डेब्राइडमेंट वह प्रक्रिया है जिसके तहत आपके दांतों से अतिरिक्त प्लेक और टारटार को निकाला जाता है। जिन लोगों के दांतों पर अतिरिक्त प्लेक एवं टारटार (कैलकलस) जम जाते हैं, उनके लिए डेब्राइडमेंट की प्रक्रिया जरूरी होती है। कई मामलों में दांतों पर प्लेक और टारटार का जमाव इतना गाढ़ा हो जाता है कि डेंटिस्ट के लिए ठीक से दांत भी देख पाना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में दांत की जांच एवं इलाज से पूर्व डेब्राइडमेंट की प्रक्रिया के जरिए प्लेक और टारटार को हटाना जरूरी हो जाता है।
![डेब्राइडमेंट debridement in hindi]()
डेब्राइडमेंट की तैयारी
अगर आप दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते तो इस प्रक्रिया से पूर्व आपको लोकल एनेस्थीसिया (सुन्न/बेहोश करने की दावा) दी जा सकती है। कुछ लोगों को डिब्राइडमेंट की प्रक्रिया से पूर्व नाइट्रस आक्साइड इत्यादि जैसी बेहोशी की दवा की भी जरूरत पड़ती है। जो लोग दांत के इलाज की प्रक्रिया से घबराते हैं, उनके लिए सुन्न करने की दवा या बेहोशी की दवा जरूरी हो जाती है।
डेब्राइडमेंट कैसे किया जाता है
डेब्राइडमेंट की प्रक्रिया में हाथ के उपकरण के साथ-साथ अल्ट्रासानिक यन्त्र का इस्तेमाल भी किया जाता है। इन यंत्रों के जरिए पानी एवं हाई फ्रिक्वेंसी आपरेशन का इस्तेमाल करके दांतों में से प्लेक और टारटार को हटाया जाता है।
नियमित रूप से इलाज (फालो अप)
पेरियोडांटल इलाज में डेब्राइडमेंट की प्रक्रिया पहले अपनाई जाती है। नियमित रूप से आप डेंटिस्ट के पास जाते रहें। ऐसा करने से वे आपके दांतों की फिर से जांच कर सकेंगे और उसी अनुसार इलाज करेंगे। तत्पश्चात स्केलिंग और रूट प्लानिंग या पेरियोडांटल सर्जरी जैसे उपचार किये जा सकते हैं।
खतरा
अगर आपके मसूड़े प्लेक से प्रभावित हैं या प्लेक के कारण सूज गए हैं, तो डेब्राइडमेंट की प्रक्रिया करते समय उनमें से खून बह सकता है। डेब्राइडमेंट से उपचार के दौरान आपके दांत ठन्डे या गर्म खाने के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। चूंकि आपके दांतों की जड़ों से प्लेक और टारटार हट जाता है इसलिए दांतों के जड़ जैसे हीं खाद्य पदार्थ के संपर्क में आतें हैं, आप दांतों में अजीब तरह की सनसनाहट महसूस करने लगते हैं। डेब्राइडमेंट से संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। लेकिन ऐसे मामले बहुत कम पाए जाते हैं।
अपने डेंटिस्ट से कब मिलें
- अगर आपको निम्नलिखित कोई शिकायत हो तो डेंटिस्ट को दिखलायें
- अगर लम्बे समय से खून रिस/बह रहा हो।
- अगर आपको दांतों या मसूड़ों का कोई भाग संक्रामक हो गया हो
- मुंह के किसी भी भाग में सूजन या किसी तरह का डिस्चार्ज हो रहा हो।
- निचले जबड़े या गर्दन के लिम्फ नोड्स में जब सूजन आ गई हो।
Image Source : Getty
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