
कुछ लोगों को दिल की धड़कने कभी तेज तो कभी धीमी महसूस होती हैं। दिल की धड़कने अनियमित होना एक गंभीर समस्या है। रात के समय भी कुछ लोगों को ये समस्या महसूस होती है। इसके पीछे कई कारण होते हैं। खानपान व जीवनशैली की खराब आदतों की वजह से भी लोगों को हृदय संबंधी समस्या होती हैं। रात को जब दिल की धड़कने अनियमित होती है तो इससे व्यक्ति को घबराहट, पसीना और बैचेनी होने लगती है। साथ ही इस परेशानी के कारण रात के समय में नींद भी नहीं आती है। इस लेख में हम दिल की धड़कनें अनियमित होने के लक्षण, कारण और इलाज के विषय में जानेंगे। दिल की धड़कनों के अनियमित होने के विषय में हमने एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. शुभम गायकवाड़ से बात कि तो उन्होंने इस विषय को विस्तार से बताया।
दिल की धड़कनों के अनियमित होने के लक्षण
रात के समय दिल की धड़कनों में परिवर्तन होने पर आपको कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। इनमें से कुछ लक्षणों को आगे बताया गया है।
- दिल तेजी से धड़कना,
- दिल की धड़कने धीमी होना,
- सीने में दर्द महसूस होना,
- सांस लेने में परेशानी होना,
- चक्कर आना,
- पसीना आना,
- थकान व आदि।
इसे भी पढ़े : बच्चों को भी हो सकती हैं हार्ट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं, जानें इनके बारे में
दिल की धड़कनों के अनियमित होने के कारण
हृदय की ये समस्या किसी व्यक्ति के दिल की धड़कनों की दर या लय में आने वाली परेशानी को उजागर करती है। हृदय की इलैक्टिकल इंप्लस जब ज्यादा तेज या कम होती हैं तो धड़कने तेज या धीमी हो जाती है। इस समस्या के निम्न कारण हो सकते हैं।
- हृदय की धमनियों में रूकावट आना, (कोरोनरी धमनी रोग)
- हृदय की संरचना में परिवर्तन, जैसे कार्डियोमायोपैथी,
- डायबिटीज होना,
- हाई बीपी,
- हाइपर एक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हाइपरथायरायडिज्म)
- स्लीप एप्निया
- अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हाइपोथायरायडिज्म)
- बिना डॉक्टरी सलाह के सर्दी व एलर्जी की दवा लेना,
- दवाई का साइड इफेक्ट,
- धूम्रपान करना,
- तनाव या चिंता, आदि।
इसे भी पढ़े : सोते समय दिल की धड़कन क्यों बढ़ जाती है? जानें कारण और उपाय
रात में दिल की धड़कनें अनियमित होने का इलाज
रात के समय में दिल की धड़कनों के अनियमित होना इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी स्थिति क्या है। कुछ लोगों के दिल की धड़कनें तेज (टैचीकार्डिया) होती हैं, जबकि कुछ को हृदय गति धीमी (ब्रैडीकार्डिया) होती है। जबकि कई लोगों को इलाज की आवश्यकता नहीं होती हैं।
यदि दिल की धड़कनों के अनियमित होने से आपको हृदय संबंधी अन्य रोगों का जोखिम अधिक हो तो ऐसे में मरीज का इलाज दवाओं, थैरेपी और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।
दिल की किसी भी तरह की समस्या में आपको तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई बार देर होने से मरीज की स्थिति खराब हो सकती है।