अस्थानिक गर्भावस्था में एचसीजी हार्मोन की भूमिका होती है महत्‍वपूर्ण

अस्थानिक गर्भावस्था में निषेचित अंडा, गर्भाशय के बाहर कहीं प्रत्यारोपित हो जाता है। क्‍या अवस्था में एचसीजी हार्मोन गर्भवती के लिए लाभकारी होती है। इस लेख को पढ़ें और जानें।
  • SHARE
  • FOLLOW
अस्थानिक गर्भावस्था में एचसीजी हार्मोन की भूमिका होती है महत्‍वपूर्ण


गर्भवती महिलाअस्थानिक गर्भावस्था के दौरान एचसीजी हॉर्मोन की भूमिका को समझने के लिए पहले हमें अस्थानिक गर्भावस्था तथा एचसीजी हार्मोन दोनों को समझना पड़ेगा। आइये इस लेख के माध्यम से हम आपको अस्थानिक गर्भावस्था, एचसीजी हार्मोन तथा अस्थानिक गर्भावस्था के दौरान एचसीजी हार्मोन की भूमिका इन सभी के बारे में बताते है।

 

अस्थानिक गर्भावस्था

गर्भावस्था एक निषेचित अंडे के साथ शुरू होती है। आमतौर पर निषेचित अंडा गर्भाशय के स्तर से खुद ही जुड़ जाता है। अस्थानिक गर्भावस्था में निषेचित अंडा, गर्भाशय के बाहर कहीं प्रत्यारोपित हो जाता है। अस्थानिक गर्भावस्था आमतौर पर गर्भाशय को अंडाशय (फैलोपियन ट्यूब) तक ले जाने वाली एक ट्यूब में उत्पन्न होती है। इस प्रकार की अस्थानिक गर्भावस्था को ट्यूबल गर्भावस्था कहते हैं। हालांकि कुछ मामलों में अस्थानिक गर्भावस्था गर्भाशय (गर्भाशय ग्रीवा) के उदर गुहा, अंडाशय या गर्दन में होती है। एक अस्थानिक गर्भावस्था सामान्य रूप से आगे नहीं बढ़ पाती। इसमें निषेचित अंडे का बच पाना आसान नहीं होता, लेकिन इससे माता को काफी नुकसान हो सकता है। इसे बिना इलाज के छोड़ देने पर काफी मात्रा में रक्‍त स्राव हो सकता है। एक अस्थानिक गर्भावस्था के प्रारंभिक उपचार करने से महिला के लिए भविष्‍य में गर्भधारण की संभावना कायम रहती है।

एचसीजी हार्मोन

ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन अर्थात एचसीजी हार्मोन गर्भावस्था के समय उत्पन्न होता है। यह हार्मोन गर्भनाल बनाने वाली कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है, जो अंडे को निषेचित करने और गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाने के बाद उसे पोषित करता है। सामान्य तौर पर एचसीजी का स्तर गर्भधारण के बाद प्रत्येक 72 घंटों बाद दोगुना हो जाता है। इसका स्तर गर्भावस्था के आठ से ग्यारह हफ्तों में चरम पर होता है और फिर तब गिरता जाता है जब तक बंद न हो जाए।

एचसीजी हार्मोन की भूमिका

बढ़ा हुआ एचसीजी स्तर, स्वस्थ गर्भावस्था के लिए लाभदायक माना जाता है। जबकि स्वस्थ गर्भावस्था में एचसीजी का निम्न स्तर भी पाया जाता है। एडवांस्ड फर्टिलिटी के अनुसार कई कारक एचसीजी के स्तर को प्रभावित करते हैं। एचसीजी हार्मोन का निर्माण गर्भनाल बनाने वाली कोशिकोएं करती हैं। एचसीजी पीत-पिण्ड से प्रेरित होकर काम करता है, जो डिम्बग्रंथि कूप का भाग होता है, जहां अंडे को छोड़ा जाता है।

एचसीजी का स्तर अलग अलग महिलाओं में भिन्न- भिन्‍न होता है, इसलिए इसकी तुलना नहीं की जा सकती। एचसीजी का स्तर भी दिन प्रतिदिन बदलता रहता है। एचसीजी की एकाग्रता गतिशील होती है और स्थिर नहीं होती है। यही कारण है कि इसके स्तर की जांच करते रहना उपयोगी होता है। कोई अस्थानिक गर्भावस्था वाली महिला अपने एचसीजी के स्तर को प्रभावित करने या बदलने के लिए विशेष कुछ नहीं कर सकती है। हालांकि प्रजनन उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं एचसीजी के स्तर को प्रभावित करती है। लेकिन, आमतौर डॉक्‍टर पर इन दवाओं का इस्‍तेमाल एचसीजी परीक्षण के परिणाम के हिसाब से तय करता है।

 

 

Read More Articles On Pregnancy Care In Hindi

Read Next

गर्भावस्‍था के दौरान एग्जिमा होने पर मॉइश्‍चराइजर का करें इस्‍तेमाल

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version