कोरोना वायरस का कहर अभी थमा नहीं है। हर रोज हजारों लोगों की मौत हो रही है और 70-80 हजार नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। इसी बीच ICMR (Indian Council of Medical Research) ने एक और वायरस के गंभीर रूप से फैलने के खतरे की चेतावनी दी है। इस वायरस का नाम 'कैट क्यू' (Cat Que) है। ये वायरस मच्छरों और सुअरों के जरिए फैलता है। भारत में कोरोना की रफ्तार पिछले कुछ दिनों में कम जरूर हुई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए अगर कोरोना के साथ ही ये वायरस भी फैल जाता है, तो भारी तबाही की आशंका है।
वैज्ञानिकों ने क्यों दी है चेतावनी?
कैट क्यू वायरस (CQV) सबसे पहले 2004 में वियतनाम में देखा गया था। उस समय ये वायरस मच्छरों के द्वारा फैला था। लेकिन हाल में ही चीन में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया तो पाया गया कि ढेर सारे सुअरों में कैट क्यू वायरस (CQV) के खिलाफ बनने वाली एंटीबॉडीज मौजूद हैं। ये इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चीन में स्थानीय स्तर पर ये वायरस फैल चुका है और अभी भी फैल रहा है। अध्ययन में पाया गया है कि सुअरों के अतिरिक्त मच्छर और कुछ अन्य जानवर भी इस वायरस के वाहक (कैरियर) बन सकते हैं। वियतनाम और चीन में एक खास प्रजाति के मच्छरों से भी इस वायरस के फैलने की पुष्टि हुई है, जिसे 'क्यूलेक्स' मच्छर कहते हैं।
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भारत में क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर बहुत ज्यादा संख्या में मौजूद हैं। इसलिए इस वायरस के भारत में फैलने की आशंका है। ICMR के अनुसार इस वायरस में संक्रामक होने की क्षमता है।
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भारत में भी 2 लोगों में मिले वायरस के एंटीबॉडीज
इस वायरस के खतरे को देखते हुए भारत में लगभग हजार लोगों का सैंपल लेकर अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में शामिल लोगों में वायरस के पॉजिटिव होने की पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन 2 लोगों के सैंपल में वायरस के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज की पुष्टि हुई है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि भारत में ये वायरस दस्तक दे चुका है। हालांकि ICMR की पूर्व चेतावनी के बाद मच्छरों और सुअरों की स्थानीय स्तर पर जांच की जानी चाहिए, जिससे अगर वायरस के फैलने की पुष्टि होती है, तो इसे सही समय पर कंट्रोल किया जा सके।
क्यों खतरनाक है कैट क्यू वायरस?
कैट क्यू वायरस को इसलिए खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इस वायरस के कारण फेब्राइल इलनेस (Febrile Illness) यानी अंजान कारणों से होने वाला बुखार, मेनिनजाइटिस (Meningitis) यानी दिमाग की झिल्ली में सूजन और बच्चों में इंसेफ्लाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) आदि की समस्या हो सकती है। ये सभी परिस्थितियां गंभीर हैं और कई बार जानलेवा साबित हो सकती हैं। इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी ये वायरस खतरनाक साबित हो सकता है।
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यहां यह स्पष्ट कर देना जरूरी है कि इस वायरस के बारे में अभी बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है और वायरस के संक्रामक और खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है। वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं और संभव है इस वायरस के बारे में जल्द ही और अधिक जानकारी मिल सकती है।
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