
बदन दर्द या सिरदर्द हुआ नहीं कि हम डॉक्टर से बिना पूछें दवाईयां खा लेते हैं। अक्सर सिर दर्द, पेट दर्द या बदन दर्द को कम करने के लिए हम कुछ ऐसे पेनकिलर का इस्तेमाल करते हैं, जो हमें कुछ पलों का तो आराम देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दर्द से तुरंत राहत देने वाली ये जादुई गोलियां आपके लिए खतरनाक हो सकती है। जी हां अगर आप पेनकिलर का मनमाना इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप एक बड़े दर्द को न्यौता दे रहे हैं। दवाएं दर्द मिटाने और बीमारी भगाने के लिए होती हैं, लेकिन अगर उन्हें सही तरीके और सही मात्रा में न लिया जाए तो वे दर्द की वजह भी बन सकती हैं। आइए जानें ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में।  
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पेनकिलर से जुड़ी गलतियां
चाहे बात विटामिन की गोलियां लेने की हो या पेनकिलर दवाओं के इस्तेमाल की। हम बिना पूछें कभी केमिस्ट से पूछकर, तो कभी अपनों की सलाह इन पेनकिलर दवाइयों का सेवन आराम से करते रहते हैं। जिससे अन्य प्रकार की समस्या हो सकती है। इसलिए पेनकिलर दवाओं के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि आप पेनकिलर लेते वक्त ऐसी कौन सी गलती कर रहे हैं जिससे आपको साइड एफेक्ट झेलना पड़ सकता है।
एक बार में एक से अधिक पेन किलर लेना 
बहुत ज्यादा दर्द होने पर लोग एक से अधिक पेनकिलर ले लेते हैं। उनको लगता है कि इससे पेनकिलर का प्रभाव दोगुना हो जाता है। इरविन के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विज्ञान के नैदानिक प्रोफेसर एमडी, चार्ल्स वेगा के अनुसार ऐसा करने से अतिरिक्त दर्द से राहत मिलती है लेकिन इसके साइड इफेक्ट बढ़ जाते हैं। दर्द कितना भी तेज हो लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप में एक से अधिक पेन किलर लें।
किसी भी पेनकिलर का असर पता चलने में कम से कम 15 से 30 मिनट तो लगते ही हैं। ऐसे में अगर आप बेसब्र होकर पेनकिलर की ओवरडोज लेगें तो ब्लीडिंग, किडनी फेल्योर, हार्ट अटैक, ब्लड क्लॉटिंग जैसे साइड एफेक्ट हो सकते हैं।
पेनकिलर को रुटीन का हिस्सा बनाना 
कई बार लोग थकान मिटाने और दर्द से आराम पाने के लिए पेनकिलर दवाओं के इतने आदी हो जाते हैं कि दवाएं उनके रुटीन का हिस्सा हो जाती हैं। लंबे समय तक इनका इस्तेमाल किडनी, लिवर और कई मानसिक समस्याओं का कारण हो सकता है। डॉक्टर वेदा कहते हैं कि जब तक आप दवाओं के लिए किसी डॉक्टर के निर्देंशों का पालन नहीं कर रहे हैं तब तक आपको महीने में एक या दो दिन से अधिक ओटीसी पेनकिलर का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार अगर आप दैनिक या साप्ताहिक आधार पर एसिटामिनोफेन ले रहे है, तो लिवर की की विफलता या मौत का खतरा बढ़ सकता है।
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खाली पेट पेनकिलर लेना 
हममें से ज्यादातर लोग पेन होने पर पेनकिलर खाली पेट भी ले लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाली पेट पेनकिलर दवाएं लेने से शरीर में गैस्ट्रिक या एसिडिटी बहुत अधिक बढ़ जाती हैं जिससे तबियत और बिगड़ सकती है। हमेशा पेनकिलर लेने से पहले कुछ खाना बहुत जरूरी होता है।
दवा को तोड़ कर या क्रश करके लेना
कई बार हमें पूरी गोली निगलने में परेशानी होने के कारण हम दवाओं को तोड़कर या क्रश करके ले लेते हैं। खासतौर पर बच्चे ज्यादातर दवाओं को ऐसे ही खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से दवा तेजी से शरीर में घुलती है और कई बार हमारा शरीर उसके प्रभाव को संभाल नहीं पाता। यह दवा के ओवरडोज की तरह काम करता है। इसलिए दवा को तोड़कर लेने के बजाय पूरी ही लें। लेकिन आधे डोज के लिए दवा को तोड़ने में कोई परेशानी नहीं है। 
पेनकिलर दवाओं की हल्की डोज आपके दर्द को राहत पहुंचाने के लिए ही है, लेकिन कई बार हमारी जरा सी लापरवाही दर्द कम करने के बजाय हमारे लिए बड़े ददर्द का सबक हो सकती है। इसलिए पेनकिलर लेते समय इन बातों का ध्यान रखें। 
इस तरह इन उपायों को अपनाकर आप शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर मुंहासों की समस्या से बच सकते हैं।   
Image Source : Getty 
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