ओमेगा 3 फैटी एसिड की आवश्यकता और लाभ

ओमेगा 3 फैट्स, कॉन्जुगेटड लिनोलेक एसिड और गामा लिनोलेनिक एसिड जैसे कुछ फैट होते हैं जो शरीर के हार्मोन्स में बदलाव कर भूख को कम करते हैं और डाइटिंग करने में भी मददगार होते हैं।
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ओमेगा 3 फैटी एसिड की आवश्यकता और लाभ

जब बात स्वास्थ्य और पौष्टिक तत्वों की आती है तो हम अक्सर ओमेगा-3 फैटी एसिड का नाम सुनते हैं। लेकिन क्या आप इसके लाभ के बारे में जानते हैं? तो चलिये आज विस्तार से ये जानते हैं कि ओमेगा 3 फैटी एसिड क्या होता है और इसकी आवश्यकता और लाभ क्या हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा 3 फैट्स, कॉन्जुगेटड लिनोलेक एसिड और गामा लिनोलेनिक एसिड जैसे कुछ फैट होते हैं जो शरीर के हार्मोन्स में बदलाव कर भूख को कम करते हैं और डाइटिंग करने में भी मददगार होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन हार्ट अटैक के जोखिम को भी कम करता है। यह धमनियों के फैलने में सहायता करता है, जिससे उनमें रक्त प्रवाह ठीक ढंग से हो पाता है और एन्जाइम्स फैट को आसानी से शरीर में घुलने में सहायता करते हैं और उनका मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। इससे जरूरत से अधिक चर्बी शरीर में जमा नहीं हो पाती। लेकिन यह फैटी एसिड शरीर में नहीं बनता, इसको भोजन के द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है। शाकाहारी लोगों के लिए अलसी ओमेगा-3 एसिड का सबसे अच्छा स्रोत होता है, जबकि मांसाहारियों को यह मछली के सेवन से मिल जाता है।

 

Omega Three fatty acids in Hindi

 

यही नहीं फैट का यह प्रकार हृदय संबंधी रोगों, एलर्जी व अवसाद जैसी समस्याओं से बचाव करता है। साथ ही, ओमेगा 3 शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। फिश ऑयल, एल्गाई ऑयल, सैमन मछली आदि में ओमेगा 3 पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा शाकाहारी लोग इसे अलसी, अखरोट, राई का तेल व बेरी आदि से प्रप्त कर सकते हैं। अक्सर लोग ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने के लिये मछली के तेल की गोलियां लेते हैं जिसे हम फिश कॉड लीवर ऑयल भी कहते हैं।

संतुलित मात्रा में ही सही है सेवन

यूं तो ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कई प्रकार के नुकसान भी हो सकते हैं। यदि रोजाना तीन ग्राम से ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन किया जाए तो ब्लीडिंग होने की आशंका हो जाती है, वहीं इसके अधिक सेवन से हैमोरैजिक (रक्तस्रावी) स्ट्रोक भी हो सकता है। सात ही, इसका अदिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज से पीड़ित लोगों के शरीर में लो डेनसिटी लिपोप्रोटीन (एलपीएल) कॉलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जो काफी हानिकारक होता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड के श्रोत

 

अलसी के बीज

अलसी के बीजों में काफी तरह के पोषक तत्वों के अलावा ओमेगा 3 और लिगनेन्स (जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है) भी प्रचुर मात्रा में होता है। यह घुलनशील और अघुलनशील, दोनों ही प्रकार के फाइबर और प्रोटीन का अच्छा श्रोत होता है। इसे दिन भर में तीन ग्राम तक लिया जा सकता है। अलसी के बीजों को चटनी या रोटी में स्टफ करके खाया जा सकता है।

अखरोट

कई विटामिन और पोषक तत्वों से भरा अखरोट ओमेगा 3 का ही नहीं, बल्कि प्रोटीन और डाइटरी फाइबर का भी एक बेहतरीन श्रोत होता है। इसमें मैंगनीज, कॉपर, फोसफोरस और मैंगनीशियम भी होते हैं। रोज कम से कम 4 से 5 गिरी अखरोट खाना फायदेमंद होता है।

 

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ब्लूबेरी

बेरी न केवल एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा एक अच्छा माध्यम है, बल्कि इसमें ओमेगा 3 भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ब्लूबेरी में ही लगभग 174 मिलीग्राम ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है।

राई का तेल

राई में सैचुरेटेड फैट कम होता है और इसमें ओमेगा 6 और ओमेगा 3, दोनों ही प्रकार के फैटी एसिड होते हैं। अन्य तेलों में सोयाबीन, अखरोट, अलसी आदि के तेल भी लाभदायक होते हैं। लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें। और दिन भर में 3 से 4 चम्मच से ज्यादा न लें।

सोयाबीन

सोयाबीन में प्रोटीन, आइसोफ्लेवोन्स, फाइबर, लेसीथिन, काबरेहाइड्रेट्स और माइक्रोन्यूट्रेंट्स आदि होते हैं। आप इसका दूध भी उपयोग कर सकते हैं। वे लोग जिन्हें दूध-दही नहीं पचता, वे सोयाबीन अगल रूपों में भी ले सकते हैं। इसके प्रति सौ ग्राम दूध में लगभग 40 ग्राम प्रोटीन होता है।

सालमन

सालमन मछली को ओमेगा 3 का सबसे अच्छा श्रोत माना जाता है। यह फैटी एसिड विटामिन डी, नीयासिन, विटामिन बी 12, विटामिन बी-6 और सेलेनियम का भी अच्छा श्रोत है। लेकिन इसे 100 ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए। सालमन को फ्राई करने की बजाय हल्के से रोस्ट या स्टीम कर के खाना ज्यादा लाभदायक होता है।

सीफूड

सीफूड जैसे, प्रॉन, झींगा, सीप आदि में काफी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। वे प्राणी खासतौर पर मछलियां, जो ठंडे पानी में रहते हैं, उनमें काफी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है।


मायोक्लिनिकडॉटकॉम के अनुसार मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी होता है, जो हृदय को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होने देता। ओमेगा 3 फैटी एसिड मस्तिष्क के विकास और उसकी गतिविधि में मददगार साबित होता है। यह दिमाग को सुचारु रूप से चलाने, हृदय को सेहतमंद रखने, आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने, तनाव, डिमेंशिया और कैंसर के इलाज में फायदेमंद है।

 

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