होने वाली बीमारी के बारे में पहले से बता देगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डॉक्टर्स को मिलेगी ट्रेनिंग

चिकित्सा के क्षेत्र में मशीनों के प्रयोग से बहुत सारे रोगों का इलाज आसान हुआ है। मशीनों के बाद अब 'मशीनी बुद्धि' यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग धीरे-धीरे चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ रहा है। हाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के प्रयोग से कैंसर और अल्जाइमर जैसे रोगों की शुरुआत में ही पहचान करना आसान हो गया है।
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होने वाली बीमारी के बारे में पहले से बता देगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डॉक्टर्स को मिलेगी ट्रेनिंग


चिकित्सा के क्षेत्र में मशीनों के प्रयोग से बहुत सारे रोगों का इलाज आसान हुआ है। मशीनों के बाद अब 'मशीनी बुद्धि' यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग धीरे-धीरे चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ रहा है। हाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के प्रयोग से कैंसर और अल्जाइमर जैसे रोगों की शुरुआत में ही पहचान करना आसान हो गया है। जल्द ही चंढ़ीगढ़ पीजीआई में डॉक्टरों को इस बात की ट्रेनिंग दी जाएगी कि वो रोगों की पहचान करने में किस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग कर सकते हैं।

बीमारी होने से पहले ही चल जाएगा पता

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रेडियोलॉजी के क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी। इस तकनीक के द्वारा किसी व्यक्ति में बीमरी की शुरुआत से पहले ही इसका पता लगा लिया जाएगा, जिससे व्यक्ति में उस रोग की संभावना को ही खत्म किया जा सके। पीजीआई के रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के हेड, प्रोफेसर एम. एस. संधू का कहना है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में ये तकनीक बहुत जरूरी है।

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ऐसा न समझें कि अब डॉक्टरों की जरूरत नहीं पड़ेगी

आपको बता दें कि विदेशों में मेडिकल केयर के क्षेत्र में इस तकनीक का इस्तेमाल आजकल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। लेकिन भारत में रेडियोलॉजिस्ट्स इस तकनीक के प्रयोग से घबराते हैं। यूके के एक रिसर्स सेंटर के प्रमुख रेडियोलॉजिस्ट प्रोफेसर संजय गांधी ने कहा कि, 'इस तकनीक के आने से चिकित्सकों की जरूरत नहीं खत्म होगी। ये तकनीक डॉक्टरों की मदद करेगी, जो डॉक्टरों को निर्णय लेने (इलाज के संबंध में) में मदद करेगी। पीजीआई में इस बात पर भी काम चल रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ब्रेस्ट कैंसर का पता बिना किसी सर्जरी के लगाया जा सके।

क्या है आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस Artificial Intelligence(AI) कंप्यूटर और रोबोटिक्स की दुनिया में क्रांति जैसी है। यह किसी रोबोट को बुद्धि या समझ देने जैसा है। एआई युक्त रोबोट या यंत्र अपने आसपास के परिवेश के हिसाब से खुद फैसले करने में सक्षम होते हैं। बस ये समझ लीजिए कि इंसान की बुद्धि प्रकृति प्रदत्‍त होती है जबकि रोबोट में इंसान बुद्धि डालता है। इस टर्म को कंप्‍यूटर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी से जोड़ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यह हॉलीवुड की उन फिल्मों जैसा है, जिसमें हीरो अपने रोबोट से बातें करता है और सलाह लेता है।

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गूगल ने भी बनाया है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

हाल में गूगल ने भी एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाया है, जो आंखों के रेटिन की जांच करके ही आपके पूरे स्वास्थ्य के बारे में बता देगा। इस तकनीक में आपकी आंखों को स्कैन करते ही आपकी सेहत के बारे में सभी बातें पता चल जाएंगी। इन जानकारियों में किसी व्यक्ति की उम्र, ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और एल्कोहल संबंधी आदतें शामिल हैं। इस तकनीक की खास बात ये है कि इससे व्यक्ति के दिल के बारे में काफी जानकारियां मिलेंगी, जिससे हृदय रोगों का सही समय से इलाज और बचाव करना संभव हो पाएगा।

इनपुट्स- हेल्थवर्ल्ड

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