क्या गर्भावस्था में ही हो जाती है मोटापे की शुरूआत

गर्भावस्‍था में मां की दिनचर्या और खानपान का असर बच्‍चे पर पूरी तरह से पड़ता है, बचपन के मोटापे की शुरूआत क्‍या इसी अवस्‍था में होती है, इसके बारे में हम आपको इस लेख में बता रहे हैं।
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क्या गर्भावस्था में ही हो जाती है मोटापे की शुरूआत

मोटापा वर्तमान की सबसे बड़ी समस्या है, यह एक महामारी बनता है जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। मोटापे के साथ दिल की बीमारी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियां भी होती हैं। आखिर लोग मोटापे के शिकार कैसे होते हैं, क्या इसकी शुरूआत गर्भावस्था के दौरान ही हो जाती है। ऐसा हो भी सकता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अगर मां व्यायाम और खानपान पर ध्यान न दे तो बच्चा बाद में मोटापे का शिकार हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से बात करते हैं।

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गर्भावस्था और मोटापा

प्रेगनेंसी के दौरान मां के स्वास्‍थ्‍य और उसकी गतिविधियों का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर न केवल उस दौरान पड़ता है बल्कि इसका असर बच्चे के ऊपर उम्र के किसी भी पड़ाव में पड़ सकता है। मोटापा भी ऐसी समस्या है जो बच्चे के ऊपर होता है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रेगनेंसी में अगर महिला व्यायाम न करे तो भविष्य में बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।


शोध के अनुसार

टेक्सास विश्वविद्यालय ने प्रेगनेंसी और बच्चे के मोटापे को लेकर एक शोध किया। इस शोध में 5 हजार महिलाओं को शामिल किया गया जिनके बच्चे का 8 साल की उम्र में बीएमआई अधिक था। इसमें यूनान की हेरोकोपियो यूनिवर्सिटी के शोधार्थी भी शामिल थे। शोध में यह बात साबित हुई कि गर्भावस्था के दौरान मां का वजन बढ़ना, व्यायाम न करना, सिगरेट और शराब का सेवन करना ही बच्चे के मोटापे का कारण बनता है।


गर्भावस्था, व्यायाम और मोटापा

टेक्सास यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध में यह साबित हो गया कि प्रेगनेंसी में मोटापा और व्यायाम का गहरा संबंध है। अगर मां प्रेगनेंसी के दौरान व्यायाम करती है तो बच्चे‍ का वजन सामान्य रहता है। इस शोध में यह भी खुलास हुआ कि अगर मां प्रेगनेंसी के दौरान सिगरेट पीती है तो उसमें मौजूद निकोटीन हाइपोथैलमस पर प्रभाव डालता है और इससे अधिक भूख लगती है। ओवरईटिंग से मोटापा बढ़ता है।


मां और भ्रूण का वजन

गर्भावस्था के दौरान अगर महिला का वजन अधिक नहीं है तो उसे लगता है कि व्यायाम करना जरूरी नहीं है। इस शोध में यह खुलासा हुआ कि अगर मां का वजन अधिक नहीं है और वह व्यायाम नहीं करती तब भी बच्चे को बाद में मोटापे का खतरा अधिक रहता है। एथलीट में यह संभावना कम होती है, क्योंकि वो गर्भधारण के सातवें महीने तक वो एक्टिव रहती हैं।

इसलिए गर्भधारण के बाद भी महिलाओं को व्यायाम जरूर करना चाहिए। इससे मां तो फिट रहेगी साथ ही बच्चा भी हेल्दी रहेगा।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते है।

Image Source : Getty

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