हृदय कैंसर या कार्डियक सरकोमा, कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है जो दिल के ऊतकों को प्रभावित करता है। ज्यादतर हृदय कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों से दिल में फैलता है। शरीर के अन्य हिस्से जैसे - फेफड़ों, ब्रेस्ट, किडनी या लीवर में मौजूद कैंसर के सेल्स हृदय को भी प्रभावित करते हैं जिससे हृदय कैंसर होता है। हालांकि अभी तक कैंसर के इस कारणों का सही पता नही चल पाया है। हार्ट कैंसर होने पर सीने में दर्द, सीने में जकड़न, अच्छे से रक्त का संचार न होना, थकान, सांस लेने में दिक्कत, दिल की धड़कन का अनियमित होना जैसे लक्षण हृदय कैंसर के हो सकते हैं। आइए हम आपको कैंसर के इस प्रकार के उपचार के बारे में जानकारी देते हैं।
हार्ट कैंसर का उपचार
इंजेक्शन और ड्रेनेज
हृदय कैंसर की शुरुआत दिल के ऊतकों से होती है। इस स्थिति को प्राथमिक कार्डियाक ट्यूमर कहते हैं। इस स्टेज के उपचार के लिए दिल में इंजेक्शन के माध्यम से तरल पदार्थ डाला जाता है, जो दिल के पंप करने की गति को सामान्य करता है। यह इंजेक्शन दिल को सामान्य करने में मदद करता है। इसके अलावा यदि हृदय कैंसर प्राथमिक अवस्था में है, तो इंजेक्शन के माध्यम से चिकित्सक दिल में दवा डालते हैं जो कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं।
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रेडिएशन थेरेपी
दिल के कैंसर के मरीजों के उपचार के लिए विकिरण थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वास्थ्य की प्रमुख वेबसाइट मायो क्लीनिक के अनुसार, हृदय कैंसर के मरीजों के लिए लंबे समय तक रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है, इसके कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज होने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि रेडिएशन थेरेपी के जरिए हृदय कैंसर का उपचार किया जा सकता है। लेकिन अभी तक इसके दुष्प्रभावों के बारे में अच्छी तरह से शोध नही हो पाया है। इसलिए हार्ट कैंसर के उपचार के लिए विकिरण थेरेपी को एक सफल प्रयोग के रूप में नही देखा जा सकता है।
कीमोथेरपी
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार, हृदय कैंसर, कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है और इसके कारण मुश्किल से 0.0001 प्रतिशत लोग ही मरते हैं। इसलिए इसके उपचार के लिए अभी भी सीमित अध्ययन किया गया है और इसमें कीमोथेरेपी भी एक है। हृदय कैंसर के मरीजों में कीमोथेरेपी से उपचार के बाद मिले-जुले परिणाम रहे, कुछ मरीजों को इस प्रक्रिया से इलाज के बाद ठीक हो गये और कैंसर की जटिलता कम हुई, लेकिन कुछ मरीज इस प्रक्रिया से इलाज के बाद भी पूरी तरह से ठीक नही हुए।
हृदय प्रत्यारोपण
हृदय कैंसर के उपचार के लिए हार्ट ट्रांसप्लांट भी किया जाता है। यदि हृदय कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में न फैला हो तो हृदय को प्रत्यारोपित करके इसकी रोकथाम की जाती है। हालांकि हृदय कैंसर के मरीजों के लिए हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया बहुत ही जटिल है और इसे करने में बहुत जोखिम रहता है, क्योंकि जिन दवाओं का प्रयोग हृदय प्रत्यारोपण के लिए किया जाता है उनसे दोबारा कैंसर होने की आशंका रहती है।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, भारत में कैंसर के कारण मरने वाला हर तीसरा व्यक्ति मोटापे, कुपोषण और शारीरिक निष्क्रियता का शिकार होता है। धूम्रपान और मादक पदार्थ भी कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
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