धनिया को रात भर भिगोया भी नहीं है तो तब भी आप आधे चम्मच धनिये को एक गिलास पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उससे छानकर ठंडा करके पिएं। बता दें कि धनिये के पानी से एसिडिटी को ठीक किया जा सकता है वही यह एंटीसेप्टिक के रूप में भी काम करता है जिससे मुंह का अल्सर आदि समस्या को दूर किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें- कालमेघ (हरा चिरायता) में होते हैं कई बेहतरीन औषधीय गुण, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके प्रयोग और फायदे
3 - मेथी का पानी
मेथी का उपयोग बाल बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। मेथी के तेल से बालों की अनेक समस्याओं को दूर कर सकते हैं। बता दें कि मेथी के अंदर एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। ऐसे में यह पेट की अन्य समस्याओं जैसे पेट फूलना, दर्द होना आदि समस्या को दूर करने में बेहद मददगार है। इस पानी का सेवन डायबिटीज से ग्रस्त मरीज का कर सकते हैं और अपने शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। बता दें कि मेथी के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर में पानी के रिटेंशन को बढ़ने नहीं देते हैं। ऐसे में आप रात भर पानी में मेथी के बीजों को डालकर भिगोएं। ऐसा करने से पानी का रंग पीला हो जाएगा। अगले दिन उसका सेवन करें।
4 - दालचीनी का पानी
बता दें कि दालचीनी स्वाद में मीठी और इसकी गंध बेहद तेज होती है> इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को कई समस्याओं से दूर रखते हैं। अगर इसका का प्रयोग खाने में किया जाए तो यह पाचन तंत्र में कार्बोहाइड्रेट जो टूटते की प्रक्रिया को कम करती है। साथ ही रक्त में शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करती है। यह मुंह की समस्या को दूर करने से के साथ-साथ दांत को सड़ने से रोकती है। साथ ही सांस की बदबू को दूर करने में भी यह बेहद मददगार है। ऐसे में हम दालचीनी पानी का सेवन कर सकते हैं। आप खाने के बाद भी दालचीनी के पानी का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से कई समस्याएं दूर रहेंगे और शरीर में उर्जा बनी रहेगी।
नोट- ऊपर दी गई चीजों का सेवन करने से शरीर की समस्या को दूर कर सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तो अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इससे अलग गर्भवती महिलाएं इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क करें। बता दें कि हर शरीर की तासीर अलग होती है ऐसे में यदि आपको इसके सेवन से किसी भी तरह की एलर्जी या असामान्यता नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी के कहने पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन ना करें।
Read More Articles on Ayurveda in hindi