Arthritis Causes In Hindi: लोगों में इन दिनों जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। कलाई, घुटने, टखने, कंधे यहां तक कि रीढ़ और गर्दन में दर्द आदि समस्याओं का लोग आए दिन सामना कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है, कि आखिर इस तरह की समस्याएं क्यों होती है? दरअसल, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द का एक बड़ा कारण अर्थराइटिस (arthritis) यानी गठिया रोग है। लोग आमतौर पर इस तरह की समस्याओं का काफी नजरअंदाज करते हैं और इसे रोजाना कि सामान्य गतिविधियों से जोड़ते हैं, जिससे यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और गंभीर रूप ले लेती है। बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं, कि गठिया क्यों होता है? इसे कैसे पहचानें और इससे कैसे बचा जा सकता है। इस पर अधिक जानकारी के लिए हमने डॉ श्रुति बजद (Dr. Shruti Bajad) सलाहकार रूमेटोलॉजिस्ट और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट से बात की।
ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) एक स्पेशल सीरीज लेकर आया है जिसका नाम है 'बीमारी को समझें'। जिसमें हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारणों के बारे में समझाते हैं। आज इस सीरीज में आज हम जानेंगे गठिया क्यों होता है (gathiya kyon hota hai)? किन कारणों से होता है (gathiya ke karan) और इससे बचने के उपाय।
गठिया क्यों होता है- gathiya kyon hota hai
डॉ श्रुति के अनुसार गठिया या आर्थराइटिस (Click Here To Know More About Arthritis) की समस्या तब होती है जब उम्र या समय के साथ कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है। कार्टिलेज एक संयोजी ऊतक है, यह शरीर के कई हिस्सों में होता है। यह सख्त और लचीला पदार्थ या सामग्री होती है। जो आसानी डैमेज हो जाता है। यह टिश्यू रबड़ के जैसे और काफी महीन होते हैं। जो हमारी हड्डियों और जोड़ों के बीज में कुशन का काम करते हैं। जब इन कार्टिलेज कुशन को नुकसान पहुंचता है, तो इससे जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कार्टिलेज टिश्यू हमारे शरीर के कई कार्यों में बहुत अहम भूमिका निभाता है। यह जोड़ों में घर्षण को कम करने में मदद करता है। साथ ही जब हम चलते-फिरते या दौड़ते हैं साथ ही झुकने या स्ट्रेचिंग जैसी गतिविधियां करते हैं, यह यह हमारे शरीर के वजन सपोर्ट प्रदान करते हैं। यह हमारी हड्डियों को एक साथ और जोड़े रखने में भी मदद करता है। खासकर हमारी पसली की हड्डियों को एक साथ रखने में यह बहुत अहम भूमिका निभाता है। यहां तक कि शरीर के कुछ अंग तो पूरी तरह से लगभग कार्टिलेज से ही बने होते हैं। जब इन्हें नुकसान पहुंचता है तो इससे दर्द उससे प्रभावित हिस्से में दर्द की समस्या होने लगती है
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अर्थराइटिस से बचाव के उपाय- Tips To Prevent Arthritis
डॉ. श्रुति के अनुसार, गठिया का एक बड़ा कारण खराब खानपान और जीवनशैली की आदते हैं। यह एक आजीवन रहने वाली समस्या है। हालांकि जीवनशैली में बदलाव के साथ गठिया के दर्द को कम किया जा सकता है और नियंत्रित रखा जा सकता है। जैसे...
- शरीर की वजन ज्यादा न बढ़ने दें।
- फिजिकल एक्टिविटी करते रहे हैं, लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे या लेटे नहीं।
- नियमित एक्सरसाइज और योग करें। वॉकिंग, स्विंग और साइक्लिंग जैसी एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, लेकिन ज्यादा तेज मूवमेंट न करें।
- संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
- गर्म पानी से नहाएं और मांसपेशियों और जोड़ों की सिकाई करें। साथ ही गर्म तेल से जोड़ों की मालिश करें।
- जंक और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से सख्त परहेज करें।
- शराब पीने और स्मोकिंग से बचें।
डॉक्टर के पास कब जाएं
डॉ. श्रुति के अनुसार के अनुसार गठिया की शुरुआत में कई संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं...
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गठिया के संकेत और लक्षण: Signs And Symptoms of Arthritis In Hindi
- बुखार, सारा दिन थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- अंगों में गंभीर दर्द का अनुभव होना, जो बर्दाश्त के बाहर हो
- शरीर गर्म होने और त्वचा पर लाल चकत्ते की समस्या।
- दर्द से प्रभावित अंगों में सूजन
- जोड़ों के आसपास गांठ होना
- हाथ-पैर हिलाने पर तकलीफ, दर्द और चटकने की आवाज
अगर आप इस तरह के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो ऐसे में समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें और सही उपचार लें।
Dr. Shruti Bajad- Consultant Rheumatologist And Clinical Immunologist
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