पीठ दर्द एक एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। आमतौर पर पीठ दर्द का कारण मांसपेशियों में खिंचाव, गलत तरीके से सोना, गलत बॉडी पोश्चर, हड्डियों की कमजोरी आदि होते हैं। कई बार लोग पीठ दर्द से राहत पाने के लिए हर तरह के उपाय अपना लेते हैं, मगर उनको राहत नहीं मिलती है। एक्सपर्ट डॉक्टर गरिमा आनंदानी बता रही हैं पीठ दर्द से छुटकारा पाने के आसान उपायों के बारे में।
इन तथ्यों को जानें
- पूरी दुनिया में पीठ दर्द की समस्या दूसरी सबसे बड़ी समस्या है।
- 4 में से 3 लोगों को यह कुछ बिंदुओं पर प्रभावित करता है।
- वर्तमान में पूरी दुनिया के लगभग 11-33% लोग पीठ दर्द से ग्रस्त हैं।
- इस समस्या के निदान के लगभग 85% टेस्ट असफल हो जाते हैं।
- सामान्यतया पीठ दर्द के 20% मामलों में एक कारण पाया जाता है।
अनियमित और आराम परस्त लोगों की जीवनशैली में पीठ दर्द की समस्या बहुत व्यापक हो चुकी है। पश्चिमी देशों में पीठ दर्द की समस्या के मामले में अधिक देखने के मिलते हैं, जबकि भारत के शहरी आबादी में भी पीठ दर्द की समस्या के मामले बढ़ रहे हैं।
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पीठ दर्द के निदान के लिए कई चिकित्सक और मरीज एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई कराने में विश्वास रखते हैं। कुछ मामलों में तो ये जांच प्रभावी होती हैं और पीठ दर्द के कारणों का निदान हो जाता है, लेकिन कई मामले इन जांच के दौरान पकड़ में नहीं आते क्योंकि वे मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और अन्य नरम ऊतकों से संबंधित होते हैं। पीठ दर्द के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण का पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है और यह इसके लिए होने वाले विश्लेषण को जटिल बनाता है। इसके लिए इसका सही निदान ही प्रमुख उपचार हो सकता है। वास्तव में डिजिटल स्पाइन एनालिसिस (डीएसए) ही इसका वास्तविक विश्लेषण प्रदान करता है।
डीएसए एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो बिना सर्जरी के उपचार में सहायता करता है, यह पेशियों का अवलोकन रीढ़ की गतिविधियों का ग्राफ प्रदान करता है जिससे मूल्यांकन करने में समस्या नहीं होती है। पीठ दर्द की समस्या के उपचार के लिए भारत में पहली बार इस तरह की पद्धति का प्रयोग हो रहा है। यह तकनीक पीठ दर्द का निदान करने की अब तक की बेहतर तकनीक है जो पीठ दर्द के लिए जिम्मेदार सही कारण का पता लगा सकती है।
पीठ और गर्दन के दर्द के लिए एक ही बेहतर स्रोत है (निदान से उपचार एवं रोकथाम), यह पहली खास तरह की तकनीक इस देश में पहली बार आयी है। इस तकनीक में 21 तरह से रीढ़ की हड्डी का विश्लेषण किया जाता है जो रीढ़ की गतिविधियों और उसके लिए जिम्मेदार कारकों का पता लगाने में मदद करता है।
सर्जरी
डीएसए तकीनक से पीठ दर्द का निदान होने के बाद टीएसटी (टार्गेटेड स्पाइन थेरेपी) के जरिये उपचार किया जाता है। टीएसटी ऐसी तकनीक है जिसके जरिये मशीन के जरिये पीठ दर्द के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों को प्रभावी किया जाता है। यह बहुत ही प्रभावी तकनीक है। यह उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है जो पीठ दर्द के कारण हिलने-डुलने में परेशानी का अनुभव करते हैं।
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टागेटेड स्पाइन थेरेपी का मुख्य लाभ
1) कमजोर या प्रभावित क्षेत्र के मूल कारण की पहचान करके इसके लिए जिम्मेदार मांसपेशियों का उपचार करना।
2) इस प्रक्रिया से मांसपेशियों के अंसतुलन की प्रक्रिया को दोहराने से रोका जा सकता है।
3) इस तकनीक से सटीक उपचार होता है।
4) इससे संबंधित अन्य समस्याओं का मूल्यांकन और उसका भी उपचार।
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