नींद के अलावा उंघना सिर्फ मनुष्य में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी आम है। कुछ मिनट के लिए उंघने से आप तरोताज़ा महसूस करते हैं और यह बात वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुकी है। अपने जीवनकाल में हममें से बहुत से लोग पूरी नींद नहीं ले पाते लेकिन दिन में उंघने से हमारी नींद पूरी हो जाती है। एक दिन ठीक प्रकार से ना सोएं और दूसरे दिन आप पर इसका असर दिखने लगेगा। नैप्स यानी उंघना साप्ताहिक या साप्ताहांत दोनों ही दिनों के लिए अच्छा होता है। उंघने के समय अपने कंप्यूटर पर सेव का बटन दबाएं और स्वयं में स्फूर्ति का संचार करें। इससे आप पूरे दिन के लिए रीचार्ज भी हो सकेंगे।
दिन के समय में तीन से चार घण्टे सोने से हमारा काम प्रभावित होता है। नासा में नींद के विशेषज्ञों ने नैप के प्रभावों पर शोध किया। दो पायलाट्स को आधे घण्टे से कम समय के लिए व्यवस्थित नैप दिया गया। इसका परिणाम बहुत ही आशावादी रहा और इससे नैप का महत्व भी सिद्ध हुआ। वास्त व में हम सभी ने महसूस किया होगा कि जैसे जैसे दिन निकलता जाता है हम सभी सुबह जितनी ताकत अनुभव नहीं करते और थोड़े मूडी भी होते जाते हैं। हम बहुत सी बातें भूलने भी लगते हैं।
इसका अर्थ है कि दोबारा ताकत इकट्ठा करने के लिए हमारे शरीर को आराम की ज़रूरत होती है। यह आराम कितने समय का होना चाहिए।
शोधों से ऐसा पता चला है कि थकान मिटाने के लिए दिन के समय 20 मिनट की नींद सुबह 20 मिनट की अतिरिक्त नींद से ज्यादा अच्छी होती है। हमारा शरीर इस प्रकार से बना है कि हममें से अधिकतर लोग 8 घंटे जगने के बाद दोपहर के समय तक थक जाते हैं। आप 1 मिनट से कम से लेकर आधे घंटे तक उंघ सकते हैं। लेकिन वास्तविक तौर पर 20 मिनट तक उंघना अच्छा होता है। नींद के विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की झपकी से मांस पेशियों के बनने में और याद्दाश्त के मजबूत होने में सहायता मिलती है।
अपने शरीर के संकेतों को देखें : यह संकेत कम ताकत, चिड़चिडाहट या थकान के रूप में हो सकते हैं जिनसे कि आप थका–थका महसूस कर रहे हों।
झपकियां लेने का सबसे अच्छा समय दोपहर का होता है क्योंकि सुबह के समय हम ताकत का अनुभव करते हैं, लेकिन दोपहर तक हमारी ताकत क्षिण होने लग जाती है और हम जाने अनजाने झपकियां लेने लगते हैं।
झपकियां लेने का अच्छा समय है 30 मिनट से कम। अगर आप इससे ज्यादा समय के लिए झपकियां लेते हैं तो आपका सर भारी हो सकता है।
अपने आपको आराम देने की कोशिश करें। ऐसा करने के लिए आप मास्क लगा सकते हैं या कुर्सी पर लेट सकते हैं। लेकिन कंबल में लेटे रहना आपको आलसी बना सकता है।
उंघते रहने के स्थिति को नींद में ना बदलने के लिए एलार्म लगाना ज़रूरी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि झपकियां लेने का अर्थ यह नहीं है कि आप अपनी नींद में कटौती करें। सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आप पूरे 8 घंटे सोते हैं तो आप अगले दिन तरोताज़ा महसूस करेंगे।
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