सर्दी के मौसम में कपड़ों में नमी के कारण और मोटे कपड़ों में अंगों तक हवा न पहुंचने के कारण त्वचा में इंफेक्शन की समस्या आम हो जाती है। इस मौसम में ध्यान न देने पर त्वचा रूखी, फटी और बेजान दिखाई देती है। यौन अंगों के आसपास इंफेक्शन के कारण खुजली और दाद जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। वहीं कुछ लोगों में सोरायसिस की भी समस्या हो जाती है। आइए आपको बताते हैं किस तरह सर्दियों में आप अपनी त्वचा को संक्रमण से बचा सकते हैं।
धूप जरूर लें
सर्दियों के दौरान धूप इतनी कड़ी नहीं होती कि आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाए। इसके अलावा धूप में विटामिन डी होता है। उचित धूप नहीं मिलने से, किसी की त्वचा भी नीरस हो सकती है। सर्दियों में हर रोज 30-40 मिनट धूप में जरूर रहें। इससे न सिर्फ विटामिन डी का स्तर बढ़ेगा बल्कि आपका मूड भी बेहतर होगा। धूप की किरणें त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करती हैं इसलिए ये फायदेमंद हैं।
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ऊनी कपड़ों के नीचे सूती कपड़े पहनें
ऊनी कपड़े त्वचा में जलन कर सकते हैं और इससे पपड़ियां जम सकती हैं। सर्दियों के दौरान सीधे ऊनी कपड़े न पहनें बल्कि इनके नीचे कोई सूती कपड़ा या अन्य कपड़ा जरूर पहनें। ऊनी कपड़े मेहनत करने पर त्वचा को काटने लगते हैं। सोरायसिस के रोगियों को ऊनी कपड़ों के नीचे कॉटन के पतले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। इस तरह वे सर्दी को बिना किसी पपड़ी होने की चिंता किये बगैर मात दे सकते हैं।
अपना साबुन बदलें
त्वचा के इंफेक्शन की समस्या को आपका साबुन भी बढ़ा सकता है। कठोर साबुन त्वचा की प्राकृतिक पीएच को बदल सकता है, जिससे सूखी त्वचा पर खुजली या अन्य परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए सर्दियों में मॉश्चराइजर साबुन या क्रीम वाला साबुन इस्तेमाल करें। इसके अलावा न्यूट्रल पीएच लेवल वाला सोप या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा शुष्क नहीं होती।
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ओटमील बाथ लें
इस तरह के स्नान के लिए एक कप ओटमील लेकर इसे गुनगुने पानी में डाल दें। इसमें कुछ बूंदें आप खुशबूदार तेल की मिला सकते हैं। इस गुनगुने पानी से नहाने से आपकी त्वचा को आराम पहुंच सकता है और शुष्क, लाल दानों या चकत्तों से भरी त्वचा, जिससे खुजली और जलन होती है, को ढीली या नरम पड़ने में मदद मिलती है। जब ओट्स पानी के संपर्क में आते हैं तो वह जिलेटिन जैसी फिल्म बनाते हैं, जिससे त्वचा सुरक्षित होती है और उसमें नमी भी आती है। नहाते समय त्वचा की रगड़कर सफाई करने से बचें क्योंकि इससे मरीज की त्वचा की खुजली और जलन बढ़ जाती है और लाल रंग की सतह भी तेजी से स्किन पर उभर सकती हैं।
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