यह बहुत ही आम धारणा है कि ब्रेस्टफीडिंग नई माताओं और नवजात शिशुओं में स्वाभाविक रूप से आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग कुछ महिलाओं के लिए जितनी लगती है उतनी आसान होती नहीं है।
ब्रेस्टफीडिंग से जुडी समस्याएं केवल बच्चे को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि मां के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। यहां नई माताओं में ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी समस्याओं के चार आम कारण और उनके समाधान के उपायों की जानकारी दी गई है।
1 अतिपुरित ब्रेस्ट
ब्रेस्ट अतिपुरित की समस्या आमतौर पर डिलीवरी के 2 से 5 दिन के बीच में होती है। इसमें ब्रेस्ट में जरूरत से ज्यादा दूध भर जाता है। इस दौरान आप बच्चे को बार-बार दूध पिलाने की कोशिश करती है, लेकिन अतिपुरित ब्रेस्ट उत्पादित अतिरिक्त दूध को निकालने में असमर्थ रहती है।
बच्चे के जन्म के बाद, मां के स्तन नवजात शिशु को पोषण प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध पैदा करते हैं। लेकिन कई बार बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध पिलाने के बावजूद पूरी तरह से दूध निकालना मुश्किल होता है। इस तरह अतिरिक्त दूध की उपस्थिति अतिपुरित ब्रेस्ट का कारण बनती है, जिससे ब्रेस्ट में सूजन, पूर्ण और सख्त हो जाती है।
अतिपुरित स्तन की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मां के लिए समस्या पैदा कर सकता है, मां अपने स्तनों में दूध के बावजूद बच्चे को दूध पिलाने में असमर्थ होती है।
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समस्या दूर करने के लिए क्या करें
बच्चे को पेट भर पिलाने के बावजूद अगर आपकी ब्रेस्ट पूर्ण या सख्त रहती है तो पंप की मदद से ब्रेस्ट से दूध बाहर निकालने का प्रयास करें। अधिक बार बच्चे को दूध पिलाना भी इस समस्या से छुटकारा पाने का अच्छा तरीका है।
2 क्रैक निपल्स
क्रैक निपल्स नई माताओं के बीच एक आम समस्या है, जो विशेष रूप से ब्रेस्टफीडिंग के 1 सप्ताह के दौरान शुरू होती है। गलत स्थिति या तरीके से बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराना, इस समस्या का मुख्य कारण है। इसके अलावा, शुरुआती दिनों में कृत्रिम निपल्स के उपयोग से भी अक्सर यह समस्या होती है।
समस्या दूर करने के लिए क्या करें
आप क्रैक निपल्स के बावजूद बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग जारी रख सकते हैं। हालांकि आपको सुनिश्चित करना होगा कि आपकी पॉजिशन ऐसी होनी चाहिए कि बच्चे के मुंह में एरोला अधिक जाये। यह दर्द को कम करने और जल्द ही चिकित्सा को बढ़ावा देने में मदद करेगा। साथ ही क्रैक निपल्स पर काउंटर मलहम लगाने की बजाय, अपने ब्रेस्ट मिल्क को लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें।
3 फ्लैट निपल्स
सही तरीके से ब्रेस्टफीडिंग के लिए निपल्स में अच्छा उभार होना जरूरी होता है ताकी बच्चा आसानी से फीडिंग कर पाये। लेकिन उल्टे या मुकर निपल्स के कारण नई माताओं को बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में मुश्किल होती है।
समस्या दूर करने के लिए क्या करें
फ्लैट निप्पल वापस लाने के लिए डिस्पोजेबल सिरिंज का प्रयोग करें। आप इसे सिरिंज की नोक हिस्सा काटकर और निप्पल पर रखकर कर सकते हैं। अब पिस्टन को बाहर खींचकर, निप्पल को बाहर फैलाना के लिए कुछ सेकंड के ऐसे ही रुकें। इस विधि को उल्टे-सिरिंज तकनीक के रूप में जाना जाता है।
4 अवरोधित या भरी हुई नलिकाएं
जब ब्रेस्ट मिल्क और बच्चे के खिंचाव एक दूसरे की गति और आवृत्ति से मेल नहीं करती, तो दूध के उत्पादन नली में रुकावट का कारण बनता है। वाहिनी अवरुद्ध होने पर ब्रेस्ट में सूजन और गांठ अनुभव होती है, जिससे छुने पर भी दर्द महसूस होता है। इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सूजन या गांठ का कारण बन सकता है।
समस्या दूर करने के लिए क्या करें
बच्चे को अक्सर नर्सिंग करना ब्रेस्ट में दूध के निर्माण से छुटकारा पाने का सबसे आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है। आप अपनी ब्रेस्ट में मालिश से भी समस्या से बच सकते हैं। इसके अलावा उचित सक्शन और फीडिंग तकनीक से भी नालिका को खाली करने में मदद मिलती है। फीडिंग के अलग-अलग पॉजिशन से आप अवरूद्ध नालिका को प्रभावी ढंग से दूध निकालने में मदद मिलती है।
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