
भारत में निर्मित पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट बाजार तक पहुंच गया है और इस तरह माना जा रहा है कि संदिग्धों के बढ़ते मामलों में अब इसके जरिए कोविड-19 के मरीजों की पुष्टि जल्द हो पाएगी। वहीं भारत की इस बड़ी कामयाबी के पीछे पुणे की मायलैब डिस्कवरी (Mylab Discovery) में काम करने वाली महिला वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले (Minal Dakhave Bhosale) का हाथ है। उन्होंने कोरोना वायरस की जांच के लिए ऐसा किट तैयार किया, जो विदेशी किट के मुकाबले बेहद सस्ता है। खास बात यह है कि मीनल ने अपनी प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में इस किट पर काम किया। माय लैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले की मानें तो, "उनका ये किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर सकती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं।'' अब उनके इस हिम्मत और काम की हर जगह तारीफ हो रही है। साथ ही उनके इस काम ने भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों का दिल जीत लिया। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा से लेकर बायोटेक्नलॉजी क्षेत्र की दिग्गज और बायोकॉन की एमडी किरण मजूमदार शॉ ने उनकी तारीफ की है।
टेस्ट किट सौंप कर बच्ची को दिया जन्म
भोंसले ने प्रिग्नेंसी की अवस्था में रहने के बावजूद दिए गए डेडलाइन के भीतर टेस्ट किट को तैयार कर लिया था। वायरॉलजिस्ट मीनल ने पुणे के एक डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के प्रॉजेक्ट पर फरवरी में काम शुरू किया था। वह प्रेग्नेंट थीं। पिछले हफ्ते ही उन्हें एक बच्ची हुई है। वहीं इस पर मीनल दखावे भोसले कहती हैं कि 'ये जरूरी थी, इसलिए मैंने इसे चुनौती के रूप में लिया है। मुझे अपने देश की सेवा करनी है।'' दरअसल मीनल दखावे ने बच्ची को जन्म देने के एक दिन पहले ही राज्य के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी (NIV) को अपनी जांच किट को सौंप दिया था।
Ms. Bhosale, you delivered not just the test kit and your baby , but you also delivered a ray of hope to the country. We stand and salute you... https://t.co/iqQgQvBzg3
— anand mahindra (@anandmahindra) March 28, 2020
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आनंद महिंद्रा और किरण मजूमदार शॉ ने की तारीफ
आनंद महिंद्रा उनके इस काम की सराहना करते नहीं थकते। वायरॉलजिस्ट पर आई खबर का हवाला देते हुए महिंद्रा समूह के चेयरमैन ने ट्वीट किया, 'आपने देश को आशा की एक किरण भी दिखाई है।' वहीं, बायोटेक्नलॉजी क्षेत्र की दिग्गज और बायोकॉन की एमडी किरण मजूमदार शॉ भी भारत के पहले टेस्टिंग किट के पीछे महिला की सराहना की है। वह कहती हैं, 'जिस तरह आप जैसी एक महिला ने इस पूरे डिवेलपमेंट का नेतृत्व किया, उसपर हम सब को गर्व है।' साथ नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी पुणे की इस कंपनी के कोविड-19 की जांच के बेहतरीन कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं।'
Coronavirus: The woman behind India's first testing kit- makes us all so proud to see women leading the way Congrats Mylab https://t.co/W1WnC8Knrm
— Kiran Mazumdar Shaw (@kiranshaw) March 28, 2020
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विदेशी किट से भी सस्ता
देश के इस पहले कोरोना वायरस टेस्टिंग किट की खास बात यही है कि ये विदेशी किट के मुकाबले बहुत सस्ता है।मीनल ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया, 'हमारा किट ढाई घंटे में टेस्ट रिजल्ट दे देता है जबकि विदेशी टेस्टिंग किट को छह से सात घंटे लगते हैं।' हर माइलैब किट से 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और जांच का खर्च 1,200 रुपये आता है। यह रकम विदेशी किट के खर्चे (4,500 रुपये) के मुकाबले करीब एक चौथाई है। इस तरह इस टेस्टिंग किट से वायरस के संक्रमण के संदिग्धों की जांच में तेजी आएगी। माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के पास हर दिन 15 हजार टेस्टिंग किट तैयार करने की क्षमता है। पुणे के लोनावाला की फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर प्रति दिन 25 हजार किट तैयार किए जा सकते हैं। माइलैब ने पहले बैच में पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु के डायग्नोस्टिक लैब को 150 टेस्टिंग किट भेजा है।
Congrats! Brilliant work! https://t.co/6DyHXUaBRC
— Amitabh Kant (@amitabhk87) March 26, 2020
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