"तुम्हारा नाम क्या है बेटा?" "चिरोंजी लाल खोसला"। "अरे! चिरोंजी भी कहीं कोई नाम होता है भला। किसने रख दिया तुम्हारा ये चिरोंजी नाम?" मंद सी आवाज में... "दादा जी" ने।
आप अक्सर लोगों के ऐसे अटपटे से नाम सुन सकते हैं हांलाकी बदलते समय के साथ इस तरह के नाम कम रखें जाने लगे हैं, लेकिन अभी भी काफी सारे अपवाद आपको मिल सकते हैं।
देखिए कुल मिलाकर कहा जाए तो बच्चों के नाम का उनके व्यक्तित्व को प्रभावित करने की बात का अलग अलग लोगों द्वारा अलग ढंग से सोच और वर्णन किया जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि बच्चे का नाम, उसके मानसिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं कुछ मनते हैं कि नाम और व्यक्तित्व के बीच किसी तरह के संबंध का विचार पूरी तरह से गलत और रूडिवादी सोच की उपज है। चलिए तो इस बात से जुड़े पहलुओं पर बात करते हैं कि ये पूरा माझरा क्या है।
दरअसल शिशु के जन्म के साथ ही उसका नाम भी रख दिया जाता है। हर व्यक्ति उपने नाम से पहचाना जाता है। किसी भी बच्चे के जन्म के बाद उसका नाम रखना अपने आप में एक बड़ा कठिन काम होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे के नाम का प्रभाव उसके व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। चलिए आज इसी विषय पर चर्चा करते हैं और ये जानने का प्रयास करते हैं कि कैसे करता है बच्चों का नाम उनके व्यक्तित्व को प्रभावित।
धर्म और नामकरण
हर धर्म में अपनी रिति के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद उसका एक नाम रखा जाता है। बच्चे का नाम उसकी पहचान के लिए नहीं रखा जाता है। मनोविज्ञान एवं अक्षर-विज्ञान के जानकारों का मानना है कि नाम का प्रभाव व्यक्ति के स्थूल-सूक्ष्म व्यक्तित्व पर भी गहराई से पड़ता है। इसलिए नाम सोच और समझकर तो रखा ही जाना चाहिए, इसके साथ नाम रोशन करने वाले गुणों के विकास के प्रति भी जागरूक रहना जरूरी होचा है। हिन्दू धर्म में नामकरण संस्कार में इस उद्देश्य का बोध कराने वाले श्रेष्ठ सूत्र समाहित रहते हैं।
अंक ज्योतिष कहता है कि जिस तरह मूलांक और भाग्यांक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं, उसी प्रकार नाम का भी उन पर काफी असर होता है। अंकशास्त्री बताते हैं कि नाम के पहले अक्षर का प्रभाव खास तौर से व्यक्तित्व और व्यवहार पर पड़ता है।
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नाम और व्यक्तित्व के बीच संबंध
हम सभी जानते हैं कि नाम पहचान के लिए रखा जाता है, लेकिन इसका एक इसका एक मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। आप के बच्चे का नाम उसके / उसकी व्यक्तित्व को सूक्ष्म तरीके से प्रभावित करता है। 2,000 ई.पू. में लोगों का भारी यकीन था कि नाम व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। लेकिन नामों के मानसिक व व्यक्तित्व के बीच संबंध को लेकर वैज्ञानिक सबूत पूरी तरह नए पहलू लेकर आते हैं। कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार नाम और व्यक्ति के व्यक्तित्व के बीच एक असामान्य संबंध है। जबकि कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों के नाम का पहला व आखिरी अक्षर समान होता है, वे समान व्यक्तित्व लक्षण वाले होते हैं।
सकारात्मक सोच
हमारे द्वारा उपयोग किये जाने वाले हर शब्द का एक अर्थ होता है, और नामों के लिए भी ये बात कोई अपवाद नहीं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि किसी व्यक्ति का नाम उसके व्यक्तित्व का निरूपित करता है। इस अवधारणा को 'सकारात्मक सोच की शक्ति' के समान माना जाता है। जब हम किसी व्यक्ति का नाम पुकारते हैं तो हमें उसके नाम के अर्थ का भी आभास होता है। आप अंक ज्योतिष के अनुसार नाम का चयन कर सकते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार नाम रखा गया नाम, दोनों माता और पिता के नाम के संगत होता है और उन लोगों के बीच सामंजस्य की संभावना को बढ़ाने वाल माना जाता है, विशेष तौर पर बच्चे की बढ़ती उम्र में।
पर्यावरणीय कारक
वे लोग जो मानते हैं कि नाम और व्यक्तित्व के बीच कोई रिश्ता नहीं है, ज्यादातर यह तर्क देते हैं कि किसी एक शब्द का अलग-अलग भाषा में अलग अर्थ हो सकता है। समान नाम के साथ दो लोगों को अक्सर पूरी तरह से अलग व्यक्तित्व वाला देखा जा सकता है। यह सच है कि व्यक्तित्व, विभिन्न पर्यावरण या विरासत में मिलने वाले कारकों से प्रभावित होता है, लेकिन अपने बच्चे के लिए एक सार्थक नाम चुनने में कोई बुराई भी तो नहीं है। यद्यपि अपके बच्चे के नाम का उसके जीवन पर असर पड़ेगा, लेकिन आपको यह बात भी दिमाग में रखनी होगी कि अपका बच्चा जिस वातावरण में बड़ा होता है, वह उसके माता-पिता का होता है। और वे जिस तरह से उसका पालन-पौषण करेंगे, उसका व्यक्तित्व को भी वही रूप मिलेगा।
आपको यह समझ लेना चाहिए कि एक सकारात्मक आत्म-छवि और विश्वास के साथ एक बच्चे को पालना अधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि बच्चा खुद के साथ सहज है तो वह अपने नाम के साथ भी खुश रहेगा। देखिए फिर भी बच्चे का नाम रखते समय कुछ बातों का विशेष खयाल जरूर रखना चाहिए, जैसे नाम का अर्थ सकारात्मक हो नकारात्मक नहीं, नाम का बिगड़ा रूप नहीं होना चाहिए, नाम का उच्चारण शुद्ध रूप से होना चाहिए, नाम रखते समय भाषा का भी ध्यान रखना चाहिए आदि। इसके अलावा एक पुरानी कहावत है 'यथा नाम तथा गुण' इसका अर्थ है कि व्यक्ति के नाम का प्रभाव उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है। इसीलिए नाम हमेशा अर्थपुर्ण रखें।
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