नीम की चर्चा हमेशा इसके चिकित्सकीय गुणों के लिए होती है। फिर चाहे इसकी दांतुन से दांतों और मसूड़ों को होने वाले फायदे हों या फिर इसके पत्तों के रस का रक्त को शुद्ध करने का कमाल का गुण। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीम के पत्तों के अर्क के प्रतिदिन अधिक मात्रा में सेवन से पुरुष बांझपन की समस्या हो सकती है? जी हां, आज हम आपको यह विस्तार से बताने जा रहे हैं कि नीम के रस के सेवन का पुरुषों की पुरुष क्षमता पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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यदि आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और डीटॉक्स डाइट ले रहे हैं तो ऐसे में दिमाग में रोज़ तड़के एक गिलास नीम के पत्तों का जूस पीने की बात ज़रूर आती है। और हो भी क्यों ना, अभी तक नीम के जूस के सेवन से जुड़े लाभों के बारे में ही बात होती रही है और लोग भी इसका सेवन कर लाभान्वित होते रहे हैं। लेकिन हर चीज़ के दो पहलू होते हैं और कुछ गुणों के साथ अवगुण भी होते हैं। ये बात नीम के रस पर भी लागू होती है और इसके भी कुछ नुकसान होते हैं। यदि आप भी रोज़ाना सुबह नीम के पत्तों का रस पी रहे हैं तो इसके एंटी-फर्टीलिटी साइडइफेक्ट (पुरुष प्रजनन क्षमता पर दुष्प्रभाव) के बारे में भी ज़रूर पढ़ लें।
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यह पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?
वर्ष 2003 में जर्नल कॉन्ट्रासेप्टिव नामक जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला कि प्रतिदिन नीम के पत्तों के जलीय सत्त की 3 ग्राम या इससे अधिक खुराक शुक्राणुनाशक गतिविधि दर्शाती है। शोध के अनुसार, पुराने नीम की पतितयों का जलीय सत्त न सिर्फ वीर्य को स्थिर करता है, बल्कि 20 सोकंड के भीतर ही 100 प्रतिशत तक मानव शुक्राणुओं को मार भी देता है। शोध में आगे बताया गया कि नीम के पत्तों की न्यूनतम प्रभावी शुक्राणुनाशक सांद्रता कम से कम 2.9 मिलीग्राम / मिलियन शुक्राणु होती है। इसके अलावा शुक्राणुओं की आकृति विज्ञान पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है।
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कितनी मात्रा है बहुत ज्यादा ?
शोध के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए नीम की पत्तियों के सत्त की प्रति दिन 2 मिली ग्राम मात्रा तक ही लेनी चाहिए। और यदि आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले अपने डॉक्टर से ज़ररूर सलाह ले लें।, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन आपके यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और बांझपन का कारण भी बन सकता है।
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