कैसी भी हो एक्सरसाइज बस 10 मिनट के लिए कर लें ये 4 काम, नहीं होंगे चोट और खिंचाव का शिकार

आपने अक्सर गौर किया होगा कि एक्सरसाइज के दौरान बहुत से लोगों को चोट लग जाती है, जानें इसके पीछे के ये चार कारण।
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कैसी भी हो एक्सरसाइज बस 10 मिनट के लिए कर लें ये 4 काम, नहीं होंगे चोट और खिंचाव का शिकार

अपनी जरूरत और फिटनेस लेवल के मुताबिक, वर्कआउट रूटीन को चुनना हमेशा से एक चुनौती भरा काम रहा है। आप ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहते हैं, जिससे आपकी फिटनेस में कोई परेशानी आए और आपको चोट पहुंचे। इसे सुनिश्चित करने के लिए आपके न केवल एक्सरसाइज का सही रूप चुनना है बल्कि आपको एक्सरसाइज रूटीन के कुछ बुनियादी स्टेप का भी पालन करना होगा। किसी भी एक्सरसाइज रूटीन के 4 जरूरी स्टेप होते हैं और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सी एक्सरसाइज कर रहे हैं बस आपको अधिकतम लाभ पाने के लिए उन्हें सही तरह से करना आना चाहिए। अगर आप स्पोर्ट के शौकीन हैं या फिर वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर आप फिटनेस के प्रति बेहद सजग रहते हैं तो आपको इन स्टेप के बारे में जरूर पता होना चाहिए और अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए।

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वार्म अप

यह किसी भी एक्सरसाइज रूटीन का पहला हिस्सा होता है, जब आपका शरीर किसी इंटेंस वर्कआउट सेशन के लिए खुद को तैयार कर रहा होता है। इस स्टेप को छोड़ देने से आपको चोट लगने और मांसपेशियों में खिंचाव आने की संभावना बढ़ जाती है। वार्म अप करने से आपकी बॉडी को ऑक्सीजन और रक्त संचार की बढ़ी मांग को अडजस्ट करने में मदद मिलती है, जिसके कारण आप आसानी से अपने वर्कआउट को अंजाम दे सकते हैं। आपको इस फेस में जॉगिंग, साइड स्टेप और साइड आर्म लिफ्ट जैसी आसान एक्सरसाइज करनी चाहिए। वार्म अप से मेटाबॉलिज्म में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं वार्म अप से चिंता और तनाव भी कम होता है। वार्म अप से शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा भी घटती है। दरअसल लैक्टिक एसिड कम होने से थकान के दौरान हाथ पैरो में दर्द नहीं होता।

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स्ट्रेचिंग

स्ट्रेचिंग किसी एक्सरसाइज रूटीन का दूसरा हिस्सा होता है। ये फेस वार्म-अप सेशन के बाद किया जाता है, जो आपकी मांसपेशियों या मसल्स को अधिक फ्लेक्सिबल बना देता है। इंटेंस एक्सरसाइज से पहले सभी जरूरी मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग मांसपेशियों में खिंचाव की संभावना को कम कर देती है। बिना कूदे या दौड़े धीरे-धीरे मांसपेशियों को स्ट्रेच करें और उन्हें आराम दें। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 सेकेंड तक स्ट्रेच करें।

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कंडिशनिंग

ये किसी भी एक्सरसाइज रूटीन का एक बेहद अहम हिस्सा होता है, खासकर उन एक्सरसाइज में, जिसमें आप कैलोरी बर्न करने,  एंडुरेंस का निर्माण करने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न एक्सरसाइज करते हैं। आपको अपनी जरूरत या पसंद जैसे कार्डियो एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जुम्बा या पिलाते के हिसाब से सही एक्सरसाइज का चुनाव कर सकते हैं। इस फेस में आपके दिल की धड़कन, ऑक्सीजन इनटेक और बॉडी टेम्परेचर सभी बढ़ती हैं।

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कूलडाउन

इंटेंस एक्सरसाइज करने के बाद वापस सामान्य स्थिति में आने के लिए ये स्टेप बहुत जरूरी होता है। कूल डाउन को आपके शरीर के लिए रिकवरी समय के रूप में जाना जाता है। कंडिशनिंग फेस के दौरान आपके दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और बॉडी का तापमान अपने चरम पर होता है। कूलडाउन धीरे-धीरे शरीर को सामान्य स्थिति में लाने में मदद करता है। कूलडाउन करने के सबसे अच्छे तरीके में धीरे-धीरे चलना और स्ट्रेचिंग शामिल है।

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