इन्फेक्शन, सही ढंग से स्किन का ध्यान न रखने पर स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। स्किन से जुड़ी सबसे कॉमन एक्जिमा की समस्या एटॉपिक डर्मेटाइटिस ( Atopic Dermatitis in Hindi) है, इस समस्या में आपकी स्किन लाल और खुजलीदार हो जाती है। यह समस्या शिशुओं में सबसे ज्यादा होता है। यह एक तरह की एक्जिमा की समस्या है जो काफी लंबे समय तक बनी रह सकती है। यह समस्या अस्थमा या 'हे फीवर' के कारण भी हो सकती है। इस समस्या का कोई भी सटीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन अगर आप सही ढंग से अपनी स्किन का ध्यान रखते हैं तो इस समस्या से बचाव किया जा सकता है। स्किन पर कठोर साबुन का इस्तेमाल न करने, नियमित रूप से स्किन को मॉइस्चराइज करने और सही लाइफस्टाइल को अपनाकर आप इस समस्या से बचाव कर सकते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण (Atopic Dermatitis Symptoms in Hindi)
एटॉपिक डर्मेटाइटिस की समस्या सबसे ज्यादा बच्चों में देखने को मिलती है। इस समस्या में स्किन पर खुजली और सूजन हो सकती है इसके अलावा स्किन लाल हो जाती है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं। स्किन पर लाल रंग के चकत्ते और खुजली होना इसका सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है। डॉ. निरुपमा पुष्कर्ण, त्वचा रोग विशेषज्ञ, कॉस्मेटोलॉजिस्ट के मुताबिक इस समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
टॉप स्टोरीज़
- स्किन पर लाल चकत्ते।
- स्किन का शुष्क होना।
- खुजली (रात के समय में सबसे ज्यादा)।
- स्किन रैशेज।
- स्किन से लिक्विड निकलना।

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के कारण (Atopic Dermatitis Causes)
एटॉपिक डर्मेटाइटिस की समस्या हर व्यक्ति में अलग-अलग कारणों से हो सकती है। इस समस्या में आपकी स्किन से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं। सबसे ज्यादा यह समस्या एलर्जी के कारण होती है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस कुछ लोगों में आनुवंशिक कारणों से भी हो सकती है। अगर आपकी स्किन हेल्दी है तो यह आपको बैक्टीरिया, एलर्जी आदि से बचाने का काम करती है। लेकिन कुछ लोगों को आनुवांशिक कारणों से यह समस्या हो जाती है जिसके कारण उनकी स्किन खराब हो जाती है। खाने-पीने से जुड़ी एलर्जी के कारण भी कुछ बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है। आनुवांशिक कारणों के अलावा एटॉपिक डर्मेटाइटिस की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
- मौसम में बदलाव के कारण।
- अत्यधिक पसीना निकलने के कारण।
- डिटर्जेंट और केमिकल्स का इस्तेमाल।
- स्किन का शुष्क होना।
- कपड़ों से एलर्जी के कारण।
- तनाव और अवसाद के कारण।
एटॉपिक डर्मेटाइटिस का इलाज और बचाव (Atopic Dermatitis Treatment And Prevention)
एटॉपिक डर्मेटाइटिस की समस्या की जांच करने के लिए डॉक्टर किसी विशेष परीक्षण का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इस समस्या में डॉक्टर स्किन का बारीकी से अध्ययन कर स्थिति की पहचान करते हैं। इस समस्या के लक्षण दिखने पर आपको त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह समस्या मरीज को काफी लंबे समय तक परेशान कर सकती है। समय पर इसका लक्षण पहचानकर डॉक्टर की सलाह के आधार पर इलाज लेना इस समस्या में फायदेमंद माना जाता है। मरीज की स्थिति के आधार पर डॉक्टर उन्हें क्रीम आदि के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इसके अलावा इस समस्या से बचाव के लिए कठोर साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एलर्जी के लक्षणों को पहचान कर आप इस समस्या को ट्रिगर करने वाले कारकों के बारे में जान सकते हैं।
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टॉपिक एक्जिमा जीवन के प्रारंभिक दिनों में, आम तौर पर 2 महीने से 18 महीने के बीच की आयु के शिशुओं, में उभरता है। शिशुओं में, एटॉपिक एक्जिमा मुख्यतः चेहरे, गर्दन, कान और धड़ को प्रभावित करता है। यह पैरों के शीर्ष या कोहनियों के आगे भी दिखाई देता है। बड़े बच्चों, किशोरों और वयस्कों में एटॉपिक एक्जिमा, आमतौर पर कोहनी के अंदर वाले मोड़ की शिकन, इसके साथ साथ घुटने, टखने या कलाई के जोड़ों, हाथों, और ऊपरी पलकों में भी उत्पन्न हो सकता है। एक्जिमा के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
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