आज के दौर में सनग्लासिज मानो युवाओं के शरीर का एक अंग बन गया है। दिन तो दिन लोग रात के वक्त भी सनग्लास पहने रहते है। लेकिन कई लोगों के मन में सनग्लासिज को लेकर कुछ मिथ रहते हैं। जिनसे वे चाहकर भी बाहर नहीं आ पाते हैं। ये बात बिल्कुल सही है कि सनग्लासिस हमें कूल और स्टाईलिश लुक देते हैं। लेकिन अगर आप दिन में कम से कम 5 घंटे भी अपनी आंखों पर सनग्लास को टांगे रखते हैं, तो ये लेख आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि आज हम यहां उन मिथ को दूर कर रहे हैं जिनको लेकर अधिकतर लोगों के मन में गलत अवधारणा है।
- सनग्लासिज हमें धूल, धूप, आखों में जलन, चुभन और एलर्जी से बचाते हैं। जबकि लोग सोचते हैं कि आंखों में जलन सनग्लासिज को पहनने से होती है।
- लोगों के मन में से भी मिथ है कि सनग्लासिज सिर्फ फैशन के लिए पहना जाता है और इससे आंखें खराब होती है। जबकि ऐसा नहीं है। सनग्लासिज हमारी आंखों को प्रोटेक्ट करते हैं और यूवी रेज से बचाते हैं।
- आप किसी डॉक्टर की सलाह या ऑप्टिकल शॉप पर जाकर अपने पंसदीदा सनग्लासिज को अपनी आंखों के नम्बर के हिसाब से भी बनवा सकते हैं। यानि कि अब कमजोर आंख वाले भी सनग्लासिज पहनने का सपना पूरा कर सकते हैं।
- सनग्लासिज पहनने वाले लोगों की आंखों में ना पहनने वालों की अपेक्षा नमी बरकरार रहती है।
- सनग्लासिज पहनना ना पहनने से काफी अच्छा है। बस कोशिश करें की सस्ते और घटिया किस्म के चश्मे को अवॉइड करें।
- धूप-धूल से आंखों में ड्राइ आइ सिंड्रोम, कंजंक्टिवाइटिस आदि समस्याएं होती हैं। इसलिए आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सनग्लासिज अच्छा विकल्प है।
- देखा गया है कि सनग्लासिज ना पहनने वाले या अपनी आंखों का ध्यान ना रखने वालों में कैटेरेक्ट का खतरा रहता है। हालांकि 60 साल के बाद ये समस्या होती है। फिर भी जो सनग्लास पहनने में लापरवाही करते हैं, उन्हें इस दिक्कत का सामना पहले भी करना पड़ सकता है।
- यूवी रेज आंखों के साथ-साथ हमारी स्किन को भी प्रभावित करती है। इसलिए सनग्लासेज की वजह से चेहरे का जो हिस्सा ढक जाता है वह भी सुरक्षित रहता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि बड़े फ्रेम के चश्मे पहनें।
Image source- getty
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Healthy Living In Hindi
टॉप स्टोरीज़
Disclaimer