प्रेग्नेंसी (Pregnancy Symptoms) में खान-पान का बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। थोड़ी सी भी की गई लापरवाही होने वाले बच्चे पर भारी पड़ सकती है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy Symptoms) में खाने की कुछ चीजों की बिल्कुल मनाही होती है जबकि कुछ चीजें सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। डायटीशियन कामिनी कुमारी कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना होता है। इसलिए इस दौरान खानपान के लिए विशेष साबधानी की जरूरत होती है। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में...
बिना धुली हुई चीजें (Unwashed Items)
फल और सब्जियों के छिलकों पर कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं। इनमें सबसे खतरनाक टोक्सोप्लाज्मा बैक्टीरिया (Toxoplasma bacteria) होता है। जब आप फलों और सब्जियों को बिना धोए और छीले खाते हैं तो ये बैक्टीरिया आपके पेट में चले जाते हैं। कुछ लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं जबकि कुछ लोगों में फ्लू की शिकायत हो जाती है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy Symptoms) में इस बैक्टीरिया की वजह से बच्चे की आंख में दिक्कत हो सकती है और उसका विकास भी रुक सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को सब्जियों को अच्छी तरह धोकर, छील कर और पकाकर खाने चाहिए। फलों को भी ठीक तरह से धुलना चाहिए।
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ज्यादा मर्करी वाली मछली (High mercury fish)
मर्करी एक बहुत जहरीला तत्व है जिसे सुरक्षित नहीं माना जाता है। ये प्रदूषित पानी में पाया जाता है। मर्करी की ज्यादा मात्रा नर्वस सिस्टम, इम्यून सिस्टम और किडनी को खराब कर देती है। इसकी थोड़ी भी मात्रा होने वाले बच्चे के विकास पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। चूंकि, ये प्रदूषित समुद्रों में पाया जाता है, इसलिए बड़ी समुद्री मछलियां मर्करी अधिक मात्रा में जमा कर लेती हैं। इसलिए, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को मर्करी वाली मछली नहीं खानी चाहिए। ज्यादा मर्करी वाली मछलियों में शार्क, किंग मैकरल, टूना, स्वोर्डफिश, मर्लिन और ऑरेंज रौफी आती हैं।
अधपका और प्रोसेस्ड मीट (Undercooked and processed meat)
अधपका या कच्चा मीट भी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानिकारक है। इसे खाने से टोक्सोप्लाज्मा, लिस्टेरिया और सैल्मोनेला जैसे कई तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) हो सकते हैं। ये होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बच्चे को गंभीर न्यूरोलॉजिकल (Neurological) बीमारी हो सकती है। अधिकांश बैक्टीरिया मांस के ऊपर जबकि कुछ मीट के अंदर पाए जाते हैं। इन मीट को कभी कच्चा या अधपका नहीं खाना चाहिए। पैटीज और बर्गर वाले प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें। स्टोरेज में रखने के दौरान इनमें कई तरह के संक्रमण हो जाते हैं।
कच्चे स्प्राउट्स (Raw sprouts)
स्प्राउट्स खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन कच्चे अंकुरित स्प्राउट्स प्रेंग्नेंसी में नहीं खाने की सलाह दी जाती है। अंकुरित मूंग वाले कच्चे स्प्राउट्स में सैल्मोनेला बैक्टीरिया (Salmonella bacteria) पनप सकते हैं। धोने के बाद भी ये बैक्टीरिया स्प्राउट्स में रह जाते हैं। अच्छा होगा कि आप प्रेग्नेंसी में इन्हें पकाकर ही खाएं।
फास्ड फूड (Fast Food)
प्रेग्नेंसी में बच्चे के विकास के लिए सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर चीजें खानी चाहिए। इस समय फास्ड फूड से दूरी बना लें। जंक फूड में पोषक तत्व नहीं होते हैं और इनमें शुगर, फैट और कैलोरी बहुत ज्यादा पाई जाती है। जंक फूड खाने से वजन तेजी से बढ़ता है और इससे डिलीवरी के समय कई तरह की दिक्कत आ सकती है। प्रेग्नेंसी के समय अपनी डाइट में खूब सारे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन, फोलेट और आयरन शामिल करें।
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