दुनियाभर के 3 में से 1 किशोर को कैंसर और डायबिटीज का खतरा, जानें किन आदतों से बीमार हो रहे युवा

फलों और सब्जियों का कम सेवन और शारीरिक गतिविधियों में रूचि न होना विश्वभर में युवाओं को गंभीर बीमारियों का शिकार बना रहा है। जानें ऐसा क्यों है।

Jitendra Gupta
Written by: Jitendra GuptaUpdated at: Dec 27, 2019 11:31 IST
दुनियाभर के 3 में से 1 किशोर को कैंसर और डायबिटीज का खतरा, जानें किन आदतों से बीमार हो रहे युवा

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विश्वभर में प्रत्येक तीन में से एक किशोर या फिर सरल भाषा में कहें युवक-युवती को डायबिटीज और कैंसर जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारी का खतरा है। एक अध्ययन के मुताबिक, इसके पीछे फलों और सब्जियों का कम सेवन और शारीरिक गतिविधियों में रूचि न होना सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है। जर्नल प्रीवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित ये अध्ययन किशोरों में गैर संचारी रोगों (non-communicable diseases) के लिए बड़े जीवनशैली जोखिम कारकों का सबसे बड़ा वैश्विक अध्ययन है।

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35 फीसदी किशोर 3 जोखिम कारकों से परेशान

ऑस्ट्रिलया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 89 देशों के 11 से 17 साल की उम्र के 304799 छात्रों से प्राप्त विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के डेटा की जांच की। शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में पाया कि 35 फीसदी किशोर तीन या उससे ज्यादा जीवनशैली जोखिम कारकों से घिरे हुए हैं।

कई रोगों के शिकार

क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर असद खान के मुताबिक, कई जोखिम कारक खराब स्वास्थ्य की संभावना को बढ़ाते हैं। ह्रदय और क्रॉनिक सांस संबंधी रोग, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर जैसे गैर संचारी रोग खराब स्वास्थ्य व समय पूर्व मृत्यु का कारण बनते हैं। खान ने कहा, ''इन सबके कारण प्रत्येक वर्ष विश्वभर में 10 में से सात मौतें होती हैं।'' 

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इन कारणों से होते हैं शिकार

उन्होंने कहा, ''किशोरों के बीच गैर संचारी रोगों के लिए जोखिम कारकों में सबसे प्रमुख 86 फीसदी फलों व सब्जियों का कम सेवन है जबिक 85 फीसदी शारीरिक गतिविधियों में रूचि न रखना है।'' शोधकर्ताओं ने कहा कि कुलामिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि लड़कों में लड़कियों के मुकाबले जीवनशैली से जुड़े जोखिम कारक अधिक होते हैं।

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कहां सबसे ज्यादा परेशानी

बता दें कि दुनियाभर में अमेरिका देश के किशोरों में सबसे ज्यादा जोखिम दर पाई गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका में 56 फीसदी किशोरों में तीन से अधिक जोखिम कारक पाए गए हैं जबकि पश्चिम प्रशांत क्षेत्र के 45 फीसदी किशोरों में तीन से अधिक जोखिम कारक देखे गए हैं।

इसके अलावा जिन कारणों से किशोरों में ये बीमारियां बढ़ रही है, उसके पीछे ये कारक भी जिम्मेदार हैंः

  • धूम्रपान।
  • शराब का सेवन।
  • पुरुषों में शारीरिक गतिविधियों की रूचि न होना।
  • खाने में अनहेल्दी डाइट लेना।
  • महिलाओं में गतिहीन जीवनशैली और खराब डाइट जोखिम कारक हैं।

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खान ने कहा, ''सभी देशों में पुरुषों व महिलाओं दोनों में धूम्रपान व शराब साथ में पीने का चलन बढ़ा है।'''

निष्कर्ष चिंता का विषय

अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता खान का कहना है कि अध्ययन के निष्कर्ष विशेष रूप से चिंता का विषय हैं, क्योंकि गैर संचारी रोग अक्सर बचपन में ही पनपते हैं। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था के दौरान पनपे इन व्यवहारों में से कई वयस्कता में भी रहते हैं, और प्रत्येक अतिरिक्त जोखिम कारक के संपर्क में भविष्य में खराब स्वास्थ्य और समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है।

डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पालन जरूरी

उन्होंने कहा, ''डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों के लिए अनुकूल परिवर्तनीय जोखिम वाले कारकों के समूहों को लक्षित करने वाली प्रारंभिक लिंग-विशिष्ट रोकथाम रणनीतियों को विश्व स्तर पर गैर-संचारी रोगों के वर्तमान और भविष्य में इन बीमारियों के बोझ को कम करने में मदद करने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।''

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