आप तीसरी तिमाही के मध्य में हैं और डिलीवरी में करीब नौ माह बचे हैं। यह आपके लिए बहुत ही रोमांचकारी समय है। इस समय आप बच्चे की किलकारियों के बारे में सोचना शुरू कर देती हैं।
इस समय तक कई महिलाएं बच्चे के जल्द से जल्द जन्म के बारे में सोचने लगती हैं। गर्भस्थ हुए आपको कई महीने हो गए हैं, अब आप अपने बच्चे को गोद में खिलाना चाहती हैं और अपना पुराना शरीर वापस पाना चाहती हैं। इस समय आप और आपका पार्टनर प्रसव की योजना पर बात करने लगते हैं। बच्चे की देखभाल के लिए सामान और अन्य तैयारियों को धीरे-धीरे शुरू कर दीजिए।
अगले कुछ हफ्तों में आप ज्यादा से ज्यादा आराम कीजिए। बच्चे का वजन बढ़ रहा है, इसलिए आपको अंतिम महीनों में थकान ज्यादा महसूस होती है। ऊर्जावान बने रहने के लिए हल्का व्यायाम करें। सुबह और शाम के समय टहलें, साथ में योग करना भी फायदेमंद रहेगा। चलते समय थकान महसूस हो तो रुक जाए, चलने के लिए जबरदस्ती न करें। इस लेख के जरिए हम आपको गर्भावस्था के तीसवें हफ्ते में बारे में विस्तार से बताते हैं।
बच्चे का विकास
इस समय बच्चे का वजन करीब तीन पाउंड और लंबाई लगभग 14 इंच तक होती है। आप देखेंगी कि शिशु के सोने का एक अलग तरीका है, वह एक चक्र में सोता है। यही समय चक्र उनके जन्म के बाद के सोने के चक्र से मेल खाता है। बच्चा बड़ा हो गया है अब गर्भाश्य में कम जगह बची है।
बच्चा चारों ओर ज्यादा नहीं घूम पाएगा। बच्चा बैठी हुई स्थिति में होता है, यह स्थिति अब बच्चे को जन्म के लिए तैयार करता है। बच्चे के मस्तिष्क का विकास हो रहा है। साथ ही आंखों को खोलने और बंद करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पलक और भौहें भी पूरी तरह से विकसित हो चुकी हैं। शिशु की पाचन प्रणाली पूरी तरह से विकसित है और फेफड़ें भी परिपक्व हैं।
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आपके शरीर में परिवर्तन
महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों ही सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। गर्भवती होने की वजह से महिला को कुछ परेशानी हो रही हैं। वजन बढ़ने के कारण थकान और कमजोरी महसूस होना शुरू होगी। रात में भरपूर नींद लेने की कोशिश करें। आपको खुद को आराम देने और प्रसव के लिए ताकत बनाए रखने की जरूरत होगी। गर्भावस्था आकपी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, इसलिए आपको पर्याप्त आराम और संतुलित आहार लेने के साथ ही अपनी देखभाल करने की भी जरूरत है।
गर्भ में पल रहे शिशु और अतिरिक्त वजन के कारण पहली बार गर्भवती हुई महिला को बैठने में परेशानी हो सकती है। यदि आप शरीर को झुका हुआ महसूस कर रही हैं तो खुद सीधा बैठने की कोशिश करें, इससे आपकी पीठ सीधी रहेगी। ऐसा करने से पीठदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या कम होगी। गर्भावस्था के दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन होता है। गर्भावस्था की प्रगति के दौरान इस हार्मोन का स्तर बढता है और महिला को थकान महसूस होती है।
इस दौरान एक अन्य हार्मोन शरीर के जोड़ों को ढीला करता है। ऐसे में आप उदास रहने लगती हैं और अधिक समय तक गर्भवती ना रहने की इच्छा अवसाद का कारण बन सकती है। आप गर्भवती है, यह पता लगने के बाद लंबा समय हो गया है। सोने के लिए आरामदायक जगह और सही स्थिति का चुनाव करें। कुछ महिलाएं झुकने वाली कुर्सी पर सोना पसंद करती हैं।
क्या उम्मीद कि जाती है
बच्चे के बड़े होने पर एमनिओटिक द्रव में कमी आनी शुरु होगी। आपकी सांस जल्दी फूलने लगती है। यह तब होता है जब गर्भाश्य डायाफ्राम के खिलाफ दबाव डाल रहा होता है। यह प्रक्रिया कुछ हफ्तों तक चलेगी। गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में इन लक्षणों में कमी आनी शुरू हो जाएगी। बच्चे का सिर नीचे उतरना चालू होगा और बच्चा प्रसव के लिए तैयार होना शुरू कर देगा। आपको लगातार ऐसा लगेगा कि आपको बाथरूम जाना है।
सुझाव / सलाह
आपको जो भी करना है उसकी एक लिस्ट बनाएं। इस लिस्ट के हिसाब से काम करें, आप जरूरी कामों को भूलेंगी नहीं। आप चाहे तो बच्चे के जन्म के बाद पार्टी का प्लान भी बना सकती हैं। यदि आपके मन में कोई सवाल या संशय है तो डॉक्टर से पूछना न भूलें। आहार में विटामिन और संतुलित भोजन का हमेशा ध्यान रखें। अंतिम महीनों में आपको अपनी देखभाल करना बहुत जरूरी है, यदि आप स्वस्थ्य हैं तो आपका शिशु भी स्वस्थ्य रहेगा। यदि आप ऑफिस जाती हैं तो छुट्टी लेने का समय भी नजदीक आ रहा है।
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