
खानें में कई प्रकार के मसालों और और जड़ी-बूटियों को जोड़ने से न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ जाता है, बल्कि वे सोडियम, कैलोरी और फैट के सेवन को कम करने में भी आपकी सेहत में सुधार कर सकते हैं। जी हां, हाल मे हुए एक शोध में पाया गया है कि मसालों का मिश्रण खाने में स्वाद के साथ आपके लिए कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है।
शोध की मानें, तो लाल मिर्च उन व्यक्तियों की सहायता कर सकती है, जो अपने वजन को घटाने या कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दालचीनी ब्लड शुगर के स्तर और इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह बात अलग-अलग अध्ययनों के निष्कर्ष से पता चला है।
इंफ्लेमेशन को कैसे कम करते हैं मसाले और हर्ब्स?
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जब प्रतिभागियों ने हाई फैट और हाई काब्रोहाइड्रेट से भरपूर खाना खाया, तो कम खाना या बिना मसाले वाला खाना खाने वाले प्रतिभागियों की तुलना में छह ग्राम मसाले के मिश्रण के साथ वाले प्रतिभागियों में इंफ्लेमेशन की संभावना कम थी।
''अगर मसाले आपके खाने के लिए स्वादिष्ट होते हैं, तो वे हाई फैट या हाई कार्ब भोजन को अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनाने का एक तरीका हो सकते हैं।" एसोसिएट ऑफ न्युट्रिशनल साइंस, कोनी रोजर्स ने कहा, "हम इस अध्ययन से यह नहीं कह सकते हैं कि क्या यह विशेष रूप से एक मसाला था, लेकिन यह विशिष्ट मासालों का मिश्रण फायदेमंद लग रहा था।"
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जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए तुलसी, तेजपत्ता, काली मिर्च, दालचीनी, धनिया, जीरा, अदरक, अजवायन, अजमोद, लाल मिर्च, दौनी, अजवायन और हल्दी के मिश्रण का उपयोग किया था।
रोजर्स के अनुसार, पिछले शोध में विभिन्न प्रकार के मसालों को जोड़ा गया है, जैसे अदरक और हल्दी, जो एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर हैं। इसके अतिरिक्त, क्रोनिक इंफ्लेमेशन, कैंसर, हृदय रोग और अधिक वजन और मोटापे जैसे खराब स्वास्थ्य परिणामों से पहले से जुड़ी हुई हैं, जो अमेरिका की लगभग 72 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है।
हाल के वर्षों में, शोधकर्ताओं ने पाया है कि किसी व्यक्ति के फैट या शुगर मे हाई डाइट लेने से इंफ्लेमेशन हो सकती है। रोजर्स ने कहा कि यह संदेह है कि उनमें इसका एक कारक है, खासकर अधिक वजन वाले लोग या फिर मोटापा।
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अध्ययन के परिणाम क्या थे?
अध्ययन के डेटा का विश्लेषण करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि दो ग्राम मसालों या बिना मसाले वाले भोजन की तुलना में छह ग्राम मसाले वाले भोजन के बाद इंफ्लामेटरी साइटोकिन्स कम हो गए थे। रोजर्स ने कहा कि छह ग्राम मसाले मोटे तौर पर 1 टी स्पून से लेकर 1 टेबल स्पून के बीच है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मसाले कैसे डिहाइड्रेट होते हैं।
हालांकि शोधकर्ता यह सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं कि कौन से मसाले प्रभाव में योगदान कर रहे हैं या सटीक तंत्र जिसमें प्रभाव पैदा होता है। रोजर्स ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि मसालों में एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो हाई होने के कारण होने वाली इंफ्लेमेशन को दूर करने में मदद करते हैं। खासकर हाई कार्ब और हाई फैट वाले भोजन के बाद
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