
दौड़-कूद करने वाले बच्चों की तादाद दिनोदिन कम होती जा रही है। दिन भर कंप्यूटर, फोन पर मौजूद गेम्स खेलने के कारण बच्चे आउटडोर गेम्स से दूरी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में उनके शारीरिक विकास पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। अगर शुरुआत में ही पेरेंट्स ने बच्चों पर ध्यान नहीं दिया तो वे सुस्त और आलसी बन सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
पेरेंट्स क्या करें-
- अपने बच्चों को रोज बाहर जाने के लिए प्रोत्साहित करें। जब भी उसकी दिनचर्या बनाएं, तो खेलने के समय को भी एड करें।
- अगर आपका बच्चा शर्मीले स्वभाव का है तो उसे खुद दूसरे बच्चों से मिलवाएं। इससे न केवल उसकी झिझक मिटेगी साथ ही वो कुछ दिन बाद मिल-जुलकर खेलना शुरू कर देगा।
- अगर बच्चों की किसी स्पोर्ट एक्टिविटी में ज्यादा रुचि है तो उसे कोचिंग दिलाने की जल्दबाजी न करें। अकसर माता-पिता ऐसी गलती कर देते हैं। शुरू में उन्हें अपने शौक के अनुसार खेलने दें, जिससे उन्हें खुशी का अनुभव हो। थोड़ा समझदार होने पर उनके लिए ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध कराएं।
- ध्यान रखें कि बच्चे का मन पढ़ाई से न हटे। उसकी दिनचर्या इस हिसाब से बनाएं कि वे दोनों के बीच बैलेंस बनाकर चले।
- कई बार खेल में हारने के बाद बच्चे उदास हो जाते हैं और फिर दोबारा उस गेम को नहीं खेलते। उनका मनोबल टूट जाता है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वे अपने बच्चे को हार जीत का फर्क समझाएं। साथ ही उन्हें सीखने के लिए प्रेरित करें।
अपने घर को बनाएं स्कूल
वैसे तो बच्चों को स्कूल में काफी एक्टिविटीज़ कराई जाती हैं लेकिन घर पर उनके व्यक्तित्व का विकास होता है। अगर 2 से 3 साल के बच्चों को पेरेंट्स पार्क में लेकर जाते हैं तो बाहर जाकर खेलना उनकी दिनचर्या में जुड़ जाएगा और वे स्कूल में भी गेम एक्टिविटीज का हिस्सा बनेंगे। इससे उनके अंदर शुरुआत से ही टीम भावना विकसित होगी।
बच्चों का साथ खुद भी रहें फिट
छोटा परिवार सुखी परिवार पर अमल करने वाले घरों में अगर बच्चे को खूलने-कूदने का मौका न दिया जाए तो वे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में उनके साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं। इसका अच्छा तरीका यह है कि बच्चे के साथ खुद भी बाहर खेलने निकलें। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए तो अच्छा है ही साथ ही आपको बच्चों के दोस्तों को भी जानने का मौका मिलेगा। यदि आपका बच्चा बड़ा है तो उसके साथ क्रिकेट और बैडमिंटन खेलें। इससे भावनात्मत रूप से भी आपके रिश्ते मजबूत रहेंगे।
इसे भी पढ़ें- बच्चों पर ये 3 खतरनाक प्रभाव डालती है ऑनलाइन गेम की लत
आउटडेर गेम्स के फायदे
- डिप्रेशन से छुटकारा
- टीम भावना उत्पन्न होगी
- सेहत अच्छी रहेगी
- हार को स्वीकरना आएगा
- झिझक मिटेगी
- आत्मविश्वास बढ़ेगा
- स्कूल में रहेंगे सबसे आगे
- स्पोर्ट एक्टिविटी की तरफ रुचि बढ़ेगी
Read More Articles On Tips For Parents