पेट फूलना, कब्‍ज और बवासीर से आराम दिलाते हैं ये 7 योगासान

इसे कुछ योगासनो की मदद से ठीक किया जा सकता है। यही नहीं ये आसन पाचन को ठीक करते हैं। तो चलिये जानें वे कौन से आसन हैं जिनकी मदद से पेट की समस्‍या से छुटकारा पाया जा सकता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
पेट फूलना, कब्‍ज और बवासीर से आराम दिलाते हैं ये 7 योगासान


अधिकांश बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है, यदि पेट सही रहे तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। पेट फूलना, गैस, कब्‍ज और इससे होने वाली बवासीर की समस्‍या, जिससे ज्‍यादातर लोग परेशान रहते हैं। यह सही समय पर ठीक न किया जाये तो घातक हो सकती है। हालांकि इसे कुछ योगासनो की मदद से ठीक किया जा सकता है। यही नहीं ये आसन पाचन को ठीक करते हैं। तो चलिये जानें वे कौन से आसन हैं जिनकी मदद से पेट की समस्‍या से छुटकारा पाया जा सकता है। 

 

कपालभाती 

इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है। ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुं‍डलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है। इसे नियमित रूप से करने से कब्‍ज और बवासीर की समस्‍या दूर हो जाती है।   

नौकासन

नौकासन में पूरे शरीर का भार पेट पर आ जाता है और बाकी शरीर आगे-पीछे से नाव की तरह ऊपर उठ जाता है, जिससे पेट की मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और पाचन स्वस्थ व बलिष्ठ बनता है। 

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन से जांघ व घुटनों को मजबूती मिलती है और कोर मसल्स बलिष्ठ बनते हैं। आमाशय, आंतें, किडनी, लिवर, स्प्लीन, पेन्क्रियास आदि पेट के जरूरी अंगों पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है और पाचन तंत्र स्वस्थ व मजबूत बना रहता है। 

हलासन

हलासन से रीढ़ की हड्डियां लचीली बनती हैं, जिससे शरीर फूर्तिला और बलिष्ठ बना रहता है। इसे करने से पेट बाहर नहीं निकलता है और शरीर सुडौल दिखता है। भावनात्मक संतुलन और तनाव निवारण के लिये यह आसन बेहद फायदेमंद होता है। इस आसन को करने से पाचन तंत्र और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है और पाचन तंत्र ठीक रहता है। 

उस्‍तरासन

उस्‍तरासन को कैमल पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि आसन को करते में पीठ स्ट्रेच होती है, सिर थोड़ा झुका हुआ रहता है और पेट उठा हुआ रहता है। इस आसन की मदद से पेट और पीठ के निचले हिस्से का शुद्धीकरण होता है। इस आसन से पाचन शक्ति भी बेहतर बनती है। 

इसे भी पढ़ें: किडनी और घुटनों के लिए फायदेमंद है गोरक्षासन, अच्छा होगा डाइजेशन

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन को करने पर पेट की ओर दबाव पड़ने से रक्त का संचार हृदय व फेफड़ों की ओर बढ़ता है। इससे हृदय को शक्ति मिलती है और फेफड़ों की सक्रियता बढ़ जाती है। यह आसन पेट को दुरुस्त रखता है और गैस नहीं बनने देता। जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ और मजबूत बना रहता है। 

इसे भी पढ़ें: रीढ़ की हड्डी के लिए वरदान है कश्यपासन, मिलते हैं ये जबरदस्त लाभ

धनुरासन

धनुरासन में उल्टा लेटकर अपने दोनों पैरों को मोड़कर हाथ से पकड़ना होता है और नीचे व ऊपर से खुद को स्ट्रेच करना होता है। और फिर इस अवस्था में 30 से 60 सेकंड तक रुकना होता है। इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता और कब्ज की समस्या दूर होती है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Yoga In Hindi  

Read Next

अंगों में ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई को बढ़ाती है बैलनियोथैरेपी, जानें अन्य फायदे

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version