स्वस्थ रहने के लिए आपके जीवन में जितना महत्व आहार और व्यायाम का होता है, उतना ही महत्व ओरल हाइजीन का भी होता है। अक्सर लोग ओरल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं और आगे चलकर यही गंभीर बीमारियों को बढ़वा देता है। कई बार दांतों के अस्वच्छता के कारण लोगों को हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और सांस लेने में समस्या जैसे गंभीर बीमारियां का सामना करना पड़ता है। आपके मुंह में स्वस्थ्य के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया पाये जाते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया मुंह के द्वारा ही आपके पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र में प्रवेश करते हैं। अगर इन्हें नजरअंदाज कर दिया गया तो इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ओरल हाइजीन से जुड़े बीमारियों को दूर करने के लिए आपके लिए ये जानना जरूरी है कि दांतों के स्वच्छता और ये बीमारियां आपस में कैसे जुड़े हुए हैं। आइए इससे होने वाले बीमारियां और उससे बचने के कुछ उपाय जानते है।
हृदय रोग
दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हृदय रोग के कारण होता है। नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) का मानना है कि दुनिया भर में 29% से अधिक मौत हृदय रोग के वजह से होता है। आजकल अधिकांश लोगों में हृदय रोग से जुड़ी कई समस्यांए जैसे कि कोरोनरी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, धमनी रोग और स्ट्रोक देखे जाते हैं। ओडोंटोलॉजी के एक लेख में बताया गया है कि दांतों के स्वच्छता के कारण 90% हृदय रोगों की समस्या बढ़ सकती है। हृदय रोग से बचाव के लिए दांतों की सड़न, दांतों का टूटना या अन्य दंत समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए दांतों को इम्प्लांट कराना फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही अपको ओरल हाइजीन पर भी ध्यान देना चाहिए।
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डायबिटीज
विशेषज्ञों का कहना है कि पूरे विश्व में 2025 तक 300 मिलियन से अधिक लोगों को डायबिटीज से का निदान किया जाएगा। मौखिक स्वच्छता पर ठीक से ध्यान दिया जाय तो लोग डायबिटीज की चपेट में आने से बच सकते हैं, चाहे वो आनुवांशिक (genetic) ही क्यों ना हो। मेयो क्लिनिक के एक अनुसंधान से पता चला है कि जिन लोगों में मसूड़ों की बीमारी होती है, वो लोग ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए आम लोगों के तुलना ज्यादा संघर्ष करते हैं। अपने दांतों को स्वस्थ रखकर आप जीन (genes) को तो नहीं बदल सकते हैं लेकिन इससे डायबिटीज के खतरों को कम कर सकते हैं।
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कैंसर
रोजाना दांतों के स्वच्छता पर ध्यान नही देने के कारण लगभग हर परिवार कैंसर से प्रभावित हो रहा है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीरियडोंटोलॉजी के शोधकर्ताओं का मानना है कि मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों में गुर्दे के कैंसर के विकसित होने की संभावना 49%, अग्नाशय के कैंसर विकास होने की संभावना 54% और रक्त कैंसर के विकसित होने की 30% अधिक संभावना होती है। इन बीमारियों से बचने के लिए आपको रोजाना ब्रश करना चाहिए और साथ ही मुंह की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अपने दंत चिकित्सक के द्वारा दिए गए सुझाए से भी मौखिक स्वच्छता में सुधार ला सकते हैं, जैसे कि फ्लोराइड उपचार, एंटीबायोटिक्स, फिलिंग, क्राउन, सीलेंट और रूट कैनाल खोदने आदि से आप अपना ओरल हेल्थ को ठीक कर सकते हैं।
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सांस की बीमारियां
बैक्टीरिया आपके मुंह से श्वसन प्रणाली तक आसानी से पहुंच सकते हैं, और मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया गंभीर श्वसन रोगों को बढ़ावा दे सकते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीरियडोंटोलॉजी का मानना है कि मुंह में पाये जाने वाले बैक्टीरिया निमोनिया जैसे बामारी को बढ़ाने में योगदान देते हैं, और इससे प्रभावित लोगों में अक्सर इस तरह के गंभीर लक्षण देखे जाते हैं। सांसों से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए आपको मुंह के स्वस्थ्य पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। खाने के बाद मुंह की अंदरुनी साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
लेखक: धीरज सिंह राणा
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