आज हर कोई या तो अपना वजन कम करने या फिट रहने की कोशिश कर रहा है। यही वजह है कि हम अपने डाइट से कुछ चीजों को पूरी तरह से गायब कर रहे हैं। हम मोटापे के हिसाब से कभी कार्बोहाइड्रेट खाना बंद कर देते हैं तो कभी फैट। हमें जरूरत है इस बात को समझने कि हमारे लिए एक संपूर्ण भोजन जरूरी है। हम कुछ भी खाएं-पिएं पर हमारे शरीर को हर विटामिन और खनिज मिलता रहे। हमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट सबकी जरूरत है और इसके बिना हमारा शरीर चल नहीं सकता। पर लोगों के भीतर इससे जुड़े कई मिथक भी पल रहे हैं, जिनसे हमारा वजन कभी भी घट नहीं सकता। वजन घटाने के लिए जरूरी है कि हम सही डाइट फॉलो करें और पर्याप्त एक्सरसाइज करें। साथ ही कुछ मिथकों के दूर रहें। आइए हम आपको बताते हैं इन मिथकों के बारे में।
वजन घटाने से जुड़े 4 मिथक-
मिथक: प्रोटीन शेक वजन कम करने का एक शानदार तरीका है
प्रोटीन शेक अकेले आपको वजन कम करने में मदद नहीं कर सकता। प्रोटीन शेक आपको वजन कम करने में मदद करता है जब आप इसे बाकी भोजन के साथ एक एक रेगुलर रूटीन में लेते हैं। बहुत सारे लोग अपने दैनिक भोजन की मात्रा के साथ प्रोटीन शेक पीते हैं। कई लोग, जो जिम में पसीने बहाते हैं और बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रोटीन शेक पीते हैं, उनका इससे वेट कम नहीं होता बल्कि उनकी स्टेमिना और बढ़ जाती है। बॉडी-बिल्ड करने वाले लोग बॉडी पैक्स बनाने के लिए खाने के साथ प्रोटीम शेक को पीने का ट्रीक अपनाते हैं। इस तरह से प्रोटीन शेक वजन बढ़ाने में मदद करता है और इसे सिर्फ पी कर वजन कम नहीं किया जा सकता।
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मिथक: रात 8 बजे के बाद खाना खाने से आपका वजन बढ़ता है
एक विशिष्ट समय सीमा के बाद भोजन करने का मतलब यह नहीं है कि आप मोटे हो जाएंगे क्योंकि फर्क इस बाते से पड़ता है कि आप खाते क्या हैं। आधी रात या देर रात को मीठा, आइसक्रीम, चिप्स और पिज्जा जैसे व्यंजनों के साथ कैलोरी बढ़ने लगते हैं। इसलिए यदि आप एक व्यस्त रूटीन के कारण देर से खाना खाते हैं तो इससे वेट नहीं बढ़ेगा। वेट तब बढ़ता है, जब 8 बजे के बाद बहुत तला खाएं या बहुत मीठा और भारी भरकम खाएं। अगर आप 8 बजे के बाद रोटी या एक सेब खाएं तो आपका वजन बढ़ेगा नहीं।
मिथक: वजन कम करने के लिए कार्ब्स वाली चीजों को न खाएं
शरीर को ऊर्जा के लिए कार्बोहाइड्रेट आवश्यक होती ही है। कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ सभी आवश्यक विटामिन, पोषक तत्वों और आहार फाइबर से भरे होते हैं जो आपको चार्ज-अप रहने में मदद करते हैं। अगर कोई व्यक्ति वर्कआउट करता है और वो कार्बोहाइड्रेट नहीं खाता है, तो वो धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है। तो अगर आप कार्ब्स को अपने डाइट से पूरी तरह से निकाल देंगे तो हो सकता है कि आप सुस्त और कमजोर हो जाएं।। यदि आप वास्तव में अपने वजन को लेकर परेशान हैं तो हेल्दी कार्ब्स खाएं,जिसमें फैट ज्यादा न हो। इसके साथ ही कार्ब्स की मात्रा को सही करें और एक नियंत्रित मात्रा में ही इसे लें। पर एक बैलेंस-डाइट के लिए कार्ब्स का हमारे भोजन में न होना हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
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मिथक: सभी चटपटे चाजों न खाएं
हम सभी जानते हैं कि क्रेविंग होने पर हम किसी भी चीज को बिना सोचे-समझो खा सकते हैं। मूड के हिसाब से खाना खाने से आप खुश रह सकते हैं। खाना मूड को बेहतर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। इससे आपके मूड-स्विंग्स को फर्क पड़ता है और आपको हैपी होर्मोन्स भी एक्टीवेट हो जाते हैं। इसका उदहारण आपने कई बार देखा होगा कि कैसे किसी को उसका मन पसंद भोजन मिल जाए तो वो खुश हो जाता है। इसी तरह चटपटी चीजों को खाकर भी आपका मूड अच्छा हो सकता है। साथ ही ये आपको एक कंप्लीटनेस की फीलिंग भी देता है। पर ध्यान रखें कि कोई भी चीज एक सीमित मात्रा में ही सही होती है। अगर आप तेल-मसाले वाली चीजों को ज्यादा खाएंगे तो इससे आपको बाकी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों हो सकती हैं।
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