
कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए रामबाण हैं ये 4 योगासन। जानें इन योगासनों के सभी फायदे और करने का आसान तरीका।
कब्ज पेट से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। अनियंत्रित खानपान और अधुनुक जीवनशैली की वजह से ज्यादातर लोग इस समस्या की चपेट में आ रहे हैं। शरीर के पाचन तंत्र का सुचारू रूप से काम न कर पाना कब्ज जैसी समस्या पैदा करता है। कब्ज जैसी गंभीर समस्या को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है, इसकी वजह से पेट और आंत से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां भी जन्म ले सकती हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन, आधुनिक जीवनशैली, तनाव आदि की वजह से कब्ज जैसी समस्या जन्म लेती है। कब्ज को दूर करने के लिए यूं तो तमाम तरीके मौजूद हैं लेकिन योगासनों के जरिए भी कब्ज जैसी गंभीर समस्या से निजात पाया जा सकता है। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से शरीर को तमाम बीमारियों से निजात मिलती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका नियमित रूप से अभ्यास कर आप कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
कब्ज: कारण और लक्षण (Constipation: Causes and Symptoms)
कब्ज एक ऐसी स्थिति को कहते हैं जब हमारा पेट सही तरीके से साफ नही हो पाता। इसकी वजह आधुनिक दिनचर्या, असंतुलित आहार या अस्वास्थ्यकर भोजन का लेना हो सकती है। इस समस्या का अधिक समय तक बने रहना नुकसानदायक होता है। तनाव, चिंता और पर्याप्त नींद न लेने की वजह से भी हमारा पाचन तंत्र खराब हो सकता है जिसकी वजह से भी कब्ज जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, जयादा दिन तक कब्ज जैसी समस्या बनी रहने के कारण पेट और आंतों में गंभीर बीमारियां भी पैदा होने का ख़तरा रहता है। सामान्यतः कब्ज जैसी समस्या होने के कई कारण होते हैं जैसे दवाओं का सेवन, किसी प्रकार के इलाज की स्थिति में या गर्भावस्था के दौरान लेकिन लाइफस्टाइल की वजह से कब्ज जैसी समस्या पैदा होने के कुछ प्रमुख वजहें इस प्रकार से हैं।
- शरीर में पानी की कमी
- शारीरिक गतिविधि का कम होना
- अनियमित दिनचर्या
- असंतुलित भोजन
- फाइबर युक्त भोजन की कमी
- अधिक मात्रा में दूध या पनीर का सेवन
- तनाव, चिंता

कब्ज जैसी समस्या में पेट में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कब्ज के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- पेटदर्द और गैस का बने रहना
- सही तरीके से पेट साफ़ न होना
- सिर में लगातार दर्द होना
- बदहजमी
- पेट फूलना और जे मचलाना
कब्ज की समस्या में फायदेमंद योगासन (Yoga for Constipation)
नियमित रूप से कुछ योगासनों का अभ्यास करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। योगाभ्यास के साथ-साथ ही नियमित रूप से खालीपेट गर्म पानी का सेवन, संतुलित भोजन करने से भी कब्ज पर काबू पाया जा सकता है। खानपान में सुधार और स्वस्थ दिनचर्या को अपनाने के साथ-साथ नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करने से कब्ज की समस्या से निजात मिल सकती है। कब्ज की समस्या में फायदेमंद कुछ योगासन ये हैं।
- उदराकर्षणासन
- मयूरासन
- अर्ध चक्रासन
- पवनमुक्तासन
1. उदराकर्षणासन (Udarakarshanasana or Abdominal Twist Pose)
शंख प्रक्षालन जैसे अष्टयोग की प्रक्रिया के दौरान की जाने वाली प्रमुख मुद्रा को उदराकर्षणासन कहते हैं। यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं में बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को पेट पर दबाव और खिंचाव के माध्यम से किया जाता है। पेट के लिए बेहद प्रभावशाली माने जाने वाले इस आसन को आसानी से किया जा सकता है। कब्ज जैसी समस्या के लिए कई योग फायदेमंद होते हैं उनमें से ही एक उदराकर्षणासन भी है। नियमित रूप से इस आसन को करने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं ख़त्म हो जाती हैं।
उदराकर्षणासन के लाभ (Udarakarshanasana or Abdominal Twist Pose Benefits)
- कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद
- घुटने के जोड़ों, पैरों और पैरों की उँगलियों को रखता है फिट
- मूत्र विकार और मूत्र संक्रमण में फायदेमंद
- गठिया और घुटनों से जुड़ी समस्या में भी फायदेमंद
- पैरों के दर्द से रहत देता है
- शरीर को चुस्त और उर्जावान रखता है
- पेट की तमाम समस्याओं के लिए रामबाण
- डायबिटीज और लिवर से जुड़ी बीमारियों में लाभदायक
- स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी
उदराकर्षणासन करने का तरीका (How to perform Abdominal twist Pose)
साफ और हवादार जगह पर योगा मैट के सहारे बैठें। सबसे पहले दोनों पैरों के पंजो के सहारे बैठें उसके बाद गहरी सांस लेकर बाएं पैर के घुटने को जमीन पर रखें और दाहिने पैर के घुटने को अपने सीने के पास ले जाएं। इस प्रकार से इस प्रक्रिया को लगातार कुछ समय के लिए दोहराएं। वापस आराम की अवस्था में आएं।
2. मयूरासन (Mayurasana or Pecock Pose)
मयूरासन हठ योग का प्रमुख आसन है। मयूरासन का अर्थ मोर जैसी मुद्रा होता है। शुरुआत में इस आसन का अभ्यास करने में थोड़ी कठिनाई आती है लेकिन नियमित अभ्यास करने पर आसानी से इसे किया जा सकता है। मयूरासन पेट की समस्या और कब्ज या एसिडिटी से निजात दिलाने में बेहद उपयोगी होता है।
मयूरासन के लाभ (Mayurasana or Pecock Pose Benefits)
- मयूरासन पूरे पाचन तंत्र के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है
- मयूरासन का नियमित अभ्यास करने से पेट, आंत, गुर्दे और अग्नाशय को फायदा होता है
- भोजन के पाचन में बेहद फायदेमंद होता है
- शरीर से विषाक्त पदार्थों को बहार करने में उपयोगी
- यौन शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने में मददगार
- कंधे और भुजाओं की की मांसपेशियों को मजबूती देता है
- कब्ज, बवासीर और डायबिटीज में फायदेमंद

