कच्ची हल्दी आजमाएं, सर्दियों में जोड़ों के दर्द को कोसों दूर भगाएं!

अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान है, और इससे बचने के उपायों की खोज कर रहे हैं तो सर्दियों में आने वाली कच्‍ची हल्‍दी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। यकीन नहीं आ रहा तो आइए जानें कैसे।
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कच्ची हल्दी आजमाएं, सर्दियों में जोड़ों के दर्द को कोसों दूर भगाएं!

सर्दियों में जोड़ों की समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है। दर्द और जकड़न से अक्‍सर लोग परेशान रहते हैं। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द आदि की समस्‍या होती है, उन्हें जोड़ों में सूजन और नसों में सिकुड़न आने के कारण सर्दी का मौसम बेहद कष्‍टदायी बन जाता है। कई बार तो दर्द इतना भयानक होता है कि पेनकिलर लेना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर सर्दी में जोड़ों में दर्द की समस्‍या आपको भी परेशान करती हैं तो सर्दियों में ही आने वाली कच्‍ची हल्‍दी दर्द और जकड़न को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। यकीन नहीं आ रहा तो आइए जानें कैसे।  

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जोड़ों में दर्द के लिए कच्‍ची हल्‍दी

गुणों से भरपूर हल्‍दी से आज लगभग हर कोई परिचित है। हल्‍दी के बिना भारतीय आहार की कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है। चटक पीले रंग के कारण हल्‍दी भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध है। हल्दी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने और सूजन कम करने में हजारों सालों से उपयोग किया जा रहा है। इसमें पाया जाने वाले करक्‍यूमिन नामक तत्‍व कैंसर रोग से लड़ने में मददगार होता हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में हल्‍दी की जगह हल्दी की गांठ यानी कच्‍ची हल्‍दी का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक होता है, और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कच्ची हल्दी के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में काफी ज्यादा गाढ़ा और पक्का होता है।


कच्‍ची हल्‍दी ही क्‍यों?

कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे जूस में डालकर, दूध में उबालकर, चावल के व्यंजनों में डालकर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है। कच्‍ची हल्दी में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। इसका उपयोग जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। यह शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है और जोडों के दर्द में लाभ पहुंचाती है। गुणों की खान कच्‍ची हल्‍दी में कुरकुमिन नामक तत्व पाया जाता है जो लंबे समय के दर्द से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा यह जोड़ों और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है जिससे जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। कच्‍ची हल्‍दी में पाउडर वाली हल्‍दी की तुलना में एक अच्‍छी सी खुशबू होती है। ऐसा इसमें मौजूद तेल के कारण होता है।

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कैसे लें कच्‍ची हल्‍दी

रात को सोते समय हल्दी की कच्ची गांठ में से थोड़ी सी गांठ लेकर उसे एक गिलास दूध में उबालें। आप चाहे तो फ्लेवर के लिए थोड़ी सी इलायची भी मिला सकते हैं। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें। ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों में सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी की गांठ मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। कुछ दिन इस उपाय को नियमित करने से ही आपको फर्क महसूस होने लगेगा।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते हैं।

Image Source : Getty

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