ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय के कैंसर) से बचना है तो आज से अपनाएं ये 3 आदतें, जानें किन्हें होता है खतरा

 मूत्राशय कैंसर यानी ब्लैडर कैंसर(Bladder Cancer) के शुरुआती संकेत बहुत सामान्य होते हैं पर इन्हें जानना बेहद जरूरी है, ताकि हम इस घातक बीमारी से बचें
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ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय के कैंसर) से बचना है तो आज से अपनाएं ये 3 आदतें, जानें किन्हें होता है खतरा

ब्लैडर कैंसर (Bladder Cancer) यानी मूत्राशय के कैंसर का खतरा पुरुषों और महिलाओं, दोनों को होता है। मूत्राशय या ब्लैडर हमारे शरीर के निचले हिस्से में स्थित होता है, जहां हमारे शरीर से निकला हुआ तरल पदार्थ (Liquid) मूत्र या पेशाब के रूप में इकट्ठा होता है। इस ब्लैडर के अंदरूनी झिल्ली की कोशिकाएं जब अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं, तो उस स्थिति को ब्लैडर कैंसर (causes of bladder cancer) कहते हैं। ब्लैडर कैंसर से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि आप इसके शुरुआती संकेतों को पहचानें और इनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। तो, आइए सबसे पहले जानते हैं कि ब्लैडर कैंसर के संकेत (signs and symptoms of bladder cancer) और फिर जानेंगे इससे बचाव का तरीका।

Bladder-Cancer

ब्लैंडर कैंसर के शुरुआती संकेत-Signs And Symptoms Of Bladder Cancer

जल्दी-जल्दी पेशाब लगना, पेशाब के साथ खून आना, पेशाब करते समय दर्द होना, पेशाब करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आदि। ये संकेत इतने सामान्य हैं कि ज्यादातर लोग इसे यूटीआई या कोई अन्य इंफेक्शन समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। आमतौर पर ब्लैडर कैंसर के संकेत प्रभावित व्यक्ति में तब दिखना शुरू होते हैं, जब कैंसर काफी हद तक फैल चुका होता है, जिसके कारण इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।

इसलिए इस रोग की संभावना को खत्म करना ही इस रोग से बचाव का सबसे आसान रास्ता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको भविष्य में ब्लैडर कैंसर न हो, आज से ही अपनी आदत में आपको ये 3 बातें जरूर शामिल कर लेनी चाहिए।

किन्हें होता है ब्लैडर कैंसर का ज्यादा खतरा-Who is at high risk for bladder cancer?

आमतौर पर ब्लैडर कैंसर का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो धूम्रपान करते हैं। ये कैंसर गलत खानपान की आदतों के कारण भी हो सकता है। कुछ लोग जो जंक फूड्स और प्रॉसेस्ड फूड्स ज्यादा खाते हैं या अंजाने में हानिकारक केमिकल्स और पेस्टिसाइड्स युक्त चीजें खाते हैं, उन्हें भी ब्लैडर कैंसर हो सकता है। एक गलत आदत जो ज्यादातर लोगों में पाई जाती है, वो है कम पानी पीना। पर्याप्त पानी न पीने के कारण भी ब्लैडर कैंसर हो सकता है।

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1.पानी और लिक्विड डाइट खूब लें

पानी सैकड़ों रोगों की अकेली दवा है। दरअसल पानी सिर्फ हमारी प्यास नहीं बुझाता है, बल्कि हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स (गंदगी और जहरीले पदार्थों) को बाहर भी निकालता है। इसका मतलब है जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो आपके शरीर की अच्छी तरह सफाई हो जाती है। कम पानी पीने से आपको मूत्राशय से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।

दरअसल खून को फिल्टर करने के बाद किडनियां जब टॉक्सिन्स को अलग कर देती हैं, जो ये सभी गंदे पदार्थ आपके मूत्राशय में जाकर इकट्ठा होते जाते हैं। जब आप कम पानी पीते हैं, तो आपको पेशाब कम लगती है, इसलिए आपका ब्लैडर जल्दी-जल्दी खाली नहीं होता है। इस तरह धीरे-धीरे ढेर सारे टॉक्सिन्स जमा होते जाते हैं और ब्लैडर की झिल्ली से चिपकते जाते हैं। लंबे समय तक झिल्ली के संपर्क में रहन के कारण ये कई तरह के रोग पैदा कर सकते हैं, जिनमें से सबसे खतरनाक रोग ब्लैडर कैंसर है।

आमतौर पर हमें रोजाना 8-10 ग्लास यानी लगभग 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आपको अपनी डाइट में दूसरे लिक्विड को भी शामिल करना चाहिए, जैसे- नारियल पानी, फलों का जूस, ग्रीन टी, ब्लैक टी, नींबू-पानी, हर्बल चाय आदि। इसके अलावा एक जरूरी सलाह ये है कि आपको पेशाब को देर तक नहीं रोकना चाहिए।

2.धूम्रपान बिल्कुल बंद कर दें

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार जो लोग धू्म्रपान (स्मोकिंग) करते हैं, उन्हें ब्लैडर कैंसर का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है। नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा 2011 में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि ब्लैडर कैंसर के आधे से ज्यादा मरीज वे होते हैं, जिन्हें धूम्रपान की लत होती है। धूम्रपान यानी सिगरेट, बीड़ी, हुक्का और ई-सिगरेट्स पीने की लत। आजकल ज्यादातर युवा ई-सिगरेट्स को पेपर सिगरेट से ज्यादा सुरक्षित समझते हैं। मगर कई रिसर्च बताती हैं कि दोनों ही आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। इसलिए ब्लैडर कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपनी धूम्रपान की लत बिल्कुछ छोड़ दें।

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3.फल और सब्जियां खूब खाएं

कई रिसर्च बताती हैं कि जो लोग अपने खानपान में फलों और सब्जियों को ज्यादा शामिल करते हैं, उनमें कैंसर पैदा होने का खतरा कम हो जाता है। दरअसल फलों और सब्जियों में ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से रोकते हैं। इसके अलावा फलों और सब्जियों में ढेर सारे विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन्स होते हैं, जो शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखते हैं।

यही कारण है कि इनके सेवन से शरीर में कैंसर पैदा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इन्वेस्टिगेटिव एंड क्लीनिकल यूरोलॉजी नामक जर्नल में छपी 2016 की रिपोर्ट बताती है कि ताजी सब्जियां, फल और लो-प्रॉसेस्ड मीट खाकर ब्लैडर कैंसर को रोका जा सकता है।

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