स्ट्रेस आज के समय में एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है। यह शरीर में होने वाली कई बीमारियों का कारण बनता है। जॉब करने वाले बहुत से लोग इस समस्या से ग्रसित रहते हैं। हाल ही में मैककिंसे हेल्थ इंस्टीट्यूट (McKinsey Health Institute) के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक जॉब करने वाले 59% भारतीय स्ट्रेस में रहने की वजह से बर्नआउट करा शिकार होते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।
क्या है बर्नआउट?
बर्नआउट तनाव से जुड़ी एक समस्या है। दरअसल, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आप मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरीकों से तनाव महसूस करते हैं। यह कंडीशन आपकी मेंटल और फीजिकल हेल्थ पर बुरा असर डालती है। हर समय प्रेशर से घिरे रहना या फिर खुद में ही उलझन महसूस करना बर्नआउट का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में आप हर समय थकान महसूस करते हैं और मूड बहुत जल्दी स्विंग हो सकता है।
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क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनियाभर में इस समस्या से 22 प्रतिशत लोग परेशान हैं। वहीं, अगर भारत की बात करें तो यहां स्ट्रेस के कारण बर्नआउट से 59 प्रतिशत लोग पीड़ित हैं। स्टडी में 30 देशों के 30 हजार कर्मचारियों को शामिल किया गया, जिन्हें कुछ समय तक फॉलो अप किया गया और उनमें बर्नआउट की स्थिति देखी गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि जापान में इस समस्या से ग्रसित कर्मचारियों की संख्या 25 प्रतिशत यानि सबसे कम है। वहीं, टुर्की इस मामले में सबसे आगे है। यहां 78 प्रतिशत कर्मचारी इस समस्या से जूझ रहे हैं।
बर्नआउट के लक्षण
- बर्नआउट में आपको बहुत से लक्षण दिख सकते हैं।
- इस स्थिति में बार-बार मूड स्विंग होने के साथ ही गुस्सा भी आ सकता है।
- ऐसे में पीड़ित को हर समय डर लगने के अलावां घबराहट भी महसूस होती है।
- इस स्थिति में कई बार लोगों को एंग्जाइटी अटैक का भी सामना करना पड़ सकता है।
- बर्नआउट होने पर व्यक्ति को चिड़चिड़ापन होने के साथ ही आत्मविश्वास की कमी भी महसूस हो सकती है।
- इस स्थिति में आपका लोगों से बातचीत नहीं करने का मन कर सकता है।