कोरोनावायरस को फैलने से रोकेगा अंग्रेजों का बनाया 123 साल पुराना कानून, जानें इसके बारे में सब कुछ

Coronavirus: महामारी बन चुके कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्‍यों को महामारी रोग अधिनियम, 1897 लागू करने के लिए कहा है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
कोरोनावायरस को फैलने से रोकेगा अंग्रेजों का बनाया 123 साल पुराना कानून, जानें इसके बारे में सब कुछ

भारत में कोरोनावायरस (COVID-19 In India) से संक्रमित व्‍यक्तियों की संख्‍या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की मंगलवार, 17 मार्च 2020 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमित व्‍यक्तियों की संख्‍या 137 हो गई है, जबकि 3 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, 13 लोगों का इलाज कर उन्‍हें घर भेज दिया गया है।

कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए भारत सरकार राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर कई ठोस कदम उठा रही है। देश की राजधानी समेत राज्‍यों में जगह-जगह आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन बनाए जा रहे हैं। सभी एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले भारतीयों और विदेशी नागरिकों की स्‍क्रीनिंग की जा रही है। इन सब के बीज केंद्र सरकार ने 123 साल पुराना महामारी कानून (Epidemic Act) लागू करने का भी प्रयास कर रही है। ताकि, इस महामारी पर काबू पाया जा सके। सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा कोरोनावायरस को महामारी घोषित करने के बाद, केंद्रीय कैबिनेट सेक्रेट्री ने पिछले सप्‍ताह कहा था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी रोग अधिनियम, 1897 (Epidemic Disease Act, 1987) की धारा 2 के प्रावधानों को लागू करना चाहिए। खबरों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार, इस कानून के तहत यूपी के आगरा में एक मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है।

coronavirus-in-india

महामारी बीमारी कानून क्या है, इसके प्रावधान क्‍या हैं और यह कोरोनावायरस से निपटने के लिए किस प्रकार से मदद कर सकता है। यह जानने के लिए विस्‍तार से पढ़ें ये लेख।

इसे भी पढ़ें: क्‍या 'होम क्वारंटाइन' कोरोनावायरस से बचा सकता है? विस्‍तार से जानें क्‍या है ये उपचार विधि

क्या है महामारी कानून (What Is Epidemic Act In India): 

महामारी रोग के प्रसार की रोकथाम के लिए 'महामारी रोग अधिनियम' बनाया गया था। इसके तहत तत्‍कालीन गर्वनर जनरल द्वारा स्‍थानीय अधिकारियों को कुछ विशेषाधिकार दिए थे। ये अधिनियम ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 123 साल पहले 1897 में लाया गया था। तब मुंबई (बॉम्‍बे) में ब्‍यूबॉनिक प्‍लेग नामक महामारी फैली थी। इसी पर काबू पाने के लिए महामारी कानून बनाया गया था।

इसे भी पढ़ें: क्‍या सैनिटाइजर से ज्‍यादा बेहतर है 'साबुन और पानी' से हाथ धोना? जानें क्‍या कहता है शोध

महामारी कानून से जुड़ी खास बातें:

  • महामारी रोग अधिनियम, 1897 में सिर्फ चार सेक्‍शन है। ये कानून भारत का सबसे छोटा कानून है।
  • इस कानून के पहले सेक्शन में कानून के शीर्षक और अन्य बिन्‍दुओं को बताया गया है। 
  • इसके दूसरे सेक्शन में उन समस्‍त विशेष अधिकारों की चर्चा की गई है, जो महामारी के समय केंद्र व राज्य सरकारों को प्राप्‍त हैं। 
  • तीसरे सेक्शन में कानून के प्रावधानों के उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 के तहत मिलने वाले दंड या जुर्माने का जिक्र है। 
  • इसका आखिरी और चौथा सेक्शन कानून के प्रावधानों का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों को कानूनी संरक्षण देता है।

केंद्र सरकार महामारी कानून के जिस सेक्‍शन 2 को लागू करने के लिए राज्‍य सरकारों को कह रही है, उसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए आगे का लेख पढ़ें:

महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 2 के प्रावधान में सरकार को कुछ विशेष अधिकार मिले हुए हैं। नियम के अनुसार, सरकार आवश्‍यकता पड़ने पर संबधित अधिकारियों को सामान्य प्रावधानों से अलग अन्य जरूरी निर्णय लेने के निर्देश दे सकती है।

इस कानून के तहत, सरकार रेलवे या अन्य साधनों से यात्रा करने वाले लोगों की जांच करने या करवाने का अधिकार रखती है। जांच करने वाले अधिकारी को अगर किसी व्यक्ति पर संक्रमित होने की आशंका भी होती है, तो वह अधिकारी व्‍यक्ति को भीड़ से अलग किसी अस्पताल या उपचार के लिए लिए की व्‍यवस्‍था में रख सकता है।

इसके अलावा, सरकार किसी बंदरगाह से आ रहे जहाज की जांच करा सकती है, उसे डिटेन भी किया जा सकता है। कानून का उल्‍लंघन करने वाले व्‍यक्ति को कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

Read More Articles On Miscellaneous In Hindi

Read Next

आपकी इन 8 चीजों को शेयर करने की आदत बन सकती है बैक्‍टीरिया फैलने का कारण

Disclaimer