रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार है, जो हड्डियों के जोड़ों से संबंधित बीमारी है। हालांकि इस बीमारी के होने की निश्चित कारण के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन मेडिकल साइंस इसे आटो-इम्यून डिजीज यानी स्व-प्रतिरक्षित बीमारी मानते है। सामान्यतया रूमेटाइड अर्थराइटिस में सूजन आना और हाथ-पैर के जोड़ों में तेजदर्द की शिकायत सबसे अधिक दिखती है। आमतौर पर अर्थराइटिस बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारी है, लेकिन वर्तमान समय में अनियमित दिनचर्या और खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण यह युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
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हालांकि इसका असर जोड़ों पर सबसे ज्यादा होता है, लेकिन एक सीमा के बाद यह शरीर के अन्य अंगों खासकर स्नायुतंत्र और फेफड़ों पर भी असर डालने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रूमेटाइड प्रकार के अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) यानी आरए से हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक का खतरा और भी बढ़ जाता है। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि अपनी जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करके आप हृदय रोगों को टाल सकते हैं। लेकिन इन बदलाव को करने के लिए आपको यह भी सीखना होगा कि क्या-क्या चीजें आपके हार्ट के लिए उपयुक्त होती है।
इस बारे में डॉक्टर भी निश्चिंत नहीं हैं कि भला अर्थराइटिस हृदय में होने वाली समस्यांओं का कारण कैसे बन जाता है। लेकिन उनका मानना है कि अर्थराइटिस से होने वाली शारीरिक सूजन दिल के रोगों का कारण हो सकती है। इसके अलावा आरए के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाइयां भी दिल के रोगों के खतरे को बढ़ा देती हैं।
दिल के लिए घातक रुमेटाइड अर्थराइटिस की कुछ दवाएं
रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए ली जाने वाली कुछ दवाएं दिल के रोगों की संभावनाओं को बढ़ा सकती है। इन दवाओं में नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs (NSAIDs), बूप्रोफेन (Ibuprofen), नप्रोक्सेन (Naproxen), स्टेरॉयड के रूप में प्रेड्निसोन (Prednisone) और प्रेड्नीसोलोन (Prednisolone) शामिल हैं। लेकिन कुछ और दवाएं जैसे बायोलॉजिक्स (Biologics), मिथोट्रेक्सेट (Methotrexate) और इसी तरह की कुछ दवाइयां दिल के रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकती हैं। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। भले ही आपका अर्थराइटिस कितना भी पुराना क्यों न हो, आप अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करके दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।
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कोलेस्ट्रॉल पर रखें नजर
कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन उच्च कोलेस्ट्रॉल से युक्त आहार को कम करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता हैं। फैट की अधिक मात्रा वाले फूड में मीट, मक्खन, पनीर, फूल क्रीम दूध और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आदि शमिल हैं। अपने दैनिक कैलोरी को नापकर, उसमें से कम से कम 7 प्रतिशत संतृप्त वसा को कम करने का प्रयास करें और एक स्वस्थ जीवन की शुरुआत करें। अपने आहार में कैलोरी की मात्रा पर नजर रखें। इस कैलोरी की जगह कुछ स्वास्थ्य से भरपूर खाद्य-पदार्थों का सेवन करें।
सूजन से राहत देने वाले आहार
आप जो कुछ भी खाते हैं वह दो तरीके से काम करता है, या तो वह आपके शरीर की सूजन को बढ़ा देता है या घटा देता है। जबकि शरीर में आने वाली सूजन रूमेटाइड अर्थराइटिस और आपके दिल दोनों के लिए ही हानिकारक होती है। इसलिए सूजन को कम करने वाले आहार का सेवन करें। इसके लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके लिए मददगार हो सकता है ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड जैसे मछली, अखरोट, फलियां, ऑलिव ऑयल, अलसी का बीज आदि को अपने आहार में शामिल करें।
फल और सब्जियां
अपने आहार में हरी सब्जियों और फल को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करने का प्रयास करें। प्रत्येक सप्ताह मछली का सेवन एक अच्छी शुरुआत हो सकता है।
बुरी आदतों से दूर रहें
स्मोकिंग न सिर्फ दिल के रोगों में बढ़ावा देता है बल्कि यह अर्थराइटिस को भी खतरनाक स्थिति में पहुंचा देता है। इसीलिए आपको स्मोकिंग की आदत को छोड़ देना चाहिए। स्मोकिंग को छोड़ना बहुत आसान नहीं है इसलिए लिए आपको कोई दमदार सा बहाना चुनना होगा। साथ ही धूम्रपान छोड़ने के लिए एक तारिख निर्धारित करें। इसके अलावा निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी का प्रयोग करें। यह आपको स्मोकिंग छुड़ाने में मददगार साबित होगा। ऐसी चीजों से बचें जो स्मोकिंग के लिए प्रेरित करे जैसे शराब और कॉफी।
शराब से भी रूमेटाइड अर्थराइटिस और दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप इसका सेवन करते है तो कम मात्रा में ले। पुरुषों को अधिक से अधिक एक दिन में 2 ड्रिंक््स और महिलाओं को 1 ड्रिंक से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
स्वास्थ्य की जांच नियमित कराये
यदि आप को अर्थराइटिस है या दिल के रोगों के पनपने की संभावना है, या आपकी उम्र बढ़ रही है तो अपने डॉक्टर से अपना नियमित चेकअप कराना बहुत जरुरी होता है। साथ ही अपनी परेशानियों के बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर को दें। अपने दिल की जांच करने के लिए कहें और रक्तचाप, कॉलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की जांच कराएं।
नमक का सेवन कम करें
उच्च रक्तचाप से हृदय रोग का खतरा होता है। अपने रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अपने भोजन में सोडियम की मात्रा को कम करें। प्रतिदिन कम से कम 1500 मिलीग्राम सोडियम को कम करने का प्रयास करे।
एक्सरसाइज है बहुत जरुरी
नियमित एक्सरसाइज से अर्थराइटिस और दिल की बीमारियो के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह आपके दिल को स्वस्थ रखने का महत्वपूर्ण तरीका है। शुरुआत में 20 से 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाये। वहीं एक्सरसाइज करें जिसमें आप आनंद महसूस करें। अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज के कुछ और तरीके इंटरनेट पर देखें।
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