जब आप गर्भधारण या फिर कहें कंसीव करने का प्रयास कर रही होती हैं तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करना अपने संदेह को दूर करने और संतुष्टि पाने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी प्रेग्नेंसी टेस्ट 100 फीसदी सही ही होते हैं। कई स्थितियों में आप गलतफहमी का भी शिकार हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या कारण होते हैं ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि जरा सी गलती आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। अगर आप बच्चा चाहती है और टेस्ट नेगेटिव आ जाए जबकि मामला पॉजिटिव हो तो तनाव हो जाता है और कई बार ऐसा होता भी है। आखिर क्यों ऐसा होता है हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे के ऐसे 5 कारण, जिन्हें आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
5 कारण, जिनसे गलत आते हैं परिणाम
हाल ही में हुआ हो मिसकैरेज
मिसकैरेज (Miscarriage) बहुत दर्दनाक होता है और इसके कारण आपके शरीर को प्री-प्रेग्नेंसी हार्मोन के स्तर तक वापस पहुंचने में समय लग सकता है। इस दौरान गर्भावस्था परीक्षण पर गलत सकारात्मक संकेत देखने से महिलाओं को चिंता हो सकती है। ठीक इसी तरह वे महिलाएं, जो गर्भपात कराती हैं उन्हें इस प्रक्रिया के छह सप्ताह बाद तक कई गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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एक्टोपिक (Ectopic) प्रेग्नेंसी
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से मतलब है जब गर्भावस्था के दौरान अंडाणु गर्भाशय के अंदर विकसित न होकर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने लगते हैं। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी सामान्यतौर पर नहीं होती लेकिन ये बहुत जल्दी ही आपके प्रेग्नेंसी लेवल को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण टेस्ट के दौरान गलत परिणाम सामने आते हैं। अगर आपको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कोई भी संकेत दिखता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाइए और जल्द से जल्द जांच कराइए।
जब ले रही हों प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए दवाईयां
वे महिलाएं, जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए दवाईयां ले रही होती हैं उन्हें अक्सर हार्मोन रिलीज करने वाली दवाईयां दी जाती हैं, जिसका प्रभाव अंडाणु की आपूर्ति पर पड़ता है और ये प्रेग्नेंसी टेस्ट को जबरदस्ती गलत परिणाम दिखाने के लिए मजबूर करती हैं। कुछ अन्य दवाईयां जैसे एंटी-साइकोटिक और एंटी-एंग्जाइटी की दवाईयां भी परिणाम गलत दिखा सकती हैं।
आपने बहुत जल्दी टेस्ट कर लिया हो
आमतौर पर मासिक धर्म का छूट जाना गर्भधारण परीक्षण करने का सबसे पहला संकेत होता है। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी महिला को हमेशा टेस्ट से पहले एक निर्धारित समय का इंतजार करना चाहिए। एक महिला के लिए, यह सलाह है कि सबसे पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट के निर्देशों को पढ़ें और सटीक परिणाम देखने के लिए उसी का पालन करें। दूसरा, भले ही परीक्षण जल्दी शुरू हो रहा हो, लेकिन शुरुआती परिणाम महत्वपूर्ण एचसीजी हार्मोन का गलत तरीके से पता लगा सकते हैं और नकारात्मक परिणाम दे सकते।
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किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है ऐसा
कभी-कभार कोई गंभीर संक्रमण या स्वास्थ्य स्थिति आपके हार्मोन गतिविधियों को नुकसान पहुंचा सकती है और आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करते वक्त गलत नतीजे प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि इसके पुख्ता परिणाम नहीं हैं। गर्भधारण करते समय समस्याग्रस्त होने वाली कुछ सबसे सामान्य स्थितियों में ओवेरियन किस्ट, किडनी संक्रमण और यूटीआई शामिल हैं। थायराइड और हार्मोनल असंतुलन भी आपको गलत परिणाम देकर अतिसंवेदनशील बना सकते हैं।
आपको क्या करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी टेस्ट कंसीव की पुष्टि करने का सबसे पहला संकेत होता है, इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है कि डॉक्टर के पास और उसे ही ये सब चीजें करने दें। समय पर निर्भर रहते हुए डॉक्टर आपक यूरिन टेस्ट या फिर ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकता है, जिसमें गर्भधारण की पुष्टि हो सकती है।
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