किसी बच्चे के लिए सबसे सुखद एहसास माता-पिता का स्पर्श ही होता है। स्पर्श पाकर रोता हुआ बच्चा शांत हो जाता है। बच्चों की सामान्य बीमारियों और समस्याओं को एक्यूप्रेशर और मालिश द्वारा बहुत ही आसानी से दूर भगाया जा सकता है। एक्यूरप्रेशर से बच्चे का तनाव, पेट संबंधी समस्याएं, डायरिया, सर्दी, दांतों का दर्द, रोना, सांस संबंधित समस्या और नींद न आने जैसी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकता है। एक्यूप्रेशर की तकनीक से बच्चों को जल्दी राहत मिल जाती है। बच्चे को अगर गंभीर बीमारी है तो एक्यूरप्रेशर 2 दिन में एक बार देना चाहिए और यह भी ध्यान रहे कि प्रेशर बहुत हल्का हो।
बच्चों की उम्र और एक्यूप्रेशर
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- 3 से 6 महीने तक के बच्चे के लिए एक दिन में एक्यूप्रेशर आधा सेकेंड से 1 मिनट तक के लिए।
- 6 से 12 महीने तक के बच्चे के लिए एक दिन में एक्यूकप्रेशर 1 से 5 मिनट तक के लिए।
- 1 से 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए एक दिन में एक्यूमप्रेशर 3 से 7 मिनट तक के लिए।
- 3 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए एक दिन में एक्यूकप्रेशर 5 से 10 मिनट तक के लिए।
बच्चों को एक्यूप्रेशर देते वक्त रखें सावधानी -
- अगर बच्चे को कोई बीमारी है और उपचार के दौरान उसने कोई दवाई ली है तो एक्यू्प्रेशर का प्रयोग न करें।
- अगर बच्चा थक गया हो तो थोड़ी देर आराम करने के बाद एक्यूप्रेशर दें।
- यदि बच्चे का दिल जोर-जोर से धड़क रहा हो या पसीना अधिक तेजी से निकल रहा हो तो थोड़ी देर आराम करने के बाद एक्यूप्रेशर दें।
- जब बच्चे का पेट भरा हुआ हो तो एक्यूप्रेशर द्वारा उपचार न करें। अगर पेट खाली है तो उपचार करने से पहले कुछ खिला दें।
- बच्चे के शरीर के जिस भाग पर चोट लगी हो या सूजन आ गई हो उस अंग पर एक्यूप्रेशर से उपचार न करे। चोट या सूजन ठीक हो जाने पर ही उपचार करें।
- बच्चे को एक्यूप्रेशर से उपचार करने के दौरान यदि सम्बन्धित प्वाइंट पर सूजन आ जाए तो उपचार 1-2 दिन के लिए बंद कर देना चाहिए और जब सूजन ठीक हो जाए उसके बाद उपचार करना चाहिए।
- बच्चे को एक्यूप्रेशर देते समय यह ध्यान रखना चाहिए वह कितना प्रेशर बर्दाश्त कर सकता है। प्रेशर उतना ही दें जितना वह सहन कर सके।
- बच्चे को एक्यूप्रेशर देते समय शुरू में हल्का दबाव डालें और धीरे-धीरे बढाते रहें।
- बच्चे को रबर बैण्ड या क्लिप बांधकर एक्यूप्रेशर से उपचार कर रहे हैं तो यह ध्यान रहे कि उंगलियों का ऊपरी भाग नीला न होने पाए अगर ऐसा हो जाए तो रबर बैण्ड या क्लिप तुरंत उतार दें।
- बच्चे की पीठ तथा गर्दन पर प्रेशर देने के लिए एक्यूप्रेशर उपकरण का प्रयोग नहीं करना चहिए। शरीर के इन अंगों पर अंगूठे से प्रेशर देना चाहिए।
- बच्चों के हाथ-पैरों के कुछ भाग बहुत कोमल होते हैं तथा कुछ सख्त होते हैं। घुटनों तथा टखनों के साथ वाली उंगलियों के नीचे तथा हाथों और पैरों का ऊपरी भाग दूसरे भागों से कुछ नरम होता है। ऐसे अंगों पर प्रेशर कम तथा धीरे से देना चाहिए।
बच्चों की बीमारियों को समाप्त करने के लिए एक्यूप्रेशर बहुत आसान और असरदार विधि है। बच्चे को एक्यूप्रेशर देने के लिए सुबह का समय ज्यादा अच्छा होता है क्योंकि इस समय बच्चा बहुत शांत होता है।
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