दुनियाभर में इलाज के लिए अलग-अलग तरीके अपनाएं जाते हैं और उनमें से कई कारगर भी साबित हुए हैं। भारत में तीन प्रमुख इलाज के तरीके हैं पहला एलोपैथी, दूसरा होम्योपैथी और तीसरा आयुर्वेद। ये तीनों ही तरीके ऐसे हैं जिन पर लोगों को भरोसा है और वो इन तरीकों से इलाज कराकर स्वस्थ भी होते हैं। हालांकि इन तीनों पद्धतियों को लेकर सभी के विचार अलग-अलग होते हैं। हर कोई इन तीनों तरीकों में से कौन-सा ज्यादा बेहतर है इस पर चर्चा करता है। तीनों ही पद्धतियों में लोगों का अगल-अलग भरोसा है और इन पद्धतियों से इलाज करने का तरीका भी अलग होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद से कौन-सा ज्यादा बेहतर है। सबसे पहले हम बात करते हैं होम्योपैथी के बारे में।
होम्योपैथी
होम्योपैथी दवा प्रणाली की खोज जर्मनी में साल 1796 में डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन के द्वारा की गई थी। होम्योपैथी दवा के लिए पौधे और खनिजों जैसे प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। होम्योपैथी इलाज प्रणाली अचानक होने वाले रोग और साथ ही पुराने रोगों को दूर करने के लिए असरदार होती है। इस इलाज का इस्तेमाल बुखार, खांसी से लेकर गठिया और डायबिटीज जैसी समस्या के लिए भी किया जाता है।
होम्योपैथी के फायदे
- होम्योपैथी एक सुरक्षित इलाज का तरीका है।
- होम्योपैथी दवा का कोई नुकसान नहीं होता है।
- रोगियों को दवा की लत नहीं लगती।
- बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिए ये इलाज फायदेमंद और सुरक्षित है।
- होम्योपैथी दवा में परहेज
होम्योपैथी दवा से इलाज के दौरान अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने की जरूरत होती है, जिसके कारण इसकी दवाएं हमारे शरीर पर जल्द असर करना शुरू करती है। इसके साथ ही अपनी डाइट में डॉक्टर अनुसार किए गए बदलावों का पालन करना चाहिए।
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एलोपैथी
एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर आज ज्यादातर लोग भरोसा करते हैं और इसे बिना किसी शक के अपनाते हैं। एलोपैथी किसी भी संक्रमणों से निपटने में सबसे प्रभावी और असरदार है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर बीमारियां खुद की उत्पन्न की हुई होती हैं। ऐसी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए, एलोपैथी चिकित्सा बहुत कारगर साबित नहीं हुई है। आपको बता दें कि एलोपैथी दवा कि मदद से आपकी बीमारी को सिर्फ एक हद तक संभाला जा सकता है। ये कभी भी बीमारियों को जड़ से खत्म नहीं करती क्योंकि ये मुख्य रूप से बीमारी के लक्षणों पर काम करती है। भारत में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ब्रिटिश शासन में अग्रेजों के साथ आई थी।
एलोपैथी के फायदे
- तुरंत आराम।
- आसानी से इलाज की सुविधा।
- सर्जिकल ऑपरेशन।
- ज्यादा बेहतर सुविधाएं।
- इंजेक्शन और एंटीबायोटिक्स का जरिया।
आयुर्वेद
आयुर्वेद इलाज के लिए ये बात सच है कि आपको अचानक से आराम नहीं मिलेगा लेकिन ये भी सच है कि अगर आप आयुर्वेद से अपना इलाज कराते हैं तो ऐसे में आपकी बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है। इम्युनिटी बढ़ाने और रोगों से बचाव के लिए, बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेेद एक फायदेमंद तरीका है। दवाओं का लंबा कोर्स, महंगी जड़ी बूटियों और रसायनों का दवा में इस्तेमाल, ऑपरेशन और जांच की आधुनिक सुविधा नहीं मिलने के कारण इसे लोग अक्सर लोग कम पसंद किया करते हैं।
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आयुर्वेद के फायदे
- साइड इफेक्ट कम।
- सभी दवाएं नेचुरल पदार्थों से बनती हैं।
- घरेलू नुस्खे भी शामिल।
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