मयूरासन करने का तरीका (How to perform Mayurasana)
हवादार जगह पर बैठ जाएं। पैरों को सुखासन की मुद्रा में मोड़कर बैठें। अब अपनी हथेलियों के सहारे शरीर को जमीन पर टिकाएं और पैरों को हवा में उठा लें। धीरे-धीरे पैरों को पीछे की तरफ खोलते हुए अपने शरीर का संतुलन दोनों हाथों की हथेलियों के सहारे बनाए रखें। शुरुआत में इस आसन को 5 से 10 सेकेंड तक करें उसके बाद अभ्यास हो जाने पर इसे 1 से 2 मिनट तक भी किया जा सकता है।
3. अर्ध चक्रासन (Ardha chakrasana or Half Wheel Pose)
अर्ध चक्रासन को हाफ व्हील पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन चक्रासन का दूसरा रूप है और यह करने में भी चक्रासन से आसन होता है। यह आसन सेहत के लिए बेहद लाभकारी है और इसके नियमित अभ्यास से पीठ दर्द से लेकर ब्लड शुगर और पेट से जुड़ी तमाम समस्याएं ठीक होती हैं।
अर्ध चक्रासन के फायदे (Ardha chakrasana Benefits)
- फेफड़ों के लिए बेहद लाभकारी
- शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में उपयोगी
- पीठ और रीढ़ को स्वस्थ रखने में मददगार
- जांघों और पेट की चर्बी को कम करने में उपयोगी
- कंधे और गर्दन के दर्द से राहत
- पेट और आंत की मांसपेशियों को फैलाने में मददगार
- कब्ज जैसी समस्या में बेहद उपयोगी

अर्ध चक्रासन करने का तरीका (How to Perform Ardh Chakrasana)
अर्ध चक्रासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच में आधे फीट की दूरी बना लें और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कमर से नीचे रखें। गहरी सांस लेते हुए पीछे की तरफ सिर के साथ कमर से उपर के शरीर को झुकाएं। सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाएं। दोबारा सांस लेते हुए आगे की तरफ झुकें और फिर सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाएं। शुरुआत में इस आसन को 2 मिनट के लिए करें उसके बाद निरंतर अभ्यास होने पर 5 मिनट तक के लिए भी कर सकते हैं।
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4. पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana)
पवनमुक्तासन योग की ऐसी मुद्रा है जिसे करने से पेट की गैस छोड़ने में सहायता मिलती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट की गैस के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से राहत मिलती है। पेट से जुड़ी अनेकों बीमारियों में यह आसन रामबाण की तरह काम करता है।
पवनमुक्तासन के लाभ (Pavanamuktasana Benefits)
यहां पवनमुक्तासन के अभ्यास के विभिन्न लाभ दिए गए हैं।
- कब्ज, अपच, दस्त और एसिडिटी में न्बेहद उपयोगी
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार
- शरीर के आंतरिक अंगों में सही ढंग से रक्त प्रवाह फायदेमंद
- आंतों और पाचन तंत्र के लिए लाभदायक
- पेट की गैस को ख़त्म करने में उपयोगी
- हिप एरिया के आसपास रक्त के संचार को बेहतर बनाने में लाभकारी
- मासिक धर्म से जुड़े विकारों को ठीक करने में उपयोगी

पवनमुक्तासन करने का तरीका (How to Perform Pavanmuktasana)
पवनमुक्तासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को फैलाकर इनके बीच दूरी को कम करें। पहले दाहिना पैर उठाकर घुटने से मोड़ें और इसे दोनों हाथों पकड़ लें। यही प्रक्रिया अब बाएं पैर के साथ भी करेंव इसके बाद दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर दोनों हाथों से पकड़ें और उपर सीने की तरफ ले जाएं। इस प्रक्रिया में नितंब जमीन से उठे हुए होने चाहिए। शुरुआत में इस आसन को तीन से चार बार 5 मिनट के लिए करें।
हमें उम्मीद है कि पेट की समस्या और कब्ज दूर करने के लिए किये जाने वाले योगासनों के बारे में दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। किसी भी प्रकार का योगाभ्यास करने के लिए एक्सपर्ट की सहायता जरूर लें। अगर आप किसी बीमारी या इंजरी से पीड़ित हैं तो इन आसनों को करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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