गुस्सा बनता है 80% ब्रेकअप की वजह, इन तरीकों से पाएं अपने खतरनाक गुस्से पर काबू

गुस्सा एक ऐसी चीज है जो अच्छे से अच्छे रिश्ते को खराब कर सकता है। अगर ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड के रिश्ते और पति पत्नी के रिश्ते की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ये रिश्ते जितने मजबूत होते हैं उतने ही संवेदनशील भी होते हैं। इन रिश्तों को प्यार और विश्वास से संभालने की जरूरत होती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गुस्सा इस रिश्ते पर इतना हावी हो जाता है कि सालों पुराने मजबूत से मजबूत रिश्ते की भी धज्जियां उड़ जाती हैं। 
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गुस्सा बनता है 80% ब्रेकअप की वजह, इन तरीकों से पाएं अपने खतरनाक गुस्से पर काबू


गुस्सा एक ऐसी चीज है जो अच्छे से अच्छे रिश्ते को खराब कर सकता है। अगर ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड के रिश्ते और पति पत्नी के रिश्ते की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ये रिश्ते जितने मजबूत होते हैं उतने ही संवेदनशील भी होते हैं। इन रिश्तों को प्यार और विश्वास से संभालने की जरूरत होती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गुस्सा इस रिश्ते पर इतना हावी हो जाता है कि सालों पुराने मजबूत से मजबूत रिश्ते की भी धज्जियां उड़ जाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश भारत में करीब 80 प्रतिशत तक रिश्ते टूटने का कारण गुस्सा ही होता है। यह भारतीयों की खासियत होती है कि वह हर छोटी छोटी बात पर गुस्सा करते हैं। आज हम आपको आपको बता रहे हैं कि आखिर रिश्ते में गुस्सा कहां से आता है और यह किस तरह आपके रिलेशनशिप को बर्बाद कर देते हैं।

  • अगर कोई रिश्ता नया है तो हमें यह समझना चाहिए कि जितना आप सामने वाले के बारे में नहीं जानते हैं उतना ही शायद वह भी आपसे और आपकी आदतों से अनजान है। नए-नए रिश्तों में कई तरह की औपचारिकताएं होती हैं। जैसे घंटों फोन पर बात करना, एक दूसरे का कुछ ज्यादा ही ख्याल रखना, डेटिंग के दौरान गलती होने पर माफी मांगना, आदि। लेकिन समय के साथ ये कम हो जाता है। इसलिए इसे बाद में इस रूप में ले लें‍ कि इस रिश्ते में थोड़ा गाढ़ापन आने पर इन औपचारिकताओं को विशेष जरूरत न पड़े।

  • हम अपने पार्टनर से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं करने लगते जो हमारे रिश्तों में गुस्से की एक वजह हो जाती है। एक दूसरे से उम्मीद रखने में कोई बुराई नहीं है मगर ध्यान रहें कहीं ये उम्मीदें उसकी क्षमता से ज्यादा तो नहीं। फिर कहते है ना जहां ज्यादा उम्मीदें होती है निराशा वहीं से आती है। वक्त बीतने पर जब सामंजस्य बढ़ जाता है तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिए।
  • हम जिनके साथ होते हैं जरूरी नहीं हमारी विचारधारा भी एक जैसी हो इसलिए अगर उन्हें किसी बात से नाराजगी भी होती है तो वे उसे सबके सामने जाहिर न करें। इसका आप दोनों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी छोटी-सी बात पर या बेवजह बहुत तेज गुस्सा आता है और ऐसी स्थिति में आपसी संबंधों में दरार पड़ने तक की नौबत आ जाती है।
  • रिश्तों में विश्वास का होना बहुत जरूरी है वरना ये दरार पड़ने में देर नहीं लगेगी। कई बार हम विश्वास ना होने की वजह से एक दूसरे से नाराज हो जाते हैं या उनपर गुस्सा उतार देते है। एक दूसरे के बीच विश्वास अगर बना रहेगा तो कई स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है और गुस्से को संभाला जा सकता है।
  • कुछ लोगों की आदत में गुस्सा शामिल ही होता है। वो कई बार छोटी-छोटी बातों पर या बिना किसी वजह ही गुस्सा हो जाते है। इन आदतों को समझना बहुत जरूरी है वरना ये रिश्ते के लिए अच्छा नहीं होगा। साथ ही इन्हें दूर करने की कोशिश भी करें।
  • गुस्से को सहना आना बहुत जरूरी है वरना ये आपकी रिलेशनशिप को खराब कर सकता है। गलतियां इंसान से ही होती है। गलती पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय थोडा धैर्य से काम लेना चाहिए, सोच विचार कर उसे समझायें कि उसने कहाँ गलती की और उसे कैसे ठीक किया जा सकता है। इसी तरह अपनी गलती पर भी, धैर्य रख सोच विचार कर सोचना चाहिए कि अगली बार ये गलती ना दोहराई जाए।

  • जब हम किसी के बहुत नजदीक होते हैं तो आपसी सम्मान को भूल जातें है। हम बिना सोचे ही बोल देते हैं। इन आदतों को सुधारना जरूरी होता है। हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मेरा कहा शब्द सामने वाले को कहीं दुःख तो नहीं पहुंचायेगा। इन बातों का अगर ख्याल रखें तो गुस्सा खुद-ब-खुद दूर हो जाएगा।

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