तनाव, सिगरेट का सेवन, शराब, तंबाकू, एक्सरसाइज कमी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि ही दिल की बीमारियों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि ऐसे कई डरावने कारण हैं जो आप दिन प्रतिदिन की दिनचर्या में करते हैं, पर उन पर ध्यान नहीं देते हैं। दूसरा आपके शरीर के कुछ अंग आपको बताते हैं कि भविष्य में आपको दिल की बीमारी कितनी जल्दी हो सकती है। ऐसे कई कारण हैं जो सीधे-सीधे नहीं पर भविष्य में हार्ट अटैक का कारण बनते हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे उन कारणों के बारे में जिन पर आप ध्यान नहीं देते पर वे भविष्य में आपके ऊपर बुरा असर डालते हैं। राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा ने दिल की बीमारियों से जुड़ी वे हैरान कर देने वाली बताई हैं, जिन पर आप भी ध्यान नहीं देते होंगे। तो आइए डॉक्टर से विस्तार से जानते हैं।
हृदय रोग बढ़ाने वाले हैरान कर देने वाले कारण
1. ओरल हाइजीन और आपका दिल
सुनने में बड़ा अजीब लग रहा होगा पर आपकी ओरल हाइजीन और हार्ट डिजिज का आपस में संबंध है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई शोध हुए हैं जो बताते हैं कि मुंह में मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने वाला बैक्टीरिया आपकी ब्लड वेसल को भी क्षति पहुंचाता है। उसमें सूजन करता है। जिसकी वजह से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। अगर आपको भी आपके मसूड़ों में सूजन, लालपन आदि दिख रहा है तो डेंटिस्ट से मिलें। तो वहीं, स्वस्थ मुंह के लिए जरूरी है कि हर छह महीने में डेंटिस्ट के पास जाया जाए।
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2. शिफ्ट वर्क
काम के बदलते घंटे और बढ़ते घंटे की वजहे से हृदय ही नहीं बल्कि अन्य समस्याएं भी पनप रही हैं। शिफ्ट वर्क की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती और बॉडी क्लॉक बदलने की वजह से दिनचर्या बदल जाती है। शिफ्ट वर्क की वजह से आपकी बॉडी के सरकाडियन रिदम पर बहुत बुरा असर पड़ता है। और इसका आपकी हृदय गति पर बुरा असर पड़ता है। तो अगर आप भी शिफ्ट वर्क करते हैं। तो अपना ख्याल रखिए। दिन में कुछ न कुछ ऐसा करते रहिए जिससे दिल स्वस्थ रहे। संतुलित आहार लें, नियमित एक्सरसाइज करें। इन तरीकों से आप जल्दी हृदय रोगों की चपेट में नहीं आएंगे। शिफ्ट वर्क डिसऑर्डर दिन प्रतिदिन के जीवन को प्रभावित करता है।
3. गंजापन और हृदय रोग
साल 2017 में भारत में गंजेपन और हृदय रोग को लेकर एक स्टडी की गई थी कि जिसमें यह निकलकर आया कि जिन लोगों में हार्ट प्रॉब्लम हुईं थीं उनमें पहले ग्रे हेयर और गंजापन के लक्षण दिखे थे। डॉक्टर अवधेश शर्मा का भी कहना है कि 40 की उम्र से पहले गंजापन हृदय रोगों की ओर संकेत करता है। इसलिए समय-समय पर दिल से संबंधित जांचें कराते रहना चाहिए।
4. ब्रेकफास्ट छोड़ना
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि जो लोग रोज ब्रेकफास्ट छोड़ते हैं, वे लोग भविष्य में हृदय रोगों के लिए ज्यादा प्रोन हो जाते हैं। ऐसे लोग सुबह का नाश्ता नहीं करते फिर दोपहर और रात में जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं। ओवरइटिंग की वजह से उनका कॉलेस्ट्रोल बढ़ता रहता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल हृदय के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए जरूरी है कि समय पर नाश्ता किया जाए।
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5. आनुवांशिक कारण
जिन घरों में युवा उम्र में किसी को हार्ट अटैक हुआ और उससे उसकी मृत्यु हो गई तो उन घरों में आगे की पीढ़ियों में भी ये दिक्कत रहती हैं। आनुवांशिक कारण भी हृदय रोगों का कारण बनते हैं।
6. मल्टीटास्किंग है खतरा
बहुत से लोग मल्टी टास्किंग होते हैं। वे एक साथ कई काम कर रहे होते हैं। ये अच्छी बात है कि वे मल्टी टास्किंग हैं, लेकिन मल्टी टास्किंग लोग तनाव को ज्यादा समय झेल नहीं पाते। मल्टीटास्किंग होना अपने आप में एक टास्क है। इसमें समय का प्रबंध बहुत जरूरी है, जो लोग ऐसा करने में असफल होते हैं उनमें झुंझलाहट बढ़ती है और तनाव बढ़ता है। जो हार्ट अटैक कारण बनता है।
7. टखने की सूजन
पैर या टखने की सूजन हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। सूजन तब होती है जब धमनियों में रक्त जमने लग जाता है। दिल तक ठीक से खून नहीं पहुंच पाने की वजह से टखनों में सूजन आ जाती है। उसका मतलब है कि उसके हार्ट की पंपिंग कम हो रही है। हृदय तक रक्त ठीक से नहीं पहुंचता है। जिस वजह से पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होती है। पैर या टखने की सूजन को नजरअंदाज न करें। अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं।
8. ट्रैफिक में फंसना
आजकल ट्रैफिक की समस्या बहुत आम है। जगह-जगह जाम लगने की समस्या आम है। जो लोग लंबे समय जाम में फंसते हैं और झुंझलाते हैं। उनमें तनाव बढ़ता है जो हृदय रोग का कारण बनता है। जाम में फंसने की वजह से ज्यादा समय प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं जिस कारण हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप भीड़ में पहुंचने पर तनाव में पहुंच जाते हैं तो बेहतर उपाय है कि जब तक ट्रैफिक है तब तक आप कुछ अच्छा संगीत सुन लें। उससे आपका तनाव कम होगा।
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9. सोते समय खर्राटे
ऐसे लोग जो रात को सोते समय खर्राटे लेते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। खर्राटे और हार्ट का रिश्ता है। ऐसे लोग जो मोटे होते हैं और ठीक से सो नहीं पाते व खर्राटे लेते हैं, उनमें ओब्सट्रप्टिव स्लीप एप्सनिया हो जाता है। सोते समय पूरी तरह से सांस नहीं आने की वजह से वे हार्ट के मरीज बन जाते हैं। तो वहीं ऐसे लोग बीपी के भी पेशेंट बन जाते हैं।
10. समय से पहले मेनोपॉज
जिन महिलाओं को 46 की उम्र से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बाकी महिलाओं से ज्यादा होता है। मेनोपॉज में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन कम होता है जिसके कारण हार्ट की समस्याओं जल्दी बढ़ती हैं। ऐसी महिलाओं को हाई कोलेस्ट्रोल वगैरह नियमित रूप से जांचते रहना चाहिए।
स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी है कि आप स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं। गुटखा, तंबाकू, शराब जैसे मादक पदार्थों का प्रयोग न करें। डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि हमारे शरीर में जो ऊपरी चोट लगती है उसे तो हम ठीक कर लेते हैं, लेकिन जो अंदर के पार्ट्स में खराबी हो रही है उस पर ध्यान नहीं देते। दिल शरीर का सबसे जरूरी अंग है। इसलिए इससे संबंधित सभी जांचें नियमित रूप से कराते रहना चाहिए।
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