अरोमाथेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जो कि कई हजारों सालों से चली आ रही है। इसका उपयोग तनाव को दूर करने से लेकर दर्द, जलन और कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है। अरोमाथेरेपी सेशन में कुछ चिकित्सा और जीवन शैली की स्थितियों को कम करने में मदद करने के लिए मरहम लगाने वाले खुशबूदार एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।
इस थेरेपी की मदद से आप कुछ स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि नींद न आना, सिरदर्द और वजन कम करने और तनाव से राहत पाने के लिए अरोमाथेरेपी की मदद ले सकते हैं। वैसे देखा जाए, तो अधिकांश एसेंशियल ऑयल पौधों के अर्क से प्राप्त होते हैं और इनका उपयोग सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को इन प्राकृतिक तेलों पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया हो सकती है। आइए हम आपको बताते हैं कि यदि आप भी अरोमाथेरेपी लेने की सोच रहे हैं, तो इससे पहले इसके दुष्प्रभावों के बारे में जान लें।
हार्मोन संतुलन को कर सकता है गड़बड़
वैसे तो अरोमाथेरेपी काफी फायदेमदं साबित होती है, लेकिन कुछ एसेंशियल ऑयल हार्मोनल संतुलन में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि कई एसेंशियल ऑयल एस्ट्रोजेन की तरह व्यवहार करते हैं और एण्ड्रोजन के प्रभाव को कम करते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप एरोमाथेरेपी की ओर रुख करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
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सेंसिटिव स्किन
एसेंशियल ऑयल को वैसे त्वचा व बालों के लिए अच्छा माना जाता है। क्योंकि यह प्राकृतिक और सुरक्षित हैं, फिर भी यह कुछ लोगों में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं। इससे आपकी स्किन में जलन और सूजन और रैडनेस हो सकती है। सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को पहले पैच टेस्ट करने की सलाह दी जाती है।
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सिरदर्द और मतली
एक तरफ अरोमाथेरेपी आपके तन व मन को शांत करने और सिरदर्द को दूर करने में मददगार है, वहीं दूसरी तरफ यह सिरदर्द और मतली का कारण भी बन सकती है। मतली, सिरदर्द और चक्कर आना आमतौर पर अरोमाथेरेपी उपचार से जुड़े कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं। लेकिन यह समय के साथ या तेलों को साफ करने या धोने के बाद दूर हो जाता है।
अस्थमा रोगियों के लिए नहीं है सुरक्षित
अस्थमा रोगी यदि अरोमाथेरेपी का विचार बना रहे हैं, तो आप इस विचार को छोड़ दें। क्योंकि यह आपके लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि एसेंशियल ऑयल को अवशोषित करने से नाक में जलन हो सकती है। आप छींकने, बहती नाक और नाक में जमाव का अनुभव कर सकते हैं। अस्थमा से पीड़ित लोगों को अरोमाथेरेपी से सख्ती से बचना चाहिए।
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गर्भवती महिलाएं अरोमाथेरेपी से बचें
गर्भवती महिलाओं को भी अरोमाथेरेपी से बचने की सलाह दी जाती है। अरोमाथेरेपी पहली तिमाही में विकासशील भ्रूण के लिए खतरा पैदा कर सकती है। वहीं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे बचना चाहिए। ऐसे में आप अपने चिकित्सक की अनुमति के बिना अरोमाथेरेपी की तरफ कदम न बढ़ाएं।
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