डायबिटीज़ के लिए जांच

आइए जानें डायबिटीज के लिए जांच कितने रूपों में होती है।
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डायबिटीज़ के लिए जांच

यूं तो डायबिटीज आज एक आम बीमारी हो गई है। लेकिन फिर भी लोग इसके बारे में बहुत कम ही जानते हैं यानी लोगों में डायबिटीज को लेकर बहुत कम जागरूकता है। डायबिटीज के रोगियों को अपना रक्त शुगर लेवल अधिक से अधिक सामान्य रखने की कोशिश करनी चाहिए।

diabetes ke liye jaanchइतना ही नहीं जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है उनको भी डायबिटीज से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रखना चाहिए। डायबिटीज के कारण कई और गंभीर बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। खान-पान पर नियंत्रण रखना डायबिटीज से संबंधित जटिलता महत्वपूर्ण पहलू है। डायबिटीज बीमारी की पहचान का सबसे आसान तरीका है रक्त जांच करना। आइए जानें डायबिटीज के लिए जांच कितने रूपों में होती है।

 

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  • डायबिटीज़ से ग्रसित व्यक्ति के रक्त में शुगर का स्तर पूरे दिन बदलता रहता हैं और इसे खानपान, व्यायाम, तनाव और अन्य चीजें भी प्रभावित करती रहती है। लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपके ब्लड ग्लूकोज की स्थिति सामान्य बनी रहे तो आपको संतुलित खानपान लेना होगा।
  • डायबिटीज की पहचान के लिए आमतौर पर दो तरह से रक्त जांच की जाती है। एक सुबह उठकर खाली पेट और दूसरी खाना खाने के दो घंटे के बाद। इस तरह की रक्त जांच को डायबिटीज मापने का सबसे बढि़या तरीका माना जाता है।
  • डायबिटीज मापने का एक और तरी‍का होता है कि डायबिटीज कितना है या सामान्य है इसके लिए कभी भी किसी भी समय ब्लड जांच की जाती हैं।
  • डायबिटीज की स्थिति कितनी बढ़ी हुई है यह आपको ऐसे पता चल सकता है कि यदि आपने खाली पेट रक्त जांच की है तो उसका लेवल 70 से 100 एमजी के बीच आए तो डायबिटीज नॉर्मल है और उससे अधिक आएं तो डायबिटीज बढ़ रही है।
  • इसके अलावा यदि आप खाना खाने के बाद रक्त जांच करते हैं तो डायबिटीज लेवल 100 से 140 एमजी तक आता है तो डायबिटीज नॉर्मल है और उससे अधिक आने पर आपकी डायबिटीज लेवल बढ़ने लगा है।
    जिन लोगों को डायबिटीज नहीं होती उनका ब्लड शुगर लेवल 70 से 140 के बीच ही रहता है।


  • यदि आप चाहते हैं कि आपकी डायबिटीज कंट्रोल रहे तो आपको समय-समय पर रक्त जांच करवानी चाहिए। ऐसा करके आप अपने खानपान और दिनचर्या को संतुलित कर सकते हो।
  • जिन लोगों के डायबिटीज का लेवल बहुत अधिक बढ़ा होता है उन्हें डॉक्टर्स इंसुलिन देने की सलाह देते हैं। ऐसे डायबिटीज मरीजों को कई बार दिन में दो बार तो कई बार दिन में चार बार भी रक्त जांच करनी होती है।
  • डायबिटीज़ की जांच आप चाहे तो घर पर भी कर सकते हैं या फिर बाहर लैब में भी करवा सकते हैं।
  • घर पर डायबिटीज की जांच के लिए आपको जल्दी ही रिजल्ट का पता चल सकता है। लेकिन लैब में परिणाम आने में लगभग 6-7 घंटे का समय लगता है।
  • लैब में रक्तजांच इंजेक्शन से ब्लड लेकर  की जाती है और इसमें शुगर लेवल एकदम सही आता है। जबकि घर पर की जाने वाली रक्त जांच में शुगर लेवल थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे भी हो सकता है और इसमें आपको ग्‍लूकोमभ्‍टर पर रक्‍त की एक-दो बूंदे ही देनी होती है।
  • आमतौर पर किसी व्यक्ति का वजन ज्यादा हो तो यदि उसे घटा कर सामान्य पर लाया जाए तो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और दवाइयों को कम करने में मदद मिलती है।


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