किस्मों की खूबसूरत स्नो आइसक्रीम और व्हिस्की श्लशीज़ (whisky slushies) से आजकल इंस्टाग्राम भरा पड़ा होता है, गर्मियों में हर चौक और बाज़ार में मिलने वाला बर्फ का मीठा गोला ही ले लीजिए। साधाराण भाषा में कहा जाए तो बर्फ से बनी या बर्फ के साथ खाई जाने वाली चीज़ें। लेकिन एक बड़ा सवाल है कि क्या इनका सेवन सेहत के लिहाज से सुरक्षित है? चलिए आज हम इस सवाल का सही जवाब जानते हैं।
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विज्ञान और विशेषज्ञ के अनुसार
यदि इसके पीछे के विज्ञान को समझने की कोशिश की जाए तो इस बात को कोफी ठीक से समझा जा सकता है। स्नोफ्लेक दरअसल तब पैदा होते हैं जब वातावरण में जल वाष्प संघनित होती है तथा सूक्ष्म धूल बर्फ के क्रिस्टल रूपों पराग (pollen) के चारों ओर इखट्टा हो जाते हैं। जब तक कि ये फ्लेक्स सतह को छूते हैं, ये कई अन्य बूंदों को भी अवशोषित कर लेते हैं और कई और क्रिस्टल बना लेते हैं। और ये क्रिस्टल बेहद नुकसानदायक होते हैं।
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मैकगिल विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र और वायुमंडलीय और समुद्री विज्ञान की प्रोफेसर, पेरिस ए. एरिया के अनुसार, अधिकांशतः वायुमंडलीय पानी में गैसीय और कण रूपी संदूषक अर्थात कन्टैमनन्ट्स होते हैं। डॉ. एरिया ने हाल ही में एक अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि बर्फ वाहनों के प्रदूषण के संपर्क में आने के बाद विषाक्त कार्बनिक यौगिकों को अवशोषित कर लेती है। इसलिए हमें ये मालूम होना चाहिए कि हम कितने कन्टैमनैशन (संदूषण) का सेवन कर रहे हैं और कितनी मात्रा में संदूषण हानिकारक होता है।
डॉ. एरिया कहती हैं कि अगर आप शहरी और बहुत अधिक वाहन यातायात प्रदूषण वाले क्षेत्र में नहीं रहते हैं तो बर्फ खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। वे कहते हैं कि जब वे शहर से बाहर होते हैं या ग्रामिण इलाके में होते हैं तो वे अपने बच्चों को भी बर्फ या इससे बनी डिश खाने देते हैं।
हालांकि यदि आप कम प्रदूषण वाले इलामें में रहते हैं, तब भी आपको बर्फ के सेवन को लेकर सावधान रहना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि हम सही बर्फ का सेवन कर रहे हैं या नहीं। बेहतर होगा कि स्नो मशीन से बनी स्नों डिश से आप बचे ही रहें।
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Image source- Irc, inhabitat
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