Smoking and Type 2 Diabetes: धूम्रपान करना सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। धूम्रपान करने से न सिर्फ फेफड़ों, बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। आपको बता दें कि धूम्रपान दुनियाभर में होने वाले मौतों के मुख्य कारणों में से एक है। यह कैंसर, हृदय रोग, सीओपीडी और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। इतना ही नहीं, धूम्रपान टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। कई अध्ययनों में भी साबित हुआ है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए सभी हेल्थ एक्सपर्ट्स धूम्रपान न करने की सलाह देते हैं। आज के इस लेख में हम BeatO के चीफ क्लीनिकल ऑफिसर डॉ. नवनीत अग्रवाल से जानते हैं धूम्रपान और टाइप 2 डायबिटीज के बीच संबंध-
क्या धूम्रपान करने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है?
डॉ. नवनीत अग्रवाल बताते हैं, 'धूम्रपान करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना अधिक होती है। एक अध्ययन की मानें, तो धूम्रपान करने वाले लोगों में, धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना 30 से 40 फीसदी अधिक होती है। इसके अलावा, धूम्रपान करने वाले लोगों में हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम भी 2 से 4 गुना ज्यादा होता है।'
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंसेज के सर्व के अनुसार भारत में एक तिहाई से ज्यादा वयस्क किसी न किसी तरह के तंबाकू का सेवन करते हैं। रिपोर्ट्स में पाया गया कि धूम्रपान करने से व्यक्ति में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ता है। साथ ही, यह भी पाया गया कि अगर टाइप 2 डायबिटीज रोगी निकोटिन का सेवन करता है, तो उसके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन काफी कम हो जाता है। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की बड़ी खुराक की जरूरत होती है।
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धूम्रपान और टाइप 2 डायबिटीज में क्या संबंध है?- How Is Smoking Related to Diabetes?
धूम्रपान, टाइप 2 डायबिटीज का एक मुख्य कारण है। सीडीसी के अनुसार धूम्रपान और टाइप 2 डायबिटीज में गहरा संबंध है, क्योंकि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है। जो व्यक्ति जितनी ज्यादा सिगरेट पीता है, उसमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम उतना ही अधिक होता है।
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धूम्रपान करने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम क्यों बढ़ता है?
दरअसल, धूम्रपान करने से शरीर को कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ जाता है। इससे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचने लगता है। आपको बता दें कि धूम्रपान पैरों की खून की नलियों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जो डायबिटीज का एक कारण बनता है। क्योंकि डायबिटीज में भी रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती है, जिससे पैरों में रक्त संचार कम हो जाता है।
धूम्रपान शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ाता है, जिससे पेट की चर्बी बढ़ने लगती है। पेट की ज्यादा चर्बी इंसुलिन प्रतिरोधी की स्थिति बनाकर डायबिटीज को बढ़ावा देती है। इसलिए आपको इससे बचने के लिए धूम्रपान से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।