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गठ‍िया या अर्थराइट‍िस से बचने के ल‍िए अपनाएं डॉक्‍टर के बताए ये 5 टिप्स

Arthritis Prevention Tips: गठ‍िया रोग के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न महसूस होती है। डॉक्‍टर से जानें इस बीमारी से बचने के कुछ आसान ट‍िप्‍स।
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गठ‍िया या अर्थराइट‍िस से बचने के ल‍िए अपनाएं डॉक्‍टर के बताए ये 5 टिप्स

Arthritis in Hindi: हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने के कारण गठ‍िया रोग या अर्थराइट‍िस होता है। इस बीमारी के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन आ जाती है। ये बीमारी वैसे, तो बुजुर्गों में देखी जाती थी लेक‍िन गलत लाइफस्‍टाइल और पोषक तत्‍वों का सेवन न करने के कारण आजकल ये बीमारी युवाओं में भी आम होती जा रही है। इसका एक बड़ा कारण कैल्‍श‍ियम की कमी भी है। हड्ड‍ियों को लंबे समय तक स्‍वस्‍थ्‍य रखने के ल‍िए बचपन से ही कैल्‍श‍ियम युक्‍त चीजों का सेवन क‍िया जाना चाह‍िए। गठ‍िया रोग से बचने के ल‍िए कुछ आसान ट‍िप्‍स हैं ज‍िन्‍हें आजमाने से बीमारी के खतरे को कम क‍िया जा सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

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1. हफ्ते में 5 द‍िन कसरत जरूर करें

हफ्ते में 5 द‍िन कसरत करें। इससे मसल्‍स को मजबूती म‍िलेगी। हल्‍की कसरत से शुरुआत करें। वॉक करें, साइक‍िल चलाएं और स्‍ट्रेच‍िंग करें। स्‍ट्रेच‍िंग करने से जोड़ों में लचीलापन बना रहता है। कसरत नहीं करना चाहते, तो रोजाना 40 म‍िनट वॉक करें। टहलने से भी कैलोरीज बर्न होती हैं और जोड़ों को हेल्‍दी रखने में मदद म‍िलती है।

इसे भी पढ़ें- गठिया क्यों होता है? डॉक्टर से जानें कारण और बचाव के उपाय

2. ओमेगा 3 फैटी एस‍िड का सेवन करें

ओमेगा 3 फैटी एस‍िड की मदद से गठ‍िया रोग से बच सकते हैं। डॉक्‍टर की सलाह पर इसका सेवन करें। ओमेगा सप्‍लीमेंट में EPA और DHA  का कॉन्बिनेशन मिलता है। ये हड्ड‍ियां, हार्ट, बालों को हेल्‍दी रखने में मदद करता है। इसके अलावा लहसुन को डाइट में शाम‍िल करें। लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो गठ‍िया रोग से बचाव में फायदेमंद माना जाता है। मेथी में भी एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं। इस मौसम में ताजी मेथी बाजार में म‍िल जाएगी, हफ्ते में 1-2 बार मेथी का सेवन कर सकते हैं।

3. गठ‍िया रोग के लक्षणों पर गौर करें 

बीमारी से बचने के ल‍िए लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है। जोड़ों में दर्द गठ‍िया रोग के कारण हो रहा है या नहीं, इसकी पुष्टि डॉक्‍टर ही कर सकते हैं। समय-समय पर डॉक्‍टर से लक्षणों की जांच करवाएं। गठ‍िया रोग के लक्षणों की बात करें, तो गठ‍िया होने पर मांसपेश‍ियों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा हमेशा सुस्‍ती, थकान, ऊर्जा में कमी, भूख की कमी, जोड़ों में दर्द, चलने-बैठने में दर्द और बुखार आने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

4. ब्‍लड शुगर स्‍तर को न‍ियंत्र‍ित करें 

ज्‍वॉइंट्स को हेल्‍दी रखने के ल‍िए शुगर लेवल का स्‍तर न‍ियंत्र‍ित रखना जरूरी है। खून में शुगर का स्‍तर बढ़ने से ज्‍वॉइंट्स को सपोर्ट देने वाले ट‍िशूज पर जोर पड़ता है। शुगर लेवल कंट्रोल करने के ल‍िए मीठी चीजों का सेवन न करें। डाइट में फाइबर र‍िच फूड्स को शाम‍िल करें। गठ‍िया रोग से बचने के ल‍िए वजन को न‍ि‍यंत्र‍ित रखना भी जरूरी है। ह‍िप्‍स और ज्‍वॉइंट्स पर प्रेशर पड़ने से गठ‍िया रोग का खतरा बढ़ जाता है।

5. जोड़ों में चोट न लगने दें 

जोड़ों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने और गठ‍िया रोग से बचने के ल‍िए चोट‍िल होने से बचें। गंभीर रूप से जोड़ों में इंजरी होने से बचना चाह‍िए। स्‍पोर्ट्स खेलते समय या कसरत करते समय जोड़ों को सुरक्ष‍ित रखें। गठ‍िया रोग से बचने के ल‍िए धूम्रपान का सेवन करने से भी बचना चाह‍िए। अर्थराइट‍िस से बचने के ल‍िए हेल्‍दी डाइट और सही लाइफस्‍टाइल फॉलो करें।

Arthritis Prevention Tips: गठ‍िया रोग से बचने के ल‍िए रोजाना कसरत करें। वजन और ब्‍लड शुगर स्‍तर को कंट्रोल करें। 50 की उम्र के बाद समय-समय पर ज्‍वॉइंट्स का चेकअप करवाएं।

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