एक बच्चा कोरे कागज के समान होता है, जिसे जैसा चाहें, वैसा ढाल सकते हैं। इसलिए बच्चे के माता-पिता और उसके समाज के माहौल का बच्चे के व्यवहार पर काफी असर होता है। यही वजह है कि अक्सर मां-बाप को सलाह दी जाती है कि बच्चों के सामने अभद्र शब्द नहीं बोलने चाहिए। क्योंकि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं वह अपने आसपास के माहौल और लोगों को समझने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया के बीच कई बच्चों का व्यवहार काफी तर्कशील यानि आर्ग्यूमेंटेटिव हो जाता है। ऐसे में इस व्यवहार के बच्चों को हैंडल करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन मां-बाप चाहें, तो अपने बच्चे के इस व्यवहार को कंट्रोल कर सकते हैं। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने बच्चों के आर्ग्यूमेंटेटिव व्यवहार से निपट सकते हैं और हैंडल कर सकते हैं।
बच्चों के आर्ग्यूमेंटेटिव व्यवहार से कैसे निपटें?
यदि आपका बच्चा आर्ग्यूमेंटेटिव है, तो आप अपने बच्चे को आंख मूंदकर डांटने के बजाय प्यार से उसे समझाएं। आप अपने बच्चे के व्यवहार को नजरअंदाज न करें और इस समस्या का हल ढूंढें। यहां हम आपको कुछ प्रभावी तरीके बता रहे हैं, जो आपके बच्चे के इस व्यवहार से निपटने में आपकी मदद करेंगे।
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बच्चे के इस व्यवहार से निपटने के लिए खुद को तैयार करें
सबसे जरूरी चीज कि आप अपने बच्चे के आर्ग्यूमेंटेटिव व्यवहार से निपटने के लिए खुद को तैयार करें। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे की बढ़ती उम्र में उसकी मांग और व्यवहार दोनों बदलते हैं। इसके अलावा, आप एक तर्कशील बच्चे के साथ प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उसकी भविष्य की मांगों के लिए खुद को तैयार करें। आप अपने बच्चे को किसी भी चीज के लिए डांटकर या गुस्से से न बोलें, बल्कि समझदारी से समझाएं।
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बच्चे के तर्क के पीछे के मकसद को समझें और प्यार से सवाल करें
यदि आपका बच्चा आर्ग्यूमेंटेटिव है यानि तर्कशील है, तो आप हमेशा उनकी बात को काटें नहीं। आप कोशिश करें और उनके तर्क के पीछे का उद्देश्य समझें और फिर कुछ कहें या समझाएं। इसके अलावा, आप अपने बच्चे के फैसलों पर सवाल जरूर करें, मगर प्यार से। ऐसा इसलिए क्योंकि प्यार से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
गुस्से और बहस को करें कम
अक्सर बच्चे के आर्ग्यूमेंटेटिव व्यवहार की वजह से मां-बाप भी बच्चे के साथ गुस्से में आकर बात करते हैं। जबकि ऐसा करना उनके इस व्यवहार को और बढ़ावा देने समान होता है। इसलिए आप अपने गुस्से और व्यवहार को कंट्रोल में रखें। आप ऐसे में अपने बच्चे के साथ बहस करने से भी बचें क्योंकि इसका कोई निष्कर्ष नहीं होगा। आपका शांत व्यवहार आपके बच्चे के व्यवहार को भी शांत करने में मदद कर सकता है।
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अपने बच्चे को सम्मान दें
माता-पिता को समझने की जरूरत होती है कि आपका बच्चा भले ही आपके लिए बच्चा है, लेकिन खुद के लिए वो यही समझता है कि वो स्वतंत्र फैसलों के लिए बड़ा हो गया है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। ऐसे में उनका आर्ग्यूमेंटेटिव व्यवहार और अग्रेशन बढ़ सकता है। इसलिए आप कोशिश करें कि आप अपने बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार करें।
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