प्रोस्टेट ग्रंथि में होने वाला संक्रमण अथवा सूजन को प्रोस्टेटाइटिस कहा जाता है। जब यह प्रोस्टेटाइटिस किसी बैक्टीरिया के कारण होता है तो उसे बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस कहते हैं। एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो कम समय में ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देती है। क्रॉनिक बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस एक ऐसा रोग है, जो तीन महीने या उससे भी अधिक समय तक रह सकता है।
एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस
एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस पुरुषों में होने वाला रोग है, जिसमें प्रोस्टेट में अचानक काफी सूजन हो जाती है। प्रोस्टेट ग्रंथि शरीर में ब्लैडर के सामने अखरोट के आकार का एक हिस्सा होता है। यह मलाशय के सामने स्थित होता है। पुरुष वीर्य के स्खलन में 70 प्रतिशत द्रव प्रोस्टेट ही प्रदान करता है। स्खलन के समय प्रोस्टेट में होने वाला संकुचन वीर्य को वापस ब्लैडर में जाने से रोकता है।
एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस आमतौर पर उसी बैक्टीरिया के कारण होता है, जो मूत्र मार्ग में संक्रमण और यौन संचारित रोगों में पाया जाता है। बैक्टीरिया प्रोस्टेट में रक्त के माध्यम से पहुंच सकता है। इसके साथ बायोप्सी के कारण भी यह मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह बैक्टीरिया पुरुषों के शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे जननमूत्रीय ग्रथि (genitourinary tract) करे भी प्रभावित कर सकता है।
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क्यों होता है एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस
मूत्र ग्रंथि संबंधी कोई भी बैक्टीरियल संक्रमण (UTI) के कारण प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन आ सकती है। यौन संचारित रोग जैसे क्लामाइडिया और गोनोरेहा भी एक्यूट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस का कारण बन सकता है।
बैक्टीरिया जो फैलाते हैं एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस
- प्रोस्टेएस
- क्लेबसिएला
- ई. कोली
इसके अलावा अन्य कारण जो प्रोस्टेट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस का कारण बन सकते हैं -
- उपकोश यानी एपिडिडायमिस (epididymis) में सूजन। यह वह नलिका होती है जो अंडकोशों को वीएस डेफरंस से जोड़ती है।
- मूत्रमार्गशोथ यानी मूत्रमार्ग में किसी कारण से सूजन आ जाना
- मूलाधार यानी गुदा और अंडकोष के बीच का हिस्से में चोट लगना
आदि कारणों से यह समस्या हो सकती है।
एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण
- ठंड लगना
- बुखार
- तेज दर्द
- पेशाब में खून आना
- बार-बार पेशाब आना
- मूत्र में अत्यधिक दुर्गंध आना
- मूत्र धारा में कमी आना
- कठिनाई मूत्राशय खाली
- पेशाब करने के लिए शुरू करने में कठिनाई होना
- दर्दनाक स्खलन
- वीर्य में रक्त
- गुप्तांग, मलाशय, या अंडकोष में दर्द
इसके अलावा अन्य लक्षण हैं
- पीठ के निचले हिस्से, जननांगों और गुदा के बीच क्षेत्र में, या अंडकोष में जघन हड्डी से ऊपर पेट में दर्द या खुजली।
- वीर्य स्खलन के दौरान दर्द होना अथवा वीर्य के साथ रक्त आना।
- मल त्याग के दौरान तेज दर्द होना
- अगर प्रोस्टेटाइटिस के कारण होना वाला संक्रमण अंडकोष में अथवा उसके आसपास हो चुका है, तो आपको और अधिक परेशानी हो सकती है।
अगर यह बीमारी लंबे समय तक चलती रहे तो व्यक्ति को गंभीर, लंबी अवधि तक यह रोग रहे तो मूत्राशय कैंसर होने की आशंका होती है। इसके साथ ही क्रॉनिक मूत्राशय रोग (असंयम या मूत्र प्रतिधारण), मूत्रमार्ग में बाधा, बार-बार पथरी होना, रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी और मूत्र मार्ग के संक्रमण की शिकायत भी हो सकती है।
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