Type 2 Diabetes is Hereditary or Not: आज के समय में डायबिटीज एक कॉमन बीमारी बन चुकी है। हर दूसरे घर में आपको डायबिटीज का एक मरीज मिल जाएगा। मुख्य रूप से डायबिटीज के 2 प्रकार होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज की बात करें, तो यह बीमारी होने पर फैट, लिवर और मांसपेशियों की कोशिकाएं, इंसुलिन की मौजूदगी होने पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाती। इस कारण से ग्लूकोज, कोशिकाओं में नहीं जा पाता। इस कारण से खून में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। टाइप 2 डायबिटीज होने पर थकान, कमजोरी, पैरों में दर्द, भूख लगना, वजन घटना या बढ़ना, बार-बार चश्मे का नंबर बदलना आदि लक्षण महसूस होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज होने पर शरीर इंसुलिन को बनाता तो है पर इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है। टाइप 2 डायबिटीज को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर में धीरे-धीरे विकसित होती है। डायबिटीज को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं। ऐसा ही एक सवाल है कि क्या टाइप 2 डायबिटीज एक वंशानुगत (Genetic) बीमारी है? इस सवाल का जवाब हम आगे विस्तार से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्या टाइप 2 डायबिटीज वंशानुगत बीमारी है?- Type 2 Diabetes is Hereditary or Not
एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव ने बताया कि टाइप 2 डायबिटीज एक वंशानुगत रोग है। वंशानुगत का मतलब है कि अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी को बीमारी है, तो आपको भी वह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जाता है कि मां के मुकाबले पिता पक्ष में मौजूद बीमारियों के होने का खतरा, व्यक्ति को ज्यादा होती है। उदाहरण के लिए आपके पिता या दादा को डायबिटीज है, तो यह बीमारी आपको भी हो सकती है। हालांकि हर केस में ऐसा जरूरी नहीं है कि आपके पिता या मां को डायबिटीज है, तो आपको भी यह रोग होगा। कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि माता या पिता को टाइप 2 डायबिटीज होने पर बच्चों को यह बीमारी होने का खतरा 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
क्यों हो जाती है टाइप 2 डायबिटीज?- Type 2 Diabetes Causes
भले ही टाइप 2 डायबिटीज एक जेनेटिक बीमारी है लेकिन इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
- ज्यादा मीठा खाने के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
- वजन बढ़ जाने के कारण यह बीमारी हो सकती है।
- फास्ट फूड का ज्यादा सेवन करना।
- ज्यादा तनाव में रहना।
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टाइप 2 डायबिटीज का पता कैसे लगाएं?- Type 2 Diabetes Tests
- टाइप 2 डायबिटीज का पता लगाने के लिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछते हैं। साथ ही कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं जैसे-
- फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट। इस टेस्ट से शरीर में फास्टिंग ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है। यह टेस्ट खाली पेट किया जाता है।
- इसी तरह एक टेस्ट है पोस्टप्रांडियल प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट। इस जांच को खाने के बाद किया जाता है। इस जांच के जरिए देखा जाता है कि खाने के बाद कितनी शुगर बढ़ती है।
- शरीर में पिछले 2 से 3 महीनों में रक्त शर्करा का स्तर क्या रहा है यह जांच ए1सी टेस्ट की मदद से किया जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज एक जेनेटिक रोग है। अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो आपको इस बीमारी के होने का खतरा 20 से 30 प्रतिशत तक हो सकता है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। लेख को शेयर करना न भूलें।
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