
शोधकर्ताओं ने पाया कि मछलियों का 359.1 ग्राम सेवन करने से आंत का कैंसर का जोखिम 12 फीसदी तक कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त वे लोग, जो हर सप्ताह करीब 124 ग्राम मछली खाते हैं उनमें आंत के कैंसर का जोखिम 10 फीसदी तक कम हो जाता है।
फिश और सीफूड के कई रूपों को दशकों से ह्रदय के अनुकूल माना जाता है। कुछ शोधों में फिश ऑयल सप्लीमेंट के सेवन के फायदे के बारे में भी बहुत सी बातें कही गई हैं, विशेषकर उन सप्लीमेंट के बारे में, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। यह एसिड सूजन व जलन और हाई कोलेस्ट्रोल के खिलाफ लड़ने में फायदेमंद माना जाता है।
मछली लीन प्रोटीन के सबसे अच्छे स्त्रोतों में से एक है क्योंकि इसमें सैच्यूरेटेड फैट कम और उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन सबसे ज्यादा होता है। हाल ही में एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है मछली का सेवन आंत के कैंसर को कम करने से जुड़ा हुआ है। यह स्थिति पाचन तंत्र के निचले हिस्से को प्रभावित करती है और यह महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से प्रभावित करता है, आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद।
अध्ययन में कहा गया कि सप्ताह में तीन बार मछली का सेवन इस प्रकार के कैंसर को विकसित होने के खतरे को कम करता है। जर्नल क्लीनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेप्टोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन का शीर्षक 'मछली का सेवन और n-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड एक बड़े यूरोपीय संघ में कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करने के साथ जुड़ा हुआ है'। इस अध्ययन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है।
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अध्ययन के हिस्से के रूप में, शोधकर्ताओं ने 476,160 लोगों की डाइट आदतों को परखा, जिसमें इन लोगों ने खुलासा किया कि वे अक्सर कुछ प्रकार के विशेष फूड खाते हैं। इन सवालों ने शोधकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद की, कि अध्ययन में शामिल लोगों ने सफेद, फैटी, लीन और ऑयली फिश सहित विभिन्न प्रकार की मछलियों का अक्सर सेवन किया था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन सभी प्रकार की मछलियों का 359.1 ग्राम सेवन करने से आंत का कैंसर का जोखिम 12 फीसदी तक कम हो जाता है। जबकि बाकी मछलियों का सेवन 63 ग्राम अधिक करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त वे लोग, जो हर सप्ताह करीब 124 ग्राम मछली खाते हैं उनमें आंत के कैंसर का जोखिम 10 फीसदी तक कम हो जाता है।
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शोधकर्ताओं ने कहा कि मछली का ये फायदा उनमें मौजूद n-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड के कारण होता है। ये फैटी एसिड सूजन व जलन से लड़ने में बेहद फायदेमंद है।
अध्ययन में कहा गया, ''इस विशाल अध्ययन में प्रतिभागियों की डाइट आदतों के विश्लेषण में हमने पाया कि मछली के निरंतर सेवन, जितना की खाने को कहा गया है आंत रे कैंसर के खतरे को कम करने से जुड़ा हुआ है, जो कि इसमें मौजूद n-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड के कारण हो सकता है। प्लाजमा में मौजूद n-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड का स्तर कैंसर जोखिम के साथ जुड़ा नहीं है लेकिन यह कोलोन के विभिन्न हिस्सों में जोखिम में अंतर पैदा कर सकता है।''
